प्राकृतिक आपदा का बढ़ता प्रकोप
पिछले कुछ हफ्तों से भारत के विभिन्न हिस्सों से प्राकृतिक आपदा की तस्वीरे सोशल मीडिया से लेकर अखबारों तक देखने को मिल रही है । इस वर्ष प्राकृतिक आपदा की सबसे अधिक मार हिमालय की गोद मे स्थित उतराखंड तथा हिमाचल प्रदेश मे देखने को मिल रही है ।
हिमाचल प्रदेश मे तो अभी तक करोड़ों की सरकारी संपत्ति नष्ट हो गई है तथा कई लोगों की जान इस आपदा मे जा चुकी है । इसी तरह उतराखंड तो बारिश के पहले ही कई प्रकार के प्राकृतिक आपदा से गुजर रहा था