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गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM ) शिखर सम्मेलन युगांडा में आयोजित हुआ

 गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) शिखर सम्मेलन युगांडा में आयोजित हुआ  सोर्स विज़न आईएएस  युगांडा में 'साझा वैश्विक समृद्धि के लिए सहयोग को गहरा करना ' विषय पर केंद्रित गुट निरपेक्ष आंदोलन (NAM) शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ।  NAM का गठन शीत युद्ध के दौरान राज्यों के एक संगठन के रूप में किया गया था , जिसका संयुक्त राज्य अमेरिका या सोवियत संघ के साथ कोई औपचारिक गठबंधन नहीं था।  इसकी उत्पति 1955 में बांडुंग में हुए एशिया - अफ्रीका सम्मेलन से मानी जाती है (इंडोनेशिया ) और 1961 में पहला NAM सम्मेलन बेलग्रेड में आयोजित किया गया था  '' बांडुंग के दस सिद्धांत (संप्रभुता के समान की तरह, सभी जातियों की समानता, राज्यों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप , आदि ) '' को अपने लक्ष्यों के रूप में अपनाया गया था।  जवाहरलाल नेहरू ( भारत ) , सुकोरनो (इंडोनेशिया ), जोसिप ब्रोजटो टाइटो (युगोस्लाविया) , गामल अब्देल नासर (मिस्र) और क्वम नर्क्रमाह (घाना ) , यह नेतृत्व वाले नेताओं के नेतृत्व में DECOLONIZATION प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  वर्तमान में, इसमें 17 पर्यवक्षक देशों और 10 पर्

G-20 SUMMIT @ INDIA

 G-20 SUMMIT @ INDIA                                                                       साभार - इंडिया टुडे  भारत की राजधानी तैयार है एक ऐतिहासिक क्षण के लिए और उस क्षण का नाम है जी-20 शिखर सम्मलेन। जी -20  दुनिया के महत्वपूर्ण देशो का एक समूह है। इस समूह में २० ऐसे देश शामिल है जो दुनिया की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को आधार प्रदान करते है।  यह समूह ही  2008 की वैश्विक मंदी के पश्चात दुनिया की अर्थव्यवस्था को एक दिशा प्रदान करने का प्रयास करता रहा है। इन्ही के समन्वित प्रयासों का ही परिणाम है की दुनिया अभी तक २००८ की तरह की वैश्विक मंदी को टालने में सफल रहा है। इस बीच वैश्विक महामारी कोरोना के समय भी दुनिया की अर्थव्यवस्था को गर्त में जाने से बचाने में भी इस समूह का प्रयास सरहानीय रहा है।  इस समूह में ग्लोबल नार्थ और ग्लोबल साउथ दोनों के देश शामिल है। दूसरे शब्दो में यह कहाँ जा सकता है की यह दुनिया के विकसित एवं अग्रणी विकासशील देशो का समूह है। इस समूह के देश दुनिया के कुल जीडीपी का 80  प्रतिशत ,कुल वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत ,कुल वैश्विक जनसंख्या का 75 प्रतिशत एवं दुनिया के कुल भूमि

भारत मे गरीबी पर विश्व बैंक द्वारा शोध पत्र

भारत मे गरीबी पर विश्व बैंक द्वारा शोध पत्र   सोर्स economic times   हाल ही में विश्व बैंक द्वारा ' पावर्टी हैज़ डिक्लाइन ओवर द लास्ट डिकेड बट नॉट अस मच अस यूथ थॉट' (Poverty has Declined over the Last Decade But Not As Much As Previously Thought) शीर्षक से शोध पत्र प्रकाशित किया गया है।  रिपोर्ट की प्रमुख बाते - 1. भारत में अत्यधिक गरीबी की स्थिति में वर्ष 2011 की तुलना में वर्ष 2019 में 12.3% अंक की कम आयी है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में तुलनात्मक रूप से तेज़ से गिरावट के साथ गरीबी वर्ष  2019 में वर्ष 2011 के स्तर 22.5% से घटकर10.2% हो गई है। उल्लेखनीय है की यहाँ अत्यधिक गरीबी से तात्पर्य उस व्यक्ति से है जो प्रति दिन 1.90 डॉलर की ये अर्जित करता है ।  2.शहरों की तुलना मे ग्रामीण क्षेत्रों मे गरीबी दर मे अधिक कमी आई है । ग्रामीण गरीबी वर्ष 2011 में 26.3% से घटकर वर्ष 2019 में 11.6% हो गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में इसी अवधि में गिरावट 14.2% से 6.3% तक ही हुई है। 3. वर्ष 2016 में भारत में विमुद्रीकरण के साथ शहरी गरीबी में 2% की बढ़ोत्तरी हुई तथा वर्ष 2019 में ग्रामीण ग

