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The COP-29 and India's carbon credit mechanism

The COP-29 and India's carbon credit mechanism The COP-29 summit in Baku will center on climate finance, with a primary focus on carbon credits and inter-country disputes. In 2023, India revised its Nationally Determined Contributions (NDCs) to incorporate a domestic carbon market, as mandated by the Energy Conservation Act of 2022. India's objective is to harmonize its climate targets with its economic agenda, emphasizing the necessity of a market that upholds credibility, efficiency, and equity. Drawing lessons from global practices is imperative for India's success. The credibility of carbon credits stands as a cornerstone in any market, as a lack of accountability could result in greenwashing. India must conduct meticulous verification of carbon credits, leveraging a national registry and independent third-party validators. Adhering to international best practices is vital for establishing a market of high integrity. India's carbon market must align with global benc

Global carbon market & COP 29

  Global carbon market & COP 29 SOURCE THE HINDU Countries at COP29 in Baku voted to finalize a global carbon market, allowing trading of carbon credits among themselves. Prices are determined by emission caps. The market stems from the Paris Agreement's Article 6, facilitating bilateral carbon trading (Art 6.2) and global market participation (6.4). Optimism before COP 29 suggested a global carbon trading mechanism and UN-sanctioned carbon credits by 2025. Finalizing Article 6 negotiations could save $250 billion per year by enabling international cooperation. Focus on the New Collective Quantified Goal (NCQG) is crucial as carbon markets help achieve it. NCQG updates the $100 billion annual target for developing countries to adapt and mitigate emissions by 2025, a key outcome of Baku COP.

'' भारत - मालदीव सम्बन्ध ''

 '' भारत - मालदीव सम्बन्ध '' मालदीव बॉयकॉट ट्रेंड से भारत - मालदीव सम्बन्ध एक बार फिर चर्चा में।  घनिष्ठ एवं मैत्रीपूर्ण पड़ोसियों के रूप में भारत और मालदीव के बीच भाषायी, जातीय, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं वाणिज्यिक संबंध हैं, जिनकी जड़े बहुत पुरानी हैं तथा दोनों देशों के बीच सम्बन्ध मधुर एवं बहुआयामी हैं।  1965 में मालदीव की आजादी के बाद उसे  मान्यता प्रदान करने और इस देश के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में भारत का नाम शामिल हैं।  भारत ने 1972 में माले में अपना मिशन स्थापित किया।  भारत और मालदीव के संबंधों का इतिहास  राजनितिक सम्बन्ध  जब से राजनयिक संबंध स्थापित हुए हैं तब से भारत के लगभग सभी प्रधानमंत्रियों ने मालदीव का दौरा किया हैं।  मालदीव की  ओर से राष्ट्रपतियों ने भी पद पर रहने के दौरान कई बार भारत का दौरा किया।  भारत और मालदीव ने अंतर्राष्ट्रियों मंचों जैसे कि संयुक्त राष्ट्र, राष्ट्रमंडल, गट निरपेक्ष, आंदोलन और सार्क में एक - दूसरे का निरंतर समर्थन किया।  द्विपक्षीय सहायता  26 दिसम्बर, 2004 को मालदीव के सुनामी से प्रभावित होने के बाद भारत पहला

ओडिशा के लाल चींटी को मिला GI टैग

ओडिशा के लाल चींटी को  मिला GI टैग  ओडिशा का मयूरभंज जिला अपनी समृद्ध संस्कृति और खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है. यहां के आदिवासी लोगों की अपनी विशिष्ट परंपराएं और व्यंजन हैं. जिले का एक खास व्यंजन है 'काई चटनी' या लाल चिंटियों की चटनी जोकि लाल चींटियों से बनाया जाता है. इस चटनी का स्वाद बेहद स्वादिष्ट होता है.  इसके साथ ही यह सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है. यहां जो भी पर्यटक आते हैं उन्हें बहुत पसंद आता हैं l 2 जनवरी 2024 को इस चटनी को इसके अनूठे स्वाद और गुणों के लिए भौगोलिक संकेत यानी जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग मिला है l लाल चीटीं चटनी के फायदे  लाल चींटी की चटनी के सेवन से कई बीमारियां दूर हो जाती हैं. यह एनीमिया, वजन बढ़ने, दिल की बीमारियों, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर बिमारियों से लड़ने के अलावा सामान्य सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं को भी दूर करने में मदद करती है.  इस चटनी में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है. इसमें प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम, आयरन, विटामिन, फाइबर आदि पोषक त

