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3200 स्टार्टअप्स का घटता वैल्यूएशन

3200 स्टार्टअप्स का घटता वैल्यूएशन 


SOURCE DAINIK BHASKAR,AAJ TAK

 स्टार्टअप्स के लिए 2023 बेहद ख़राब रहा। फंडिंग संकट के बीच स्टार्टअप्स के वैल्यूएशन में गिरावट आने के साथ कई दिग्गज स्टार्टअप्स दिवालिया भी हो गए। ग्लोबल स्तर पर 19 % स्टार्टअप्स ने बेहद कम वैल्यूएशन पर पैसे जुटाए। इस साल अमरीका में 3200 स्टार्टअप्स दिवालिया हो गए, जिससे इसमें निवेश करने वाले निवेशकों के 27.2 अरब डॉलर यानी 2.25 लाख करोड़ रुपए डूब गए। कई स्टार्टअप्स ने तो दिवालिया होने से कुछ दिन पहले ही निवेशकों से राशि जुटाई। थी वीवर्क, वीव और कॉन्वॉय जैसे कई स्टार्टअप्स इस साल दिवालिया हो गए। 

उल्लेखनीय है कि भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया में अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है. लेकिन 2022 में मंदी, महंगाई के असर से घटी फंडिंग का प्रकोप भारतीय स्टार्टअप्स सेक्टर को भी झेलना पड़ा। इससे 2021 में भारत के स्टार्टअप्स को मिली 41 अरब डॉलर की फंडिंग 2022 में घटकर 26 अरब डॉलर रह गई। साल की आखिरी तिमाही यानी अक्टूबर - दिसम्बर में ये फंडिंग 2021 की आखिरी तिमाही के मुकाबले घटकर आधी रह गई। 

दिवालिया होने से पहले इतनी जुटाई राशि, फिर डूबे 

कंपनी                     राशि 
वीवर्क                     91,775 
हॉपिन                    15,000 
ऑलिव एआइ          7,200 
कॉन्वॉय                   7,500 
बर्ड                          6,500 
वीव                          5,400 
जुमे                           4,175 
फ्रेंक                         1,460 
जियस                       1,250 
( राशि करोड़ रुपए में )

ये बड़े स्टार्टअप्स डूबे 

स्टार्टअप्स को ट्रैक करने वाली कंसल्टिंग फर्म पिचबुक की रिपोर्ट के मुताबिक, वीवर्क ने 11 अरब डॉलर से अधिक राशि जुटाई थी। हॉपिन जिसका वैल्यूएशन कभी 7.6 अरब डॉलर था वह केवल 1.5 करोड़ डॉलर में बिक गया। इसी तरह इस साल हैल्थकेयर स्टार्टअप्स ऑलिव एआइ, रियल एस्टेट स्टार्टअप्स जियस, फिनटेक स्टार्टअप्स प्लास्टिक, स्कूटर कंपनी बर्ड आदि कई बड़े स्टार्टअप्स पर ताला लग गया, जिसमें निवेशकों के अरबों डॉलर खाक हो गए। 2023 में अमरीकी स्टार्टअप्स ने केवल 107 अरब डॉलर जुटाए। 2022 में यह राशि 184 अरब डॉलर थी। 

भारतीय स्टार्टअप्स की फंडिंग भी घटी 

भारतीय टेक स्टार्टअप्स लम्बें समय से फंडिंग में गिरावट का सामना कर रहे हैं। 2023 में फंडिंग 72% की गिरावट के साथ पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। ट्रैक्सन के अनुसार, स्टार्टअप्स को केवल 7 बिलियन डॉलर ही हासिल हुए, जो पिछले साल के 25 बिलियन डॉलर से काफी कम हैं। सभी स्टार्टअप्स स्टेज में फंडिंग में गिरावट देखी  गई। लेट - स्टेज फंडिंग में 73% की गिरावट आई, शुरुआती स्टेज की फंडिंग में 70% की गिरावट आई और सीड -स्टेज फंडिंग में 60% की गिरावट आई। 2023 में भारत में केवल दो स्टार्टअप्स को यूनिकॉर्न का दर्जा मिला। 

COMPOSED BY- YACHANA SINHA


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