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Showing posts with the label INTERNATIONAL RELATIONS

Uncertainty in Nepal Politics

 Uncertainty in Nepal Politics 1. Nepali politics is characterized by unstable coalition-making, with shifting alliances and constant changes in power, as seen in the recent resignation of Prime Minister Pushpa Kamal Dahal due to lack of support in the House of Representatives.     2. The democratic polity in Nepal has experienced instability and poor governance since transitioning from a monarchy to a republic in 2008, despite constitutional reforms aiming to ensure representation for marginalized groups.     3. The major political parties in Nepal prioritize holding onto power over genuine governance, leading to a lack of development and continued status as a "least developed country."   4. The coalition politics in Nepal is driven more by a desire for power than by ideological or principled motives, resulting in further disillusionment among the Nepali population with the democratic process.   5. There is a suggestion that Nepal might benefit from a presidential system wit

INDIA & RUSSIA Relationship

INDIA & RUSSIA Relationship  Prime Minister Narendra Modi's Moscow Visit Prime Minister Narendra Modi's recent visit to Moscow was significant as it marked his first independent visit to Russia since 2019, focusing on enhancing bilateral relations. During the visit, Mr. Modi received Russia's highest civilian award and emphasized the importance of the strong ties between India and Russia, amidst global criticism. Bilateral Relations and Achievements The visit aimed to strengthen economic ties between India and Russia, with a focus on enhancing trade relationships. Both leaders discussed achieving a bilateral trade target of $100 billion by 2030, showcasing the growing economic partnership between the two countries. Additionally, efforts were made to address concerns such as allowing Indian recruits in the Russian Army to return to India. Diplomatic Balancing Act The visit lacked discussions on military purchases, usually a key aspect of India-Russia ties, to avoid inter

U.S. and South Korea sign joint nuclear deterrence guidelines

U.S. and South Korea sign joint nuclear deterrence guidelines in face of North Korean threats   1. The U.S. and South Korea signed joint nuclear deterrence guidelines amidst increasing concerns over North Korea's nuclear threats, highlighting the solid foundation for enhancing extended deterrence cooperation.   2. The establishment of a joint Nuclear Consultative Group facilitated the enhancement of information-sharing on nuclear and strategic operations between the U.S. and South Korea.   3. The guidelines aim to integrate U.S. nuclear assets with South Korean conventional weapons to effectively respond to North Korean nuclear threats, with a commitment from the U.S. to defend South Korea with swift and decisive action in case of a nuclear attack.   4. Despite the confidentiality of the details in the deterrence guidelines, North Korea is expected to react negatively, perceiving the agreement as a potential threat and expressing mistrust towards U.S. commitments due to recent adva

Israel must take measures to prevent genocidal acts in Gaza and permit aid: ICJ

  Israel must take measures to prevent genocidal acts in Gaza and permit aid: ICJ SOURCE THE HINDU Israel must prevent genocidal acts in Gaza and allow humanitarian aid into the territory, the UN’s top court ruled on Friday, in a closely watched decision that stopped short of calling for a ceasefire. The International Court of Justice was not deciding whether Israel was actually committing genocide with its military campaign in Gaza — that process will likely take several years. But it ruled that the “catastrophic humanitarian situation” in Gaza was “at serious risk of deteriorating further” before a final decision, so it issued a series of emergency measures. Israel must “take all measures in its power” to prevent genocidal acts and also stop officials making declarations inciting genocide, the court said. Concretely, the court urged Israel to take “immediate and effective measures to enable the provision of urgently needed basic services and humanitarian assistance” The International

