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नया संसद भवन

 नया संसद भवन 


                                                                     sorce indian express /instagram
संसद किसी भी लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग होता है । भारत मे भी संसदीय लोकतंत्र को अपनाया गया है जिसकी वजह से संसद का यहाँ के लोकतंत्र मे अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है । भारत की आजादी के बाद से ही अंग्रेजों के काल मे बने संसद भवन से ही भारत के लिए नीतियों तथा कानूनों के निर्माण का कार्य चल रहा था । लेकिन बदलते समय के साथ यह भवन कदम ताल मिलाके नहीं चल पा रहा था । इसलिए एक नए संसद भवन का निर्माण किया गया । 

पुराने संसद भवन की विशेषताएं 


                                                 source Indian Express/Instagram
  1. इसका निर्माण 1927 मे ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस और हार्बर्ट बेकर के नेतृत्व मे किया गया था । 
  2. इस भवन का निर्माण बौद्ध स्तूप की तरह अंडाकार संरचना को ध्यान मे रखा गया था । 
  3. इसका उद्घाटन तत्कालीन वाइसराय लार्ड इरविन ने किया था। 
  4. इस भवन में 144 खम्बे है जो 22 फ़ीट ऊँचे आधार के ऊपर रखे गए है। 
  5. इस भवन का शिलान्यास प्रिंस आर्थर के द्वारा किया गया था । वे रानी विक्टोरिया के तीसरे पुत्र थे। 
  6. इस भवन को अब संविधान सदन के नाम से जाना जाएगा। 
  7. इस भवन के शिलान्यास के समय भारत के वाइसराय लार्ड हार्डिंग थे। 

नए संसद भवन की खासियत 


                                                       SOURCE Indian Express / Instagram
  1. इस भवन का निर्माण सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत किया गया था। 
  2. इसके वास्तुकार श्री विमल पटेल है। 
  3. इसका उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 28 मई 2023 को किया गया था। 
  4. इसमें संसद की कार्यवाही का सञ्चालन 18 सितम्बर 2023 से प्रारम्भ हुआ है। 
  5. यह भवन खजुराहो मे स्थित विजया मंदिर से प्रभावित है । 
  6. इसमे पुराने संसद भवन की तरह सेंट्रल हाल नहीं है । 
  7. इसके लोकसभा कक्ष मे 888 संसद सदस्य तथा राज्य सभा कक्ष मे 384  सदस्य बैठ सकते है । 
  8. इस भवन मे तीन द्वार - ज्ञान द्वार ,शक्ति द्वार तथा कर्म द्वार है । इसके प्रवेश द्वार मे हाथी ,हंस ,मकर ,अश्व ,गरुड़ तथा शार्दूल की स्थापना की गई है । 
  9. इस भवन मे सबसे पहला बिल महिला आरक्षण से संबंधित प्रस्तुत किया गया है । 



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