दिव्यकृति सिंह राजस्थान के नागौर जिले के छोटे से गांव पीह की रहने वाली हैं। दिव्यकृति ने अजमेर के मेयो स्कूल से घुड़सवारी की शुरुआत की थी, तब वह 7वीं कक्षा में थीं। इसके बाद से वह लगातार घुड़सवारी करती आ रही हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से पढ़ाई करने के दौरान दिव्यकृति ने जर्मनी, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी घुड़सवारी की ट्रेनिंग ली है।
सातवीं क्लास से की थी घुड़सवारी की शुरुआत
दिव्यकृति सिंह राजस्थान के नागौर जिले के छोटे से गांव पीह की रहने वाली हैं। दिव्यकृति ने अजमेर के मेयो स्कूल से घुड़सवारी की शुरुआत की थी, तब वह 7वीं कक्षा में थीं। इसके बाद से वह लगातार घुड़सवारी करती आ रही हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से पढ़ाई करने के दौरान दिव्यकृति ने जर्मनी, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी घुड़सवारी की ट्रेनिंग ली है।
दिव्यकृति सिंह राजस्थान के नागौर जिले के छोटे से गांव पीह की रहने वाली हैं। दिव्यकृति ने अजमेर के मेयो स्कूल से घुड़सवारी की शुरुआत की थी, तब वह 7वीं कक्षा में थीं। इसके बाद से वह लगातार घुड़सवारी करती आ रही हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से पढ़ाई करने के दौरान दिव्यकृति ने जर्मनी, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी घुड़सवारी की ट्रेनिंग ली है।
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