BIMSTEC:THE BRIDGE BETWEEN SOUTH AND SOUTH EAST ASIA

  BIMSTEC:THE BRIDGE BETWEEN SOUTH AND SOUTH EAST ASIA    It is comparatively new organization which connect south and south east Asia countries. Originally formed as BIST-EC (Bangladesh, India, Sri Lanka and Thailand Economic Cooperation ) in 1997 , it became BIMST-EC after Myanmar joined, and BIMSTEC in 2004 with the inclusion of Nepal and Bhutan . What is BIMSTEC?   the Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation ( BIMSTEC ) why it is important for India and other members countries?    India had long felt that the potential of SAARC was being under-utilized, and opportunities were being missed due to lack of response and/or an obstructionist approach from Pakistan. At the SAARC summit in Kathmandu in 2014, Modi said these opportunities must be realized “through SAARC or outside it” and “among us all or some of us”. Bangladesh views BIMSTEC as a platform to position itself as more than just a small state on the Bay of Bengal, and Sri Lanka sees

UNITED NATIONS SECURITY COUNCIL (क्या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद फ्लॉ...

G-7 SUMMIT 2021

इंटरपोल

इंटरपोल इंटरपोल (अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन) एक अंतर सरकारी संगठन है जिसमें भारत समेत 194 सदस्य देश हैं। इंटरपोल का मुख्यालय फ्रांस में और इसकी स्थापना अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन के तौर पर 1923 में हुई थी और इसने 1956 में अपने आप को इंटरपोल कहना शुरू कर दिया। सबसे पुराने सदस्यों में शुमार भारत 1949 में इस संगठन में शामिल हुआ था। भारत ने अब तक केवल एक बार 1997 में इंटरपोल महासभा का आयोजन किया था इंटरपोल साल 2022 में भारत में अपनी महासभा का आयोजन करेगा। यह आयोजन देश की आजादी के 75वें वर्ष के साथ होगा। रेड कॉर्नर नोटिस  रेड कॉर्नर नोटिस एक ऐसे व्यक्ति को ढूंढने और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने का अनुरोध है,जिसे आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया है. लेकिन सिर्फ रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने का मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति दोषी है. ये दुनिया में होने वाले अपराध पर अलर्ट भी करते हैं. रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के पीछे इंटरपोल का मुख्य उद्येश्य सदस्य देशों की पुलिस को सतर्क करना होता है ताकि संदिग्ध अपराधियों को पकड़ा जा सके या खोये हुए व्यक्तियों के बारे में जानकारी जुटाई जा सके.

जी-7 समिट तथा कोरोना

जी-7 समिट तथा कोरोना पृष्ठभूमि  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा- अब जी-7 समिट सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के पहले या उसके बाद हो सकती है जी-7 में अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और इटली शामिल, सभी सदस्य देश बारी-बारी से सालाना समिट को होस्ट करते हैं अमेरिका तथा  जी -7  आखिरी बार अमेरिका में यह शिखर सम्मेलन  2012 में हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मेरीलैंड के कैंप डेविड में सरकारी इमारत में शिखर सम्मेलन कराई थी। 2004 में पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने जॉर्जिया के सी आईलैंड रिजॉर्ट में इसे आयोजित किया था। अगस्त 2019 में जी-7 शिखर सम्मेलन फ्रांस के बियारिट्ज शहर में हुई थी। जी -7  जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी कथित विकसित और उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरीका शामिल हैं. इसे ग्रुप ऑफ़ सेवन भी कहते हैं. समूह खुद को "कम्यूनिटी ऑफ़ वैल्यूज" यानी मूल्यों का आदर करने वाला समुदाय मानता है. स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की सुरक्षा, लोकतंत्र और क़ानून का शासन और समृद्धि और

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय और अमेरिका

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय और अमेरिका पृष्ठ्भूमि    नीदरलैंड्स के हेग शहर में स्थित आईसीसी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, “अपील चैम्बर ने पाया कि अभियोजक को जांच के लिए अधिकृत किया जाता है... ये कथित अपराध 1 मई 2003 से अफ़ग़ानिस्तान के क्षेत्र में किए गए और साथ ही वे अन्य कथित अपराध भी जिनका अफ़ग़ानिस्तान में सशस्त्र संघर्ष से संबंध है, और अफग़ानिस्तान में हालात से पर्याप्त ढंग से जुड़े हैं और जिन्हें अन्य सदस्य देशों के क्षेत्रों में अंजाम दिया गया.” आईसीसी द्वारा जांच की ज़िम्मेदारी मुख्य अभियोजक फ़तू बेन्सूडा के पास होगी जिन्होंने नवंबर 2017 में पहली बार कोर्ट के प्री-ट्रायल चैम्बर में अपील दायर की थी. आईसीसी अभियोजक के अनुरोध में उन सभी कथित दुर्व्यवहारों का भी ज़िक्र किया गया था जिन्हें अफ़ग़ानिस्तान में 1 मई 2003 के बाद अंजाम दिया गया.  आईसीसी अभियोजक फ़तू बेन्सूडा का मुख्य कार्य तालिबान व हक़्क़ानी नेटवर्क और अफ़गान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों, नेशनल डायरेक्टरेट फ़ॉर सिक्योरिटी और अफ़ग़ान नेशनल पुलिस के सदस्यों द्वारा कथित युद्धापराधों व मानवता के विरुद्ध अपराधों की जांच करना हो