रूस -यूक्रेन युद्ध के 500 दिन

  रूस -यूक्रेन युद्ध के 500 दिन  रूस तथा यूक्रेन के मध्य युद्ध के ५०० दिन पुरे हो गए। इतने दिनों में अभी तक रूस अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पाया है और इस बीच यूक्रेन अपनी काफी सारी जमीन को रूस के हाथो जाने देने के लिए मजबूर हो गया है। युद्ध के इन दिन बीत जाने के पश्चात दुनिया में निम्न परिवर्तन हुए है।  चीन तथा रूस के सम्बन्ध काफी मजबूत हो गए है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन और भारत ने रूस के ८० प्रतिशत उत्पादित तेल को खरीद लिया है।  नाटो का और अधिक विस्तार हो रहा है। फिनलैंड इसका नया सदस्य बन गया है और स्वीडन भी कतार में है। स्वीडन का विरोध तुर्किये कर रहा है।  नाटो का और अधिक विस्तार होने की वजह से दुनिया में एक नए कोल्ड वॉर की सम्भावना बढ़ रही है।  उक्रैन ने भी रूस के क्षेत्रो में हमला करना प्रारम्भ कर दिया है।  दुनिया में ड्रोन का बोलबाला बढ़ गया है.हाल ही में भारत ने अमेरिका से ३० ड्रोन की खरीदारी को लेकर समझौता किया है।     

श्रीलंका : वित्तीय, राजनीतिक और सामाजिक संकट

 Mains पेपर 7/ भाग 2 अन्तर्राष्ट्रीय घटनाएँ - श्रीलंका वित्तीय संकट भारत का पड़ोसी देश, श्रीलंका आज फिर एक बार "आग की लपटो" में जल रहा है। पर इस बार आग लगाने वाले हनुमान जी नहीं, वहां के सरकार की गलत नीतियां, उनके द्वारा लिया हुआ गलत निर्णय, साथ ही कर्ज के चक्रव्यूह ( Debt trap ) का शिकार हो चुकी सरकार है। आर्थिक संकट से जुझ रहा देश राजनीतिक अस्थिरता से भी गुजर रही है, प्रधानमंत्री महेन्द्र राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है, वित्तीय आपातकाल के बीच उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है। पुरे देश में कर्फ्यू लगी है ,आखिर लंका के इस हालात का जिम्मेदार कौन है ? इसके पीछे क्या-क्या कारण है? और मौजूदा हालात में भारत क्या रुख अपनायेगी। आइये इसके बारे में जाने :- श्रीलंका की वर्तमान स्थिति--   * श्रीलंका पर 56 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है, इसके ब्याज के रूप में उसको 2 अरब डॉलर चुकाने है। यदि यह कर्ज चुकाने में नाकाम रहती है तो वित्तीय एजेंसियां उसको डिफॉल्टर घोषित कर सकती है। * 2022 में वार्षिक मुद्रास्फीति दर अप्रैल माह में 29.80% तक बढ़ गयी है जो कि मार

येरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद तथा फिलिस्तीनियों कट्टरपंथी समूहों और इज़रायली सुरक्षा बलों के बीच हिंसा

 येरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद तथा फिलिस्तीनियों कट्टरपंथी समूहों और इज़रायली सुरक्षा बलों के बीच हिंसा  source wikipedia   हाल ही मे पुराने येरूशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद मे फिलिस्तीनियों कट्टरपंथी समूहों और इज़रायली सुरक्षा बलों के बीच हिंसा हो गई ।जिसकी वजह यह क्षेत्र विशेष एक बार फिर से खबरों मे है ।  इतिहास  पुराना येरूशलम शहर दुनिया के तीन प्रमुख धर्मों मुसलमान ,यहूदी तथा ईसाई  के इतिहास तथा विभिन्न मान्यतयो से जुड़ा हुआ है । जिसकी वजह से इस शहर मे समय समय पर शांति भंग होने का खतरा बना रहता है ।  यहूदी धर्म को मनाने वाले कि ऐसी मान्यता है की आज जहां अल-अक्सा मस्जिद है वहाँ 975 ईसा पूर्व एक मंदिर था जिसका संबंध यहूदी धर्म से था । कालांतर मे इस मंदिर के नष्ट होने पर इसी के स्थान पर दूसरा मंदिर बनाया गया । जब इस स्थान पर मुसलमान शासकों का कब्जा हुआ तब उन्होंने इस स्थान पर अल अक्सा मस्जिद की स्थापना कर दी गई क्योंकि मुसलमानों का यह मानना है की यह वो जगह है जहां से पैगबर मोहमद साहब जन्नत गए थे तथा अल्लाह से निर्देश प्राप्त किए थे ।  इस महत्वपूर्ण मान्यता से जुड़े होने के कारण यह स्थल मुसलमा

