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भारत पर बढ़ता प्रदुषण का बोझ

  भारत पर बढ़ता प्रदुषण का बोझ  प्रति वर्ष की तरह इस बार भी दिल्ली तथा उत्तर भारत के बहुत सारे शहर प्रदूषण की चपेट में है। इस प्रदूषण की वजह से भारत को जान तथा माल का भारी नुकसान हो रहा है। वर्तमान में भारत की राजधानी दिल्ली दुनिया की सबसे अधिक प्रदूषित शहर है।  सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण भारत की जीडीपी के 5 .4 % के बराबर यानि 150 अरब डॉलर का आर्थिक बोझ देश पर पड़ रहा है। इसी तरह विश्व बैंक के अनुसार प्रदूषण की वजह से घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर से साल दर साल लगभग 0 .56 फीसदी की कमी आ सकती है।  प्रदूषण की वजह से भारत में प्रति वर्ष 16 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। आईसीएमआर के महानिदेशक  बलराम भार्गव ने बताया है कि इस अध्ययन के नतीजे बताते है कि वायु प्रदूषण फेंफड़ों से जुड़ी बीमारियों के चालीस फीसदी मामलों के लिए जिम्मेदार है. वहीं ,इस्केमिक हार्ट डिजीज ,स्ट्रोक ,डायबिटीज और समय से पहले पैदा होने वाले नवजात बच्चों की मौत के लिए वायु प्रदूषण 60 फीसदी तक जिम्मेदार है।  भारत पर इस तरह होगा असर अगर जीडीपी की गणना में शामिल वस्तुओं एवं सेवाओं

तारीख पे तारीख -भारत में लंबित मुकदमों के संदर्भ में

 तारीख पे तारीख -भारत में लंबित मुकदमों के संदर्भ में   बहुत साल पहले भारत में एक फिल्म रिलीज हुई थी ''दामिनी ' ' इस फिल्म में एक प्रसिद्व संवाद 'तारीख पे तारीख' के माध्यम से कोर्ट में किसी मुकदमें के सुनवाई के दौरान वकीलों के द्वारा मुकदमों को लटकानें के प्रकिया को प्रदर्शित किया गया था ।  इस संवाद को हल ही में उच्चतम न्यायलय के  मुख्य न्यायधीश ने वकीलों के द्वारा मुकदमों की सुनवाई को लंबित किये जाने के संदर्भ में फिर से याद किया है तथा वकीलों से इस बात का अनुरोध किया है की वे अनावश्यक रूप से मुकदमें की सुनवाई को लंबित न करे। उन्होंने कहा की सितम्बर 23 से अक्टूबर 23 के बीच 3688 मामलों में सुनवाई टालने का आग्रह आ चुका है।  उल्लेखनीय है कि देश के विभिन्न अदालतों में अभी 4 .44  करोड़ से ज्यादा केस लंबित है। इनमें से आधे यानी 2,07,77,421  मामलें पुलिस वकील और अदालतों ने खुद ही अटका रखे है। नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीमकोर्ट ने 1825 , हाईकोर्ट ने 1 लाख 4 हजार 346 और अन्य अदालतों ने 30 लाख 99 हजार   918 केसों पर स्टे लगा

भारतीयों का अमीर देशों में बसने का बढ़ता ट्रैंड

भारतीयों का अमीर देशों में बसने का बढ़ता ट्रैंड  पिछले कुछ वर्षो से भारतीयों का विदेशो में बसने का ट्रैंड लगातार बढ़ता जा रहा है। इस तथ्य की पुष्टि हाल में प्रकाशित ओईसीडी इंटरनेशनल माइग्रेशन २०२३ की रिपोर्ट से होता है। इसके अनुसार वर्ष २०२१ में 407000 भारतीयों ने दुनिया के ३८ सबसे अमीर देशों की और रुख किया है। यह संख्या इसके पिछले वर्ष अर्थात वर्ष 2020 की तुलना मे 86 प्रतिशत अधिक है। इस वर्ष(वर्ष 2020 ) लगभग 2.2 लाख भारतीयों ने अमीर देशों की और रुख किया था ।  वर्ष 2021 मे गए 407000 भारतीयों मे से लगभग 1.3 लाख भारतीयों को विभिन्न देशों की नागरिकता भी प्राप्त हो गयी है । सबसे अधिक लगभग 56000 लोगों को अमेरिका की नागरिकता ,लगभग 24000 हजार लोगों को Austrelia तथा 21000 लोगों को कनाडा की नागरिकता प्राप्त भी हो गयी है।  आखिर इतनी बड़ी संख्या मे लोग भारत को छोड़कर अमीर देशों की और रुख क्यों कर रहे है ? निम्न वजहों से अमीर लोग उपरोक्त देशों की नागरिकता ले रहे है - राजनीतिक स्थिरता ।  कम टैक्स ।  निवेश के अधिक मौके ।  शिक्षा तथा हेल्थ की सेक्टर का अधिक गुणवत्ता पूर्ण होना ।  व्यक्तिगत स्वतंत्रता को