Non-Permanent membership of India in United Nations Security Council

Non-Permanent membership of India in United Nations Security Council background  India has been elected as a temporary member of the UN Security Council for the 8th time in 8 years. 193 countries of the General Assembly took part in the voting on Wednesday. 184 countries supported India. The US welcomed India's temporary membership of the Security Council. According to the United Nations Charter, India has been elected as a temporary member for two years. Ireland, Mexico, and Norway have also been elected provisional members along with India.  the Security Council?  It is an important part of the United Nations, it is also called the heart of the United Nations & police of the world. Its main task is to establish peace in the world. For this, it interacts with countries that threaten peace and if it does not give any result then, it can also take tough measures like economic sanctions. There are five permanent and 10non- permanent members in this council. Five are permanent mem

यूएन पीसकीपर्स डे

यूएन पीसकीपर्स डे   पृष्ठ्भूमि  यह पहली बार ही होगा जब किसी भारतीय को यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। इस खास सम्मान को हासिल करने वाली भारतीय हैं- मेजर सुमन गवानी । मेजर सुमन इस अवॉर्ड को ब्राजीली नेवी ऑफिसर कार्ला मोंटेरियो दी कास्त्रो अराउजो के साथ साझा करेंगी। यूएन महासचिव एंटोनियो गुतरेज यूएन पीसकीपर्स डे (29 मई) के मौके पर यानी आज एक वर्चुअल समारोह के दौरान इन दोनों महिला अफसरों को सम्मानित करेंगे कब से और क्यों मनाया जाता है यह दिवस ? वर्ष 2002 में यूएन की जनरल एसेंबली ने इंटरनेशनल डे ऑफ यूनाइटेड नेशंस पीसकीपर्स की शुरुआत की थी। इसका मकसद उन तमाम महिलाओं और पुरुषों को सम्‍मानित करना था जिन्‍होंने शांति की रक्षा में अपने प्राण त्‍याग दिए थे। जनरल एसेंबली ने 29 मई को इस दिन के लिए चुना क्‍योंकि साल 1948 में इसी दिन यूएन के पहले पीसकीपिंग मिशन ने अपना संचालन मिडिल ईस्‍ट में शुरू किया था। क्या है  यूनाइटेड नेशंस (यूएन) पीसकीपिंग मिशन? संयुक्त राष्ट्र संघ शांति अभियान के द्वारा संघर्ष में फंसे हुए देशों में शान्ति स्थापना का प्रयास किया

छत्तीसगढ़ में सुपोषण अभियान तथा UNICEF

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (United Nations Children's Fund-UNICEF) संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 11 दिसंबर, 1946 को बनाया गया था। पोलैंड के चिकित्सक लुडविक रॉश्मन ने यूनिसेफ का गठन करने में प्रमुख भूमिका निभाई। इसे बनाने का प्रमुख उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध में तबाह हुए देशों में बच्चों और माताओं को आपातकालीन स्थिति में भोजन और स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना था। 1950 में यूनिसेफ के दायरे को विकासशील देशों में बच्चों और महिलाओं की दीर्घकालिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिये विस्तारित किया गया था। 1953 में यह संयुक्त राष्ट्र का एक स्थायी हिस्सा बन गया और इस संगठन के नाम में से ‘अंतर्राष्ट्रीय’ एवं ‘आपातकालीन’ शब्दों को हटा दिया गया।

INTERNATIONAL COURT OF JUSTICE

यह संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख कानूनी संस्था है कानून से संबंध रखने वाले प्रश्नों पर ही यह विचार करता है ।ऐसे देश जो इस न्यायालय के सदस्य हों यदि किसी मामले को न्यायालय के समक्ष उपस्थित करना चाहें तो कर सकते हैं।संयुक्त राष्ट्र संघ की अन्य संस्थाएं भी किसी कानूनी प्रश्न पर न्यायालय से परामर्श ले सकती है इसके स्थापना से संबंधित बैठक का आयोजन 9 अप्रैल से 20 अप्रैल 1945 तक वाशिंगटन में हुई थी। इसकी स्थापना हेंग में 3 अप्रैल 1946 को हुई थी संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में 92 से 96 तक के अनुच्छेदों में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का विधान है। इसका संविधान 70 अनुच्छेदों में वर्णित है। न्यायालय का गठन संयुक्त राष्ट्र के चार्टर की धारा 92 मैं अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के गठन के विषय में बताया गया है। इस में जजों की संख्या 15 होती है न्यायाधीश अपने में से ही एक सभापति तथा उपसभापति को 3 वर्ष के लिए चुनते हैं। जजों का चुनाव सुरक्षा परिषद तथा महासभा द्वारा 9 वर्ष के लिए किया जाता है। मैं दूसरों का चुनाव योग्यता के आधार पर होता है ये व्यक्ति अपने राष्ट्र में विधिवेत्ता के