गुजरात मे शेरों का नया घर
गुजरात मे एक और वन्यजीव सफारी पार्क की घोषणा के साथ वन्यजीवन पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है. नया सफारी पार्क गिर वन्यजीव अभ्यारण्य से करीब 50 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में गिर सोमनाथ जिले के उना तालुका के तटीय गांव नलिया -मांडवी में होगा. उना केंद्र शासित प्रदेश दीव के करीब लोकप्रिय पर्यटन क्षेत्र है. कुल 674 से ज्यादा की आबादी में से कुछ शेरों के परिवारों ने उना के वन क्षेत्रों और अर्ध -वन क्षेत्रों को अपना घर बनाया है. उना का वन्यजीव पार्क करीब 475 एकड़ इलाके में होगा.
दक्षिण सौराष्ट्र हाल के दशकों में बंदरगाह की अगुआई में औद्योगिक विकास के दौर से गुजर रहा है. भावनगर और पोरबंदर के बीच सात बंदरगाह हैं, जिनमें से अमरेली जिले में स्थित पीपावाव और जाफराबाद सबसे बड़े हैं जबकि छोटे बंदरगाह और पतन भी विस्तार के लिए तैयार है. तेजी से फैलता रेल और सड़कों का जाल भी चुनौतियां पेश कर रहा है. बीते एक साल में 36 अलग -अलग घटनाओं में 106 शेर अमरेली और पीपावाव के बीच रेलवे लाइनों पर पाए गए. फील्ड स्टाफ ने उन्हें भगा दिया. तो भी पिछले आठ साल में दर्जन भर से ज्यादा शेर इस मार्ग पर रेल दुर्घटनाओं में मारे गए. जुलाई, 2023 में ही तीन शेर मारे गए. औद्योगीकरण और विकास, जिसमें पर्यटन भी शामिल है और वन्यजीव संरक्षण को लेकर बहस नई नहीं है. मितियाला गिर अभ्यारण्य सलाहकार समिति के सदस्य चैतन्य जोशी ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को चिट्ठी लिखकर आग्रह किया है कि वह नए वन्यजीव पार्क (बाड़ से घिरा चिड़ियाघर ) के लिए गुजरात सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दे. उनकी दलील यह है कि यह बेशकीमती आरक्षित वन क्षेत्र को काटकर बनाया जा रहा है. शेर की आवाजाही 30,000 वर्ग किमी इलाके में फैली है, जिसमें से केवल 3,500 वर्ग किमी वनाच्छदित हैं, जो शेरों की जंगली आबादी के लिए जीवनदायी हैं. बाकी खेत, चारागाह, गांव और यहां तक कि कस्बे हैं.
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