घुड़सवारी में भारत को मिला पहला महिला अर्जुन अवॉर्ड

घुड़सवारी में भारत को मिला पहला महिला अर्जुन अवॉर्ड  दिव्यकृति सिंह राजस्थान के नागौर जिले के छोटे से गांव पीह की रहने वाली हैं। दिव्यकृति ने अजमेर के मेयो स्कूल से घुड़सवारी की शुरुआत की थी, तब वह 7वीं कक्षा में थीं। इसके बाद से वह लगातार घुड़सवारी करती आ रही हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से पढ़ाई करने के दौरान दिव्यकृति ने जर्मनी, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी घुड़सवारी की ट्रेनिंग ली है। सातवीं क्लास से की थी घुड़सवारी की शुरुआत दिव्यकृति सिंह राजस्थान के नागौर जिले के छोटे से गांव पीह की रहने वाली हैं। दिव्यकृति ने अजमेर के मेयो स्कूल से घुड़सवारी की शुरुआत की थी, तब वह 7वीं कक्षा में थीं। इसके बाद से वह लगातार घुड़सवारी करती आ रही हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से पढ़ाई करने के दौरान दिव्यकृति ने जर्मनी, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी घुड़सवारी की ट्रेनिंग ली है। अब यूरोप में रहती हैं दिव्यकृति दिव्यकृति ने देश में होने वाली कई हॉर्स राइडिंग प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया है। साल 202

''विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल करने कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का भेजा प्रस्ताव ''

'' विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल करने कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का भेजा प्रस्ताव '' सोर्स दैनिक भास्कर  जैव - विविधता, प्राकृतिक सौन्दर्य, सारगर्भित गुफाओं, झरनों व जलप्रपातों के लिए देश में प्रसिद्ध कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन ( यूनेस्कों ) की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गयाहैं । प्रस्ताव कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन की ओर से पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भारत सरकार को प्रेषित किया गया हैं ।   प्रस्ताव में दावा किया गया हैं कि विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल करने यूनेस्कों द्वारा स्थापित 10 मापदंड जिसमें जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण प्राकृतिक आवास, महत्वपूर्ण पारिस्थितिक और जैविक प्रक्रियों, असाधारण सार्वभौमिक मूल्य आदि को कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान पूरा करता है ।  जगदलपुर से 27 किलोमीटर दूर दक्षिण जगदलपुर एवं दरभा विकासखंड में लगभग दो सौ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तारित इस वन क्षेत्र को 1982 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था । मनभावन तीरथगढ़ जलप्रपात

स्वदेशी हाई - स्पीड फ़्लाइंग विंग यूएवी सफल परीक्षण

स्वदेशी हाई - स्पीड फ़्लाइंग विंग यूएवी सफल परीक्षण  SOURCE ABP NEWS SOURCE DAINIK BHASKAR रक्षा और अनुसन्धान संगठन ( डीआरडीओ ) ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज से शुक्रवार को स्वदेशी हाई - स्पीड फ़्लाइंग विंग यूएवी के उड़ान का सफल परीक्षण किया । टेललेस कोंफिगरेशन में इस उड़ान के साथ भारत उन देशों कि लिस्ट में शामिल हो गया हैं, जिन्होंने फ़्लाइंग विंग कोंफिगरेशन के नियंत्रण में महारत हासिल कर ली हैं ।  यह विमान 50 हजार फीट कि ऊंचाई से भी हमले को सफल बनाने में कारगर हैं । इससे पहले डीआरडीओ ने सतह से  सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल प्रलय का सफल परीक्षण किया था । इस मिसाइल कि रेंज 350-500 किलोमीटर हैं ।  यह 500-1000 किलोमीटर पेलोड ले जाने में सक्षम हैं ।  यह एलएसी और एलओसी पर तैनाती के लिए विकसित कि गई हैं । 

