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विश्व के देशो में घटती जन्म दर

 विश्व के देशो में घटती जन्म दर   एक तरफ भारत ने हाल ही में जनसंख्या के मामले में चीन को पछाड़ कर विश्व में पहला स्थान प्राप्त कर लिया वही दूसरी तरफ प्रतिष्ठित पत्रिका THE ECONOMIST के एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में खासकर विकसित देशों में आबादी लगातार घट रही है।  आबादी में यह गिरावट किसी महामारी या आपदा के कारण नहीं अपितु जन्म दर में गिरावट की वजह से हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2000 में प्रति महिला प्रजनन दर 2.7 थी। वही आज घट कर यह 2.3 हो गया है। प्रति महिला प्रजनन दर में गिरावट के कारण दुनिया की आबादी अब घटने की ओर बढ़ चुकी है।  आबादी घटने का परिणाम यह हो रहा है की दुनिया में बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है। बुजुर्गो की आबादी में वृद्धि में पहले जापान तथा इटली का नाम आगे था पर इस लिस्ट में अब ब्राजील ,मेक्सिको तथा थाईलैंड का नाम भी शामिल हो गया है।  वर्ष 2030 तक पूर्व तथा दक्षिण पूर्वी एशिया की आधी आबादी 40 साल से अधिक होगी। अफ्रीका को छोड़कर दुनिया की आबादी 2050 के दशक में अपने सर्वोच्च स्तर पर होगी उसके पश्चात आबादी में गिरावट में बहुत तेजी से कमी होगी।  वर्ष 2010 में 98 देशो में प

Histroy of Indian Institute of Advance Studies , Shimla

History Of Indian Institute of Advance Studies , Shimla   यह भारत का उच्च शिक्षा का एक महत्वपूर्ण संस्थान है। इस संस्थान की स्थापना वर्ष 1965 में भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के द्वारा शिमला में की गयी थी। जिस भवन में यह संस्थान संचालित है वह पहले राष्ट्रपति का ग्रीष्मकालीन अवकाश बिताने वाला भवन था। इसे राष्ट्रपति भवन के नाम से जाना जाता था। इस राष्ट्रपति भवन को अग्रेजो के दौर में वॉयसरीगल के नाम से जाना जाता था ।  यह भारत के उन प्राचीन भवनों में से एक है जिसका इतिहास अंग्रेजो के साथ जुड़ा हुआ है। यह भवन अंग्रेजो द्वारा भारत में निर्मित बड़े निर्माणों में से एक है। इस भवन को अंग्रेजो के शासन काल में वॉयसराय के ग्रीष्मकाल में शिमला में निवास करने के लिए बनाया गया था। उल्लेखनीय है की शिमला भारत की 1864 से लेकर 1947 तक ग्रीष्मकालीन राजधानी थी। जब शिमला को भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया तभी से यहाँ भारत के वॉयसराय के निवास करने योग्य एक भवन की कमी महसूस की जा रही थी। इस कमी को पूरा करने के लिए शिमला में "समर हिल "नामक स्थान पर वॉयसरीगल की आधारशिला

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन (CBI)

 सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन (CBI) 17 मई 2023 को सीबीआई के नए डायरेक्टर की नियुक्ति का आदेश केंद्र सरकार ने जारी किया है। इस आदेश के तहत श्री प्रवीण सूद सीबीआई के नए डायरेक्टर होंगे। वे इस पद पर दो साल तक रहेंगे। उल्लेखनीय है की वे 1986 बेंच के आईपीएस है।उनका सम्बन्ध कर्नाटक कैडर से है। वे इस पद पर दो साल तक रहेंगे।  सीबीआई के डायरेक्टर के चयन की प्रक्रिया  इनके चयन की प्रक्रिया एक चयन समिति के द्वारा होता है। इस चयन समिति में प्रधानमंत्री ,सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तथा लोकसभा के प्रमुक्ष विपक्षी दल के नेता होते है।    सीबीआई का इतिहास  इसकी स्थापना 1941 में स्पेशल एक्ट की तहत हुयी थी। इस एक्ट को दिल्ली स्पेशल पुलिस एक्ट के नाम से जाना जाता है। इसका प्रमुख कार्य सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को रोकना है। इसके अलावा यह केंद्र शासित प्रदेशों में अपराधों की जाँच करने में भी सक्षम है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस स्पेशल एक्ट 1946 के धारा 6 के अनुसार राज्यों की सहमति प्राप्त होने पर यह किसी राज्य में हुए अपराधों की जाँच भी कर सकने में सक्षम है। यह इंटरपोल की एक सहयोगी संस्था है।  प्रम

क्या चीन की आर्थिक वृद्धि थम रही है ?

क्या चीन की आर्थिक वृद्धि थम रही है ?   हाल ही में द इकोनॉमिस्ट में एक खबर प्रकाशित हुयी है की चीन की आर्थिक वृद्धि दर ठहर गयी है।इस ठहराव के कारण रिसर्च फर्म केपिटल इकोनॉमिक्स ने यह अनुमान जाहिर किया है की चीन अब कभी भी अमेरिका को पीछे नहीं कर पाएगा तथा वह 2035 तक अमेरिका की अर्थव्यवस्था के 90 प्रतिशत तक पहुंच के रूक जाएगा। इस ठहराव के पीछे कुछ प्रमुख कारण निम्न है - चीन की कामकाजी आबादी लगातार घट रहा है। इसका प्रमुख कारण पिछले कुछ वर्षो तक चीन में एक बच्चे वाली नीति का प्रचलन में रहना है। इस नीति  कारण चीन की युवा तथा कार्यशील आबादी लगातार घट रही है। इस घटती आबादी का सीधा असर उसकी उत्पादकता पर पड़ रही है।  प्रति व्यक्ति उत्पादकता लगातार घट रही है।  चीन के राष्ट्रपति का तानाशाही रवैये की वजह से वहां के स्थानीय उद्योगपति तथा बिजनेस टाइकून में डर का माहौल है जिसकी वजह से वहाँ पहले की तरह होने वाली इनोवेशन में कमी आयी है। एक समय था महंगी तकनीक भी चीन की वज़ह से आम लोगो के हाथ में आ गयी थी लेकिन अब यह उत्साह पहले के मुकाबले कम नज़र आता है।  अमेरिका के साथ उसके बढ़ते तनाव के कारण भी अमेरिका स

दिल्ली में निर्वाचित सरकार तथा सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

 दिल्ली में निर्वाचित सरकार तथा सुप्रीम कोर्ट का निर्णय   भारत के संविधान में इस बात को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है की भारत राज्यों का संघ है (अनुच्छेद 2 ) तथा अनुच्छेद 245 एवं सातवीं अनुसूची के अनुसार देश के सुचारु सञ्चालन के लिए तीन सूचियों का निर्माण किया गया है - संघ सूचि ,राज्य तथा समवर्ती सूचि। संघ सूचि पर कानून बनाने का अधिकार केंद्र सरकार को तथा राज्य सूचि पर कानून बनाने का अधिकार राज्य को एवं समवर्ती सूचि पर कानून बनाने का अधिकार केंद्र और राज्य दोनों के पास है। इस तरह इन सूचियों के द्वारा इस बात को सुनिश्चित किया गया है की देश का सञ्चालन सुचारु रूप से हो।  सुप्रीम कोर्ट का हालिया निर्णय इस बात को सुनिश्चित करता है की राज्य को अपने सूचि के विषय पर कानून बनाने तथा अधिकारियों पर पूर्ण नियंत्रण है ,हालांकि दिल्ली संघ शासित प्रदेश है। अतः पुलिस,कानून तथा व्यवस्था एवम  जमीन से संबंधित विषयों पर कानून बनाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। (अनुच्छेद 239 AA & 239 AB) इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को भी साफ़ किया कि राज्यपाल को चुनी हुई सरकार के सलाह के आधार पर निर्णय ल

द केरला स्टोरी तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

 द केरला स्टोरी तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हाल ही में सिनेमा घरो में एक नयी फिल्म लगी है जिसका नाम है  द केरला स्टोरी । इस फिल्म में यह दावा किया गया है की यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है तथा यह वह तीन हिन्दू महिलायों की कहानी है जिनका धर्मांतरण कराया गया तथा उन्हें आंतकवादी संगठन का सदस्य बनवाया गया।  इस फिल्म के ट्रेलर में यह दावा किया गया है की केरल में लगभग ३२००० हिन्दू महिलायों के साथ यह घटना घट चुकी है। (हालॉकि अब इस दावे को हटा दिया गया है ). इसके तथ्यों तथा दावा को लेकर केरल के विभिन्न राजनितिक दल इस फिल्म लगातार विरोध कर रही है। इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इस फिल्म को पश्चिम बंगाल में बेन कर दिया है। जिसका विरोध वहाँ की प्रमुख विपक्षी दल कर रहे है।  इसी तरह तमिलनाडु के मल्टीप्लेक्स से भी इस फिल्म को हटा दिया गया है।  इस फिल्म के कुछ राज्यों में विरोध तथा बेन के कारण एक बार फिर से भारत में अभिव्यक्ति की आज़ादी को लेकर बहस तेज़ हो गयी है।  अभिव्यक्ति की आज़ादी क्या है और क्यों जरूरी है ? अभिव्यक्ति की आज़ादी   वर्तमान लोकतंत्र का यह प्रमुख लक्षण है। इसके अंतर्गत प्रत्य

सुलगता मणिपुर

 सुलगता मणिपुर साभार इंडिया टुडे  साभार द हिन्दू  साभार द हिन्दू  पिछले कुछ दिनों से मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है। इस हिंसा से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने मणिपुर में अनुच्छेद 355 को राज्य में लागु कर दिया है। इसके अलावा यहाँ हिंसा पर नियंत्रण के लिए सेना को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है तथा हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है।  मणिपुर में हिंसा का कारण ? इतिहास गवाह है की कोई भी घटना शून्य में नहीं घटती। हर घटना के पीछे कोई न कोई सामाजिक या आर्थिक कारण जिम्मेदार होता है। यही बात मणिपुर के सन्दर्भ में भी लागु होती है। मणिपुर में हिंसा के पीछे सामाजिक तथा आर्थिक दोनों ही कारण मौजूद है।  पहला कारण , मणिपुर हाई कोर्ट के द्वारा राज्य सरकार को यह निर्देशित किया गया है की वह केंद्र सरकार को मैइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान करने के लिए सिफारिश भेजे ताकि इस  समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान किया जा सके। उल्लेखनीय है की इस  समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की माँग पिछले दस वर्षो से लंबित थी। इसी लंबित माँग के तहत ही मणिपुर