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आधुनिक मानव का उद्भव (origin of modern man )

आधुनिक मानव का उद्भव(origin of modern man )   भारत के इतिहास को समझने से पहले यह जानना जरूरी है की मनुष्य की उत्पत्ति कैसी हुयी? ऐसा माना जाता है की हमारी पृथ्वी का जन्म आज से लगभग 450 करोड़ पूर्व वर्ष हुआ था । वही हमारा जन्म आज से लगभग 20000 वर्ष पहले हुयी थी ।  भू गर्भ के अनुसार धरती के इतिहास को चार युगों मे विभाजित किया गया है - पेलियोंजोइक   मेसोंजोइक  तृतीयक  क्वाटरनरी  अंतिम दो युगों को सेनोजोइक भी कहते है । इसे स्तनधारियों का युग भी कहते है ।  सेनोजोइक युग को फिर से सात भाग मे विभाजित कर सकते है। इसमे से दो युग मानवों की उत्पत्ति के हिसाब से ज्यादा महत्वपूर्ण है । जो की निम्न है - प्लीस्टोसीन  होलोसिन  आधुनिक मानव के रूप मे विकसित होने का प्रक्रम निम्न तरीके से प्रारंभ होता है -  सबसे प्राचीन मनुष्य का प्रादुर्भाव एक अनुमान से वर्तमान पूर्वी अफ्रीका में हुआ । यह इसलिए कि मानव का सबसे प्राचीन जीवाश्म (फॉसिल्स ) इस के एक हिस्से इथियोपिया में मिला है। यह लाखों वर्ष पुरानी बात है, जब वहां यह कंकाल एक जीव रूप में चल-फिर रहा होगा । इन्हे मानवशास्त्रियों ने ऑस्ट्रोलिपिथिकस नाम दिया।

क्रिप्टोकरन्सी :एक यथार्थ

 क्रिप्टोकरन्सी: एक यथार्थ  प्रस्तावना    मनुष्य के विकास के साथ अर्थव्यवस्था का भी विकास होने लगा । प्रारम्भिक दौर मे मनुष्य जब स्थानीय या आपसी स्तर पर व्यापार या लेन -देन करता था तब वह वस्तु विनिमय कर लेता था । परंतु जब व्यापार बड़े स्तर पर होने लगा तब मुद्रा का आविर्भाव हुआ ।  सबसे प्राचीन मुद्रा मिट्टी का था जो मेसोपोटामिया मे प्राप्त हुआ था । तकनीक के विकास के साथ मुद्रा का भी विकास होने लगा । इसी का परिणाम है की आज दुनिया मे डिजिटल करन्सी का प्रचलन बढ़ता जा रहा है ।  क्रिप्टोकरन्सी क्या है ? क्रिप्टोकरन्सी एक डिजिटल मुद्रा का प्रकार है जो ब्लॉकचैन पद्धति पर काम करता है । यह करन्सी पूरी तरह विकेंद्रित तथा पारदर्शिता के सिद्धांत पर कार्य करने वाला करन्सी है । यह बिना किसी सेंट्रल बैंक के नियंत्रण के कार्य करता है ।  वही ब्लॉकचेन एक डिजिटल सार्वजनिक बही खाता है. इसी डिजिटल बही के जरिए ही क्रिप्टो करेंसी का संचालन होता है। प्रत्येक लेनदेन को एक सार्वजनिक बही खाते में रिकॉर्ड तथा आवंटित कर दिया जाता है। ब्लॉकचेन तकनीक की खासियत यह है कि यहां पर अगर एक बार भी कोई लेन-देन को दर्ज हो गय

current affairs 31 may 2022

 current affairs 31 may 2022 dainik bhaskar मे प्रकाशित खबरों पर आधारित  

लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप मे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया

 लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप मे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया   प्रस्तावना - किसी भी लोकतंत्र मे मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । मीडिया के द्वारा ही सरकार तथा जनता के बीच संवाद स्थापित होता है । मीडिया ही वह माध्यम होता है जिसके द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओ का प्रचार प्रसार जनता तक होता है तथा उनके क्रियान्‍वयन से जुड़ा फीडबैक सरकार तक पहुंचता है ।  मीडिया की लोकतंत्र मे महत्ता को देखते हुए हमारे संविधान निर्माताओं ने मीडिया की स्वतंत्रता को अनुच्छेद 19 (1) अ के अंतर्गत सुनिश्चित किया गया है तथा समय-समय पर अपने विभिन्न निर्णयों के द्वारा उच्चतम न्यायालय ने इस बात को अच्छे से स्थापित किया है ।यथा - वर्ष 1950 में, रोमेश थापर बनाम मद्रास राज्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने पाया कि सभी लोकतांत्रिक संगठनों की नींव पर प्रेस की स्वतंत्रता पर आधारित होती है। भारत मे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का इतिहास   भारत मे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का प्रारंभ 1964 मे हुआ जब दूरदर्शन मे न्यूज की शुरुवात हुयी । उस समय बहुत कम समय के लिए न्यूज दिखाया जाता था ।  1990 के दशक मे भारत मे निजी समाचार चैनल की शुरुवात हुयी ।