जम्मू - कश्मीर तथा अनुच्छेद 370 : -सुप्रीम कोर्ट का फैसला

  जम्मू - कश्मीर तथा अनुच्छेद 370 : - सुप्रीम कोर्ट का  फैसला  source dainik bhaskr  जम्मू - कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का केंद्र सरकार का फैसला बरकरार रहेगा। सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने सोमवार को कहा -आर्टिकल 370  अस्थायी प्रावधान था। संविधान के अनुच्छेद 1 और 370 से स्पष्ट है कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। भारतीय संविधान के सभी प्रावधान वहां लागू हो सकते हैं।  केंद्र ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू -कश्मीर से 370 हटा दिया था। इसके 4 साल, 4 महीने और 6 दिन बाद आए फैसले में कोर्ट ने कहा, 'हम आर्टिकल 370 को निरस्त करने के लिए जारी राष्ट्रपति के आदेश को वैध मानते हैं। हम लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले की वैधता को भी बरकरार रखते हैं।' इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में 30 सितम्बर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने के आदेश दिए।  केंद्र ने 5 अगस्त 2019 को 370 हटाया, इसके खिलाफ 23 याचिकाएं  मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 ख़त्म क्र दिया था। साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू - कश्मीर और लद्दाख में बाँट दिया था। इसके खिल

बिहार विशेष राज्य का दर्जा क्यों मांग रहा है ?

बिहार विशेष राज्य का दर्जा क्यों मांग रहा है ? Source THE HINDU  हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की अपील केंद्र सरकार से की है I  इस लेख में हम चर्चा करेंगे की विशेष राज्य क्या होता है और बिहार इसकी मांग क्यों कर रहा है.  विशेष श्रेणी का दर्जा क्या है ? यह भौगोलिक या सामाजिक- आर्थिक नुकसान का सामना करने वाले राज्यों के विकास में सहायता के लिए केंद्र द्वारा दिया गया एक वर्गीकरण है। एससीएस को 1996   में पांचवें वित्त आयोग ( एफसी ) की सिफारिश पर पेश किया गया था।  पांच कारक जैसे :-(i) पहाड़ी और कठिन इलाका  (ii) कम जनसंख्या घनत्व और /या जनजातीय आबादी का बड़ा हिस्सा  (iii) अंतर्राष्टीय सीमाओं के साथ रणनीतिक स्थान  (iv) आर्थिक और ढांचागत पिछड़ापन और (v) एससीएस देने से पहले राज्य वित्त की गैर-व्यवहार्य प्रकृति पर विचार किया जाता है। 1969 में तीन राज्यों - जम्मू और कश्मीर, असम और नागालैंड को एससीएस प्रदान किया गया।  इसके बाद, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित आठ और राज्यों को पूर

नया संसद भवन

 नया संसद भवन                                                                       sorce indian express /instagram संसद किसी भी लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग होता है । भारत मे भी संसदीय लोकतंत्र को अपनाया गया है जिसकी वजह से संसद का यहाँ के लोकतंत्र मे अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है । भारत की आजादी के बाद से ही अंग्रेजों के काल मे बने संसद भवन से ही भारत के लिए नीतियों तथा कानूनों के निर्माण का कार्य चल रहा था । लेकिन बदलते समय के साथ यह भवन कदम ताल मिलाके नहीं चल पा रहा था । इसलिए एक नए संसद भवन का निर्माण किया गया ।  पुराने संसद भवन की विशेषताएं                                                   source Indian Express/Instagram इसका निर्माण 1927 मे ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस और हार्बर्ट बेकर के नेतृत्व मे किया गया था ।  इस भवन का निर्माण बौद्ध स्तूप की तरह अंडाकार संरचना को ध्यान मे रखा गया था ।  इसका उद्घाटन तत्कालीन वाइसराय लार्ड इरविन ने किया था।  इस भवन में 144 खम्बे है जो 22 फ़ीट ऊँचे आधार के ऊपर रखे गए है।  इस भवन का शिलान्यास प्रिंस आर्थर के द्वारा किया गया था । वे रानी विक्

G-20 SUMMIT @ INDIA

 G-20 SUMMIT @ INDIA                                                                       साभार - इंडिया टुडे  भारत की राजधानी तैयार है एक ऐतिहासिक क्षण के लिए और उस क्षण का नाम है जी-20 शिखर सम्मलेन। जी -20  दुनिया के महत्वपूर्ण देशो का एक समूह है। इस समूह में २० ऐसे देश शामिल है जो दुनिया की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को आधार प्रदान करते है।  यह समूह ही  2008 की वैश्विक मंदी के पश्चात दुनिया की अर्थव्यवस्था को एक दिशा प्रदान करने का प्रयास करता रहा है। इन्ही के समन्वित प्रयासों का ही परिणाम है की दुनिया अभी तक २००८ की तरह की वैश्विक मंदी को टालने में सफल रहा है। इस बीच वैश्विक महामारी कोरोना के समय भी दुनिया की अर्थव्यवस्था को गर्त में जाने से बचाने में भी इस समूह का प्रयास सरहानीय रहा है।  इस समूह में ग्लोबल नार्थ और ग्लोबल साउथ दोनों के देश शामिल है। दूसरे शब्दो में यह कहाँ जा सकता है की यह दुनिया के विकसित एवं अग्रणी विकासशील देशो का समूह है। इस समूह के देश दुनिया के कुल जीडीपी का 80  प्रतिशत ,कुल वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत ,कुल वैश्विक जनसंख्या का 75 प्रतिशत एवं दुनिया के कुल भूमि

