'' भारत - मालदीव सम्बन्ध '' मालदीव बॉयकॉट ट्रेंड से भारत - मालदीव सम्बन्ध एक बार फिर चर्चा में। घनिष्ठ एवं मैत्रीपूर्ण पड़ोसियों के रूप में भारत और मालदीव के बीच भाषायी, जातीय, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं वाणिज्यिक संबंध हैं, जिनकी जड़े बहुत पुरानी हैं तथा दोनों देशों के बीच सम्बन्ध मधुर एवं बहुआयामी हैं। 1965 में मालदीव की आजादी के बाद उसे मान्यता प्रदान करने और इस देश के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में भारत का नाम शामिल हैं। भारत ने 1972 में माले में अपना मिशन स्थापित किया। भारत और मालदीव के संबंधों का इतिहास राजनितिक सम्बन्ध जब से राजनयिक संबंध स्थापित हुए हैं तब से भारत के लगभग सभी प्रधानमंत्रियों ने मालदीव का दौरा किया हैं। मालदीव की ओर से राष्ट्रपतियों ने भी पद पर रहने के दौरान कई बार भारत का दौरा किया। भारत और मालदीव ने अंतर्राष्ट्रियों मंचों जैसे कि संयुक्त राष्ट्र, राष्ट्रमंडल, गट निरपेक्ष, आंदोलन और सार्क में एक - दूसरे का निरंतर समर्थन किया। द्विपक्षीय सहायता 26 दिसम्बर, 2004 को मालदीव के सुनामी से प्रभावित होने के बाद भारत पहला
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