श्रीलंका संकट

 श्रीलंका संकट    श्रीलंका हमारे देश के दक्षिण में स्थित पडोसी देश है। आजकल यह लगातार में चर्चा में बना हुआ है। चर्चा में बने रहने का कारण श्रीलंका में गहराता आर्थिक संकट है। यहाँ आर्थिक संकट इतना गहरा हो चूका है की विशेषज्ञो ने अनुमान लगाया है की यह बहुत जल्द आर्थिक रूप से दिवालिया हो सकता है।  यहाँ की आर्थिक संकट को निम्न उदाहरणो के द्वारा समझा जा सकता है -  यहाँ 13 घंटों की बिजली कटौती की जा रही है।   यहाँ के शिक्षा विभाग के पास स्याही तथा कागज़ खरीदने के लिए पैसा नहीं है जिसकी वजहों से यहाँ बोर्ड एग्जाम नहीं हो पा रहा है।   यहाँ एक कप चाय की कीमत 100  श्रीलंकाई रूपए    है।   एक सिलेंडर गैस की कीमत लगभग 4200  श्रीलंकाई रूपए   है। इसके इस संकट के पीछे निम्न कारण है - यहाँ आय का प्रमुख स्रोत पर्यटन है। परन्तु कोरोना तथा चर्च पर आतंकी हमले ( the Easter bomb blasts of April 2019 ) के चलते यहाँ का पर्यटन सेक्टर बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। परिणामतः विदेशी मुद्रा की आवक श्रीलंका में बहुत कम हो गयी है। करीब 5 लाख श्रीलंकाई सीधे पर्यटन पर निर्भर, जबकि 20 लाख अप्रत्यक्ष रूप से इससे जुड़े है

Russia -Ukraine war

नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन

  नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन   यह 1,200 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन है, जो रूस में उस्त-लुगा से जर्मनी में ग्रीफ्सवाल्ड तक बाल्टिक सागर के रास्ते होकर गुज़रती है। इसमें प्रतिवर्ष 55 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस ले जाने की क्षमता होगी।     इस पाइपलाइन को बनाने का निर्णय वर्ष 2015 में लिया गया था।     ‘ नॉर्ड स्ट्रीम 1 सिस्टम’ को पहले ही पूरा किया जा चुका है और ‘ नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन’ के साथ मिलकर यह जर्मनी को प्रतिवर्ष 110 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस की आपूर्ति करेगा । रूस पर यूरोपीय संघ की निर्भरता   यह प्राकृतिक गैस के लिये रूस पर यूरोप की निर्भरता को और अधिक बढ़ाएगा, जबकि वर्तमान में यूरोपीय संघ के देश पहले से ही अपनी 40% गैस संबंधी आवश्यकताओं के लिये रूस पर निर्भर हैं। आलोचकों के अनुसार, यह पाइपलाइन रूस की विदेश नीति का एक ​हथियार है. इस परियोजना का अमेरिका, यूक्रेन और पोलैंड ने कड़ा विरोध किया है. अमेरिका को डर है कि यह पाइपलाइन यूरोप को रूस की ऊर्जा पर और अधिक निर्भर बना देगी. इसके चलते, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जर्मनी और यूरोपीय संघ पर हावी हो