रूस -यूक्रेन युद्ध के 500 दिन

  रूस -यूक्रेन युद्ध के 500 दिन  रूस तथा यूक्रेन के मध्य युद्ध के ५०० दिन पुरे हो गए। इतने दिनों में अभी तक रूस अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पाया है और इस बीच यूक्रेन अपनी काफी सारी जमीन को रूस के हाथो जाने देने के लिए मजबूर हो गया है। युद्ध के इन दिन बीत जाने के पश्चात दुनिया में निम्न परिवर्तन हुए है।  चीन तथा रूस के सम्बन्ध काफी मजबूत हो गए है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन और भारत ने रूस के ८० प्रतिशत उत्पादित तेल को खरीद लिया है।  नाटो का और अधिक विस्तार हो रहा है। फिनलैंड इसका नया सदस्य बन गया है और स्वीडन भी कतार में है। स्वीडन का विरोध तुर्किये कर रहा है।  नाटो का और अधिक विस्तार होने की वजह से दुनिया में एक नए कोल्ड वॉर की सम्भावना बढ़ रही है।  उक्रैन ने भी रूस के क्षेत्रो में हमला करना प्रारम्भ कर दिया है।  दुनिया में ड्रोन का बोलबाला बढ़ गया है.हाल ही में भारत ने अमेरिका से ३० ड्रोन की खरीदारी को लेकर समझौता किया है।     

बालासोर रेल दुर्घटना तथा भारत में रेल दुर्घटना : कारण एवं समाधान

 बालासोर रेल दुर्घटना तथा भारत में रेल दुर्घटना का इतिहास :कारण एवं समाधान  हाल ही में ओडिशा के बालासोर में भयानक रेल दुर्घटना हुयी। इस दुर्घटना में कई सौ लोगो की मृत्यु हो गयी तथा कई हजार लोग घायल हो गए। यह स्वंत्रत भारत में पिछले 20 वर्षो में हुयी सबसे भयानक रेल दुर्घटना में से एक है। अभी तक यह माना जा रहा है की इस दुर्घटना के पीछे सिग्नल प्रणाली से जुडी हुयी समस्या है। इस दुर्घटना की विस्तृत जाँच का दायित्व सीबीआई को सौपा गया है। पर यह भी उल्लेखनीय है की कैग के रिपोर्ट के अनुसार 63 परसेंट जाँच रिपोर्ट सही टाइम से कम्पीटेंट अथॉरिटी को सौपा नहीं जाता।  इस दुर्घटना ने भारतीय रेलवे से जुड़े कई सवालो को एक बार फिर से आम जनता के समक्ष खड़े कर दिया है।  कब हमारा रेल्वे पूरी तरह सुरक्षित हो पायेगा ? हमारे रेल्वे से जुड़ा बुनियादी ढाँचा कब विश्वस्तरीय बनेगा ? कब आम जनता के परिवहन का प्रमुख साधन रेल्वे लेट लतीफी से छुटकारा पा सकेगा ? अगर हमारे रेल्वे से जुड़े बुनियादी ढाँचे ही पर्याप्त नहीं है तो बुलेट ट्रेन चलाना कितना व्यावहारिक है ? बिजनेस स्टैण्डर्ड में प्रकाशित(05 June 2023) एक रिपोर्ट के प्

विश्व के देशो में घटती जन्म दर

 विश्व के देशो में घटती जन्म दर   एक तरफ भारत ने हाल ही में जनसंख्या के मामले में चीन को पछाड़ कर विश्व में पहला स्थान प्राप्त कर लिया वही दूसरी तरफ प्रतिष्ठित पत्रिका THE ECONOMIST के एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में खासकर विकसित देशों में आबादी लगातार घट रही है।  आबादी में यह गिरावट किसी महामारी या आपदा के कारण नहीं अपितु जन्म दर में गिरावट की वजह से हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2000 में प्रति महिला प्रजनन दर 2.7 थी। वही आज घट कर यह 2.3 हो गया है। प्रति महिला प्रजनन दर में गिरावट के कारण दुनिया की आबादी अब घटने की ओर बढ़ चुकी है।  आबादी घटने का परिणाम यह हो रहा है की दुनिया में बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है। बुजुर्गो की आबादी में वृद्धि में पहले जापान तथा इटली का नाम आगे था पर इस लिस्ट में अब ब्राजील ,मेक्सिको तथा थाईलैंड का नाम भी शामिल हो गया है।  वर्ष 2030 तक पूर्व तथा दक्षिण पूर्वी एशिया की आधी आबादी 40 साल से अधिक होगी। अफ्रीका को छोड़कर दुनिया की आबादी 2050 के दशक में अपने सर्वोच्च स्तर पर होगी उसके पश्चात आबादी में गिरावट में बहुत तेजी से कमी होगी।  वर्ष 2010 में 98 देशो में प

cgpsc(mains) solution 2021 paper 3

 cgpsc(mains) solution 2021 paper 3 भाग -1  सुत्तपिटक कितने निकाय मे विभाजित है ?उनके नाम लिखिए  यह पाँच निकाय मे विभाजित है - दीघनिकाय मज्झिमनिकाय संयुत्त निकाय अंगुत्तरनिकाय   खुद्दकनिकाय   कनिष्क के साम्राज्य के विस्तार के विषय मे बताए ? यह पाकिस्तान व भारत से उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर स्थित अमु दरया के उत्तर में दक्षिणी उज़्बेकिस्तान एवं ताजिकिस्तान से लेकर दक्षिण-पूर्व में मथुरा तक फैला था।  आर्यभट्ट  आर्यभट प्राचीन भारत के एक महान ज्योतिषविद् और गणितज्ञ थे। इन्होंने आर्यभटीय ग्रंथ की रचना की जिसमें ज्योतिषशास्त्र के अनेक सिद्धांतों का प्रतिपादन है। इसके अतिरिक्त  इसमे वर्गमूल , घनमूल , समान्तर श्रेणी तथा विभिन्न प्रकार के समीकरणों का वर्णन है। मराठा  मराठा साम्राज्य में राज्य की आय का मुख्य स्त्रोत भू-राजस्व था। शिवाजी के शासनकाल में राजस्व की दर 40% थी। चौथ, यह कर मराठों द्वारा पड़ोसी राज्यों से वसूला जाता था। सरदेशमुखी कर भी मराठों द्वारा पड़ोसी राज्यों से वसूला जाता था, यह राज्य की कुल आय का 10% होता था। शेरशाह  रैयत अर्थात प्रजा की भलाई की चिंता इसलिए भू राजस्व की दर

एक राष्ट्र एक निर्वाचन

चुनाव भारत के बडे त्योहार जैसे बन गए हैं। कई राज्यों में धांधली बूथ कैप्चरिंग, मतदाताओं के लिए खतरा और बडी संख्या में निर्वाचन क्षेत्रों में हिंसा इन चुनावो की विशेषता बन गई है। चुनाव सुधारों की आवश्यकता को सभी राजनीतीक दलों ने स्वीकार किया है और इस संबंध में कई सुझाव दिए गए है। इन्ही सुझाव के अंतर्गत प्रधानमंत्री ने " एक राष्ट्र एक निर्वाचन " का आह्वाहन किया। हाल ही में केन्द्रीय निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324) ने राज्य सभा के 57 सीटों पर द्विवार्षिक कार्यक्रमों की घोषणा कर दी है, आगामी वर्ष 2023 में साल भर में छत्तीसगढ समेत 9 राज्यो में चुनाव होना है, 2024 में लोकसभा का चुनाव, और नवम्बर-दिसम्बर 2022 में 2 राज्यों में चुनाव होने है। ज्ञात हो की मार्च 2022 में 5 राज्यों में चुनाव सम्पन्न हो चूका है, इतना ही नहीं कोविड के महामारी के दौरान भी 2021 में 5 राज्यों में चुनाव सम्पन कराया गया। इस तरह देखा जाये तो देश के किसी-न-किसी क्षेत्र में किसी-न-किसी समय साल भर चुनाव,उपचुनाव जैसा त्यौहार होता ही रहता है। जिसे सम्पन कराने में सरकार तथा निर्वाचन आयोग को बहुत सी समस्