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रैट माइनर्स कौन है और इस शब्द की शुरुआत कब हुई ?

 रैट माइनर्स कौन है और इस शब्द की शुरुआत कब हुई ?



 source dainik bhaskar 
  • नॉर्दन - ईस्टर्न हिल्स यूनिवर्सिटी, शिलांग में एनवायरन्मेंटल स्टडी विभाग के HOD रहे ओमप्रकाश सिंह बताते है कि रैट माइनर्स शब्द का मतलब छोटी-छोटी सुरंगों में घुसकर कोयला निकालने वालों से है। 
  • सबसे ज्यादा मेघालय में रैट माइनिंग करने वाले लोग रहते है। जहां तक मुझे पता है कि भारत में रैट माइनर्स शब्द का चलन भी मेघालय से ही हुआ हैं। 
  • दरअसल मेघालय की कोयला खदानों में छोटा होल बनाकर खुदाई की जाती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यहां कोयले की लेयर तीन से चार फीट यानी बेहद पतली होती है। कोल माइनर्स सीधे लेयर तक जाने के लिए छोटे-छोटे होल बनाते हैं। 
  • ये होल इतने छोटे होते हैं कि इनमें सीधा बैठा भी नहीं जा सकता। इसमें घुटनों के बल पहुंचते हैं और कोयला खोदते हैं। खुदाई की यह प्रोसेस चूहे के बिल खोदने जैसी है। इस कारण से इन्हें रैट होल माइनर्स कहते हैं। 
composed by - yachana sinha 

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