CURRENT AFFAIRS 30 MAY 2022

 CURRENT AFFAIRS 30 MAY 2022 DAINIK BHASKAR मे प्रकाशित खबरों पर आधारित  IPL 2022 के फाइनल मुकाबले में गुजरात टाइटंस ने अपने पहले ही सीजन में IPL का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में फाइनल मुकाबले में गुजरात ने राजस्थान रॉयल्स को 7 विकेट से हराया। इसी के साथ वह राजस्थान के बाद ऐसी दूसरी टीम बन गई है, जिसने आईपीएल में पहली बार शिरकत करते हुए खिताब जीता है। आईपीएल का पहला सीजन राजस्थान ने जीता था। चैंपियंस लीग   यूईएफए चैंपियंस लीग के फाइनल में स्पेन के क्लब रियल मैड्रिड ने लिवरपूल को 1-0 से हरा दिया। शनिवार देर रात फ्रांस की राजधानी पेरिस में खेले गए मुकाबले में रियल के विनिसियस जूनियर ने मैच में इकलौता गोल किया। रियल की टीम 14वीं बार चैंपियन बनी है। वहीं, लिवरपूल को चौथी बार फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है। भारत ने 2016 में ही लक्ष्य रखा था कि 2022 तक अक्षय ऊर्जा (रिन्युएबल एनर्जी) की क्षमता 1,75,000 मेगावाट तक पहुंचा दी जाए। लेकिन, हकीकत यह रही कि अप्रैल, 2022 तक भारत में सोलर व विंड एनर्जी की कुल क्षमता 96,000 मेगावाट ही हो सकी।     20

cgpsc(mains) solution 2021 paper 3

 cgpsc(mains) solution 2021 paper 3 भाग -1  सुत्तपिटक कितने निकाय मे विभाजित है ?उनके नाम लिखिए  यह पाँच निकाय मे विभाजित है - दीघनिकाय मज्झिमनिकाय संयुत्त निकाय अंगुत्तरनिकाय   खुद्दकनिकाय   कनिष्क के साम्राज्य के विस्तार के विषय मे बताए ? यह पाकिस्तान व भारत से उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर स्थित अमु दरया के उत्तर में दक्षिणी उज़्बेकिस्तान एवं ताजिकिस्तान से लेकर दक्षिण-पूर्व में मथुरा तक फैला था।  आर्यभट्ट  आर्यभट प्राचीन भारत के एक महान ज्योतिषविद् और गणितज्ञ थे। इन्होंने आर्यभटीय ग्रंथ की रचना की जिसमें ज्योतिषशास्त्र के अनेक सिद्धांतों का प्रतिपादन है। इसके अतिरिक्त  इसमे वर्गमूल , घनमूल , समान्तर श्रेणी तथा विभिन्न प्रकार के समीकरणों का वर्णन है। मराठा  मराठा साम्राज्य में राज्य की आय का मुख्य स्त्रोत भू-राजस्व था। शिवाजी के शासनकाल में राजस्व की दर 40% थी। चौथ, यह कर मराठों द्वारा पड़ोसी राज्यों से वसूला जाता था। सरदेशमुखी कर भी मराठों द्वारा पड़ोसी राज्यों से वसूला जाता था, यह राज्य की कुल आय का 10% होता था। शेरशाह  रैयत अर्थात प्रजा की भलाई की चिंता इसलिए भू राजस्व की दर

CURRENT AFFAIRS 29 MAY 2022

 CURRENT AFFAIRS 29 MAY 2022 दैनिक भास्कर मे प्रकाशित खबरों पर आधारित   भारत का सबसे बड़ा एशियाई नौसैनिक अड्डा  भारत कारवार में जो नेवल बेस बना रहा है, वह एशिया का सबसे बड़ा नेवल बेस होगा। कारवार नेवल बेस को हाल के वर्षों में भारत के आसपास मौजूद समुद्री इलाकों में चीन की बढ़ती मौजूदगी और उसमें पाकिस्तान को भी शामिल करके भारत को घेरने की कोशिशों का जवाब माना जा रहा है ।   कारवार कर्नाटक में स्थित है। कारवार नेवल बेस अरब सागर और पश्चिमी घाट के बीच में स्थित है। भारत कारवार नेवल बेस का निर्माण 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' के नाम से कर रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत कारवार में 3 अरब डॉलर यानी करीब 23 हजार करोड़ की लागत से 11 हजार एकड़ में फैले नेवल बेस का निर्माण किया जाना है। 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' को 1999 में मंजूरी मिली और इसके पहले चरण का काम 2005 में पूरा हुआ। इसके तहत कारवार में INS कदंब नाम से नेवल बेस बनाया गया, जो वर्तमान में देश में तीसरा सबसे बड़ा नेवल बेस है। इसके दूसरे चरण का काम 2025 तक पूरा होने की संभावना है, जिसके बाद कारवार में स्थित INS कदंब न केवल देश, बल्कि ए