महिला आरक्षण विधयेक 2023

 महिला आरक्षण विधयेक 2023    हाल ही में हमारे देश की संसद ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया। इस अधिनियम के द्वारा अब महिलाओं को लोकसभा,राज्य विधानसभा तथा दिल्ली विधानसभा  में 33 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त होगा। हालांकि, इस अधिनियम के प्रावधान जनगणना के पश्चात होने वाले परिसीमन के बाद लागू होगा।  वर्तमान में भारत के संसद के लोकसभा में 82 (15.2 %) तथा राज्यसभा में 31 (13 %) महिलाएँ है। इस अधिनियम के लागू होने के बाद हमारे देश के संसद के लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ जाएगा। उल्लेखनीय है की अभी हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश के संसद में 21 % तथा पाकिस्तान के संसद में २० प्रतिशत महिला संसद है। इसी तरह दुनिया के सबसे ज्यादा महिला सांसद वाला देश रवांडा (61% ),क्यूबा (53 %) तथा निकारगुआ (51 %) हुआ।   महिला आरक्षण को लागू करने के लिए संविधान में 128 वा संशोधन किया गया है। इस संशोधन के द्वारा संविधान में अनुच्छेद 330 अ जोड़ा जाएगा।  विधेयक में प्रावधान किया गया कि महिलाओं के लिये आरक्षित सीटें राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों में विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में रोटेशन द्वारा आवंटित की जा सकती ह

ऑस्कर में चयनित भारतीय फिल्म: "एवरीवन इज ए हीरो"

हिंदी सिनेमा के लिए यह किसी खुशखबरी से कम नहीं है। मलयालम फिल्म '2018: एवरीवन इज ए हीरो' का ऑस्कर में एंट्री मिल गई है। बता दें कि ऑस्कर के लिए भारत की तरफ से ऑफिशियल एंट्री मिली है। 'लगान' के बाद से किसी भी भारतीय एंट्री को बेस्ट अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म के लिए नॉमिनेशन नहीं मिला है। 2023 में रिलीज हुई फिल्मों के लिए 96वां ऑस्कर पुरस्कार 10 मार्च 2024 को लॉस एंजिल्स में आयोजित किया जाएगा।  फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (FFI) ने बुधवार को इसका एलान किया. प्रख्यात फिल्म निर्माता और चयन समिति के   अध्यक्ष गिरीश कसरावल्ली ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 16 सदस्यीय जूरी ने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए   सर्वसम्मति से मलयालम फिल्म का चयन किया. कन्नड़ सिनेमा में जाने-माने फिल्म निर्माता कसरावल्ली ने कहा कि उन्होंने   2024 के एकेडमी अवॉर्ड्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए '2018' का चयन करने से पहले लंबी चर्चा की थी.  मलयालम फिल्म '2018 एवरीवन इज ए हीरो' को ऑस्कर में मिली एंट्री  मलयालम फिल्म '2018: एवरीवन इज ए हीरो' को ऑस्क

"नदी उत्सव": भारत की समृद्ध नदी संस्कृति का उत्सव

दिल्ली में 22 से 24 सितंबर तक शुरू हुआ तीन दिवसीय उत्सव 'नदी उत्सव'  भारत की समृद्ध नदी संस्कृति का उत्सव ‘नदी उत्सव’ का चौथा संस्करण आज 22 सितंबर से शुरू हो रहा है और 24 सितंबर 2023 तक जारी रहेगा। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र) के राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन (एनएमसीएम) द्वारा जनपद संपदा प्रभाग के सहयोग से आयोजित इस वर्ष का ‘नदी उत्सव’ एक ज्ञानवर्धक और सांस्कृतिक रूप से आयोजित करता है | यह कार्यक्रम पवित्र यमुना नदी के तट पर स्थित जीवंत शहर दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।  यह परियोजना वर्तमान में छह नदियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है: उत्तर में गंगा, यमुना और सिंधु और दक्षिण में कृष्णा,   गोदावरी और कावेरी। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए), संस्कृति मंत्रालय के तहत कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक संस्था, ‘नदी उत्सव’ के पीछे प्रेरणा शक्ति रही है। इस नेक पहल की कल्पना डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने नदियों के पारिस्थितिक और पर्यावरणीय महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को संवेदनशील

दादा साहेब फाल्के लाइफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार : वहीदा रहमान

 आज 26 सितंबर 2023 को, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री, अनुराग ठाकुर ने घोषणा की कि अनुभवी और निपुण अभिनेत्री वहीदा रहमान को सिनेमा की दुनिया में भारत के सर्वोच्च सम्मान प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। वहीदा रहमान का शानदार करियर उत्कृष्टता का पर्याय है। उन्होंने भारतीय सिनेमा के इतिहास में अपना नाम बेहतरीन प्रतिभाओं में से एक के रूप में दर्ज किया है। अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए जानी जाने वाली, उन्होंने ‘ प्यासा’, ‘सीआईडी’, ‘गाइड’, ‘कागज के फूल’, ‘खामोशी’ और ‘त्रिशूल’ सहित कई प्रतिष्ठित फिल्मों में अविस्मरणीय प्रदर्शन किया है। सिनेमा की दुनिया में उनके योगदान ने एक अमिट छाप छोड़ी है जो पीढ़ियों के दर्शकों के साथ गूंजती है। सिनेमा में वहीदा रहमान की यात्रा पांच गौरवशाली दशकों तक फैली हुई है। उन्होंने अपनी भूमिकाओं को चालाकी और समर्पण के साथ चित्रित किया है, अपने असाधारण प्रदर्शन के लिए आलोचकों की प्रशंसा अर्जित की है। विशेष रूप से, उन्हें “रेशमा और शेरा” में एक कबीले की महिला की भूमिका निभाने के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार