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स्टारशिप : भविष्य का यान

स्टारशिप हाल ही मे स्पेस एक्स द्वारा निर्मित स्टारशिप खबरों मे रहा है । यह खबरों मे इसलिए रहा है क्योंकि यह यान मानवों को मंगल तथा चंद्रमा मे ले जाने के लिए बनाया गया है । पर अपने छोड़े जाने के 4 मिनट के भीतर यह ब्लास्ट हो गया। आईए जानते है इसकी खूबियों के बारे मे - यह पूरी तरह से स्टेनलेस  स्टील से निर्मित है ।  इसे बनाने का श्रेय दुनिया के दूसरे आमिर व्यक्ति एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स को जाता है ।  इसका प्रमुख उद्देश्य मानवों को मंगल तथा चांद तक ले जाना है ।  इसे कई बार प्रयोग किया जा सकता है ।  इसके अलावा यह यान मानव को दुनिया के किसी भी कोने मे 1 घंटे मे ले जा सकता है ।  इसमे एडवांस्ड रेपटर इंजन लगा हुआ है ।  इसमे ऐसे सिस्टम का प्रयोग हुआ है जो मंगल पर मौजूद पानी और कार्बन डाइ आक्साइड के प्रयोग से ऊर्जा प्राप्त कर सकता है । 

भारतीय राज्यों मे राज्यपाल का शासन मे बढ़ता हस्तक्षेप

 भारतीय राज्यों मे राज्यपाल का शासन मे बढ़ता हस्तक्षेप सोर्स THE HINDU पिछले कुछ वर्षों मे भारतीय राज्यों खासकर विपक्ष के शासन वाले राज्यों मे राज्यपाल का शासन के कार्यों मे हस्तक्षेप लगातार बढ़ रहा है । इसकी वजह से राज्यों की चुनी हुयी सरकारे सही तरह से कार्य नहीं कर पा रही है। परिणामतः  उन संबंधित राज्यों की जनता सत्ताधारी दलों से नाराज हो रही है । इसका हालिया उदाहरण छतीसगढ़ मे देखने को मिल रहा है । यहाँ विधानसभा से पारित आरक्षण संशोधन बिल को राज्यपाल के द्वारा पास नहीं किए जाने की वजह से सरकारी भर्तियाँ तथा कॉलेजों मे प्रवेश संबंधी प्रक्रिया पूरी तरह से ढप्प हो गई है । इन प्रक्रियों के पूरी तरह से रुक जाने की वजह से छत्तीसगढ़ के युवाओं मे सरकार से नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है ।  इसी तरह से तेलंगाना विधानसभा से पारित 11 विधेयक ,तमिलनाडु की नयी सरकार के  सितंबर 2021 में पदभार ग्रहण करने के बाद से राज्यपाल के पास राज्य मंत्रिमंडल द्वारा पारित लगभग 20 विधेयक उनकी मंजूरी के लिए लंबित हैं। इसी तरह से दिल्ली के उप राज्यपाल के द्वारा अक्सर चुनी हुयी सरकार की उपेक्षा करक...

बाघों की संख्या की वृद्धि के मामले मे भारत एक बार पुनः शीर्ष पर

बाघों की संख्या की वृद्धि के मामले मे भारत एक बार पुनः शीर्ष पर  भारत के पास खुश होने की दो प्रमुख वजहे है - प्रोजेक्ट टाइगर को 50 वर्ष पूरे हो गए ।  भारत मे अब बाघों की संख्या  2022 में बाघों की आबादी 124.5 फीसदी बढ़कर अब 3,167 पर पहुंच गई है। सबसे पहले बात करते है प्रोजेक्ट टाइगर की । प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुवात 1 अप्रैल 1973 को जिम कॉर्बेट पार्क(उतराखंड ) से की गई थी । इसका प्रमुख उद्देश्य बाघों के संख्या मे वृद्धि करना था । इस परियोजना की शुरुवात का श्रेय तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को जाता है । अब ये सवाल उठता है की बाघों को बचाना क्यों जरूरी है ?इसका प्रमुख कारण यह है की बाघ खाद्य शृंखला के शीर्ष पर विद्यमान है । बाघ की वजह से जंगल के अन्य शाकाहारी जानवर की आबादी पर एक नियंत्रण बना रहता है । अगर इन जानवरों पर नियंत्रण नहीं रखा जाएगा तो अत्यधिक चराई की स्थिति निर्मित हो जाएगी तथा इसका सीधा असर जंगल के सेहत पर पड़ेगा । इसलिए बाघ जंगल के सेहत को बनाए रखने के लिए अत्यंत जरूरी है ।  अब दूसरी चर्चा उस विषय पर करते है जो भारत को बाघ संरक्षण की मुहिम मे विश...

29th जिला मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी

जिला क्रमांक - 29वाँ  जिला स्थापना - 02 दिसंबर 2022 घोषणा तिथि - 15 अगस्त 2021 दावा आपत्ति अधिसूचना - 20 अक्टूबर 2021 सृजन अधिसूचना - 01सितंबर 2022  उद्घाटन समारोह  : मिनी स्टेडियम, मोहला  अध्यक्षता -  अमरजीत सिंह,    मुख्य अतिथि - मुख्य्मंत्री भूपेश बघेल प्रशासनिक विवरण -  जिला मुख्यालय - मोहला मातृ जिला - राजनांदगांव संभाग अंतर्गत - दुर्ग तहसील - 05 तहसील: मोहला, मानपुर, अंबागढ़ चौकी, औंधी, खड़गांव उपखंड  - 02 उपखंड: मानपुर - मोहला विधानसभा क्षेत्र - 01मानपुर - मोहला ST क्षेत्र भौगोलिक विवरण - पड़ोसी जिले - 03: राजनांदगांव, बालोद, कांकेर  सीमावर्ती राज्य - महाराष्ट्र भौगोलिक क्षेत्र - छत्तीसगढ़ का मैदान  स्थलाकृति बनावट - आर्कियंस एवम धारवाड़ खनिज -  लौह अयस्क : भंडारित क्षेत्र - बोरिया डिब्बू  यूरेनियम: भंडारित क्षेत्र -  बोदल, भण्डारी टोला, धूमतधाबी मिट्टी वितरण  -   काली मिट्टी नदी प्रवाह   महानदी- शिवनाथ प्रवाह तंत्र प्रवाहित नदियां -   शिवनाथ नदी , उद्गम -  पा...

गुरु घासीदास नेशनल पार्क में मिले भित्ति चित्र

गुरु घासीदास नेशनल पार्क में मिले भित्ति चित्र क्षेत्र -             जनकपुर परिक्षेत्र भित्तिचित्र -     3 से 5 हजार वर्ष पुरानी साइट्स -       अभी तक 24 साईट्स खोजें जा चुके हैं। प्रमुख साक्ष्य -  शिकार के औजारऔर जानवरों को बड़े पत्थरों में रखकर काटने के साक्ष्य। अन्य साक्ष्य -    हिरण, हाथी, बायसन, मोर, सांप आदि। अन्य नाम -      स्थानीय ग्रामीण भित्तिचित्र वाले स्थल को लिखामड़ा के नाम से जानते हैं। विशेष - भित्तिचित्र भारतीय उपमहाद्वीप में मानव जीवन की उत्पत्ति की शुरुवात के निशानों का वर्णन करती हैं। विशेष स्थल  -.  जनकपुर एरिया में खिरकी, चूयल, कमर्जी में मुनुकनार लामी पहाड़ी बड़गांव, कटवार मसर्रा, लवाहोरी और सोनहट एरिया में लमापनी, लामलामी पहाड़ी पर भित्तिचित्र मिले हैं।   प्राप्त भित्तिचित्र पर आधारित पुस्तक:   "शेड्स ऑफ द पास्ट"    लेखक-  रंगानाथ रामाकष्ण

देश की सबसे बड़ी चंद्रप्रभ की पद्मासन प्रतिमा

देश की सबसे बड़ी चंद्रप्रभ की पद्मासन प्रतिमा कहां है -  नसिया तीर्थ,दुर्ग  नदी तट - शिवनाथ नदी के तट पर मुख्य तीर्थंकर - 8वे जैन तीर्थंकर : चंद्रप्रभ (प्रतीक चिन्ह - चन्द्रमा) दुर्ग जिले के नगपुरा में 23वे जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ की प्रतिमा है। प्रतिमा की ऊंचाई 21फीट 11इंच और 80 टन भारी निर्माण - बिजोरा, राजस्थान से लाए गए लाल एकाश्म पत्थर से। चर्चा में - हाल ही मे भगवान चंद्रप्रभ का महामस्तकाभिषेक एवं कलशरोहण हुआ । विशेष -  अभी तक देश की सबसे बड़ी भगवान चंद्रप्रभ की पद्मासन प्रतिमा।

छत्तीसगढ़ का 'द जुरासिक पार्क '

छत्तीसगढ़ का 'द जुरासिक पार्क  कहाँ  हैं - हरी घाटी , बैलाडीला पहाड़ी (दंतेवाड़ा) खोज   - टी फर्न पौधों का बगीचा और झरना (90 फीट) क्या हैं -  धरती का आदिम पौधा ( वैज्ञानिक नाम - क्याथेलस) कालक्रम   - जुरासिक कालीन ( 36 करोड़ साल पुराना पौधा)