NORD STREAM 2 GAS PIPELINE

IRAN NUCLEAR DEAL AND INDIA

इसराइल और यूएई की दोस्ती

  इसराइल और यूएई की दोस्ती  हाल ही में इसराइल और संयुक्त अरब अमीरात ने आपसी संबंधों को सामान्य बनाने के लिए एक समझौता किया है, इसके साथ ही इसराइल ने वेस्ट बैंक में अपने कब्ज़े वाले हिस्सों की विवादास्पद योजनाओं को निलंबित करने पर सहमति ज़ाहिर की है. बताया जा रहा है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच बातचीत करवाई है. अब तक इसराइल के अरब देशों के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं रहे हैं. लेकिन ईरान से जुड़ी चिंताओं ने इन दोनों देशों के बीच अब एक 'अनौपचारिक संपर्क' को जन्म दिया है. 1948 में इसराइल बनने के बाद से यह सिर्फ़ तीसरा इसराइल-अरब शांति समझौता है. इससे पहले मिस्र ने 1979 में और जॉर्डन ने 1994 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. नेतन्याहू ने कहा है कि वो ऊर्जा, जल और पर्यावरण संरक्षण समेत कई अन्य क्षेत्रों में संयुक्त अरब अमीरात के साथ मिलकर काम करेंगे. साथ ही इसराइल कोरोना वायरस वैक्सीन विकसित करने में यूएई के साथ सहयोग करेगा. बताया गया है कि आने वाले हफ़्तों में इसराइल और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडल निवेश, पर्यटन, सीधी उड़ानों, सुरक्षा, दूरसंचार, प्

कुवैत ने प्रवासी कोटा बिल के मसौदे को मंजूरी दी, 8 लाख भारतीयों को छोड़ना पड़ सकता है देश: रिपोर्ट

कुवैत ने प्रवासी कोटा बिल के मसौदे को मंजूरी दी, 8 लाख भारतीयों को छोड़ना पड़ सकता है देश: रिपोर्ट source hindinews.trendindia.in कुवैत की नेशनल असेंबली (Kuwait's National Assembly) की कानूनी और विधायी समिति ने प्रवासी (Expat) कोटा बिल के मसौदे को मंजूरी दे दी है जिसके परिणामस्वरूप 8 लाख भारतीयों को देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ सकता है.  नेशनल असेंबली की कानूनी और विधायी समिति ने कहा है कि एक्सपैट कोटा बिल का मसौदा संवैधानिक (constitutional) है. विधेयक (Bill) के अनुसार भारतीयों की संख्‍या, कुल आबादी के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. इस बिल को अब संबंधित समिति के पास भेजा जाए ताकि एक व्यापक योजना बनाई जा सके. रिपोर्ट के अनुसार '' यदि बिल ने कानून का रूप ले ल‍िया तो  800,000 भारतीयों को कुवैत छोड़ना पड़ सकता है. भारतीय समुदाय कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है, जिसकी कुल संख्या करीब 1.45 मिलियन (14.5 लाख) है. कुवैत में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा कुवैत में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है। कुवैत में करीब 10.45 लाख भारतीय रहते हैं। इनमें केरल और तमिलनाडु के लोग सबस

एनरिका लेक्सी विवाद का अंतिम निर्णय

एनरिका लेक्सी विवाद का अंतिम निर्णय स्रोत THE WIRE हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने एनरिका लेक्सी मामले में भारतीय अधिकारियों की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा है कि भारत इस मामले में मुआवजा पाने का हक़दार है लेकिन नौसैनिकों को आधिकारिक छूट प्राप्त होने के कारण उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चला सकता है।अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने कहा कि दोनों नौसैनिकों ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है और इसके परिणामस्वरूप इटली ने यूएनसीएलओएस (समुद्र संबंधी कानून पर संयुक्त राष्ट्र संधि) के तहत भारत की नौवहन स्वतंत्रता का उल्लंघन किया। न्यायाधिकरण ने फैसला दिया कि भारत जीवन के नुकसान सहित अन्य नुकसान को लेकर मुआवजे का हक़दार है। न्यायाधिकरण ने यूएनसीएलओएस के प्रावधानों के तहत भारतीय अधिकारियों के आचरण को सही पाया है।न्यायाधिकरण ने पाया कि इस घटना पर भारत और इटली के बीच समवर्ती अधिकार क्षेत्र है और नौसैनिकों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही के लिए वैध कानूनी आधार है। घटना क्या था ? वर्ष 2012 के इस मामले में दो इतालवी नौ-सैनिकों पर दो भारतीय मछुआरों की जान लेने का आरोप है।इस मामले के न्याय क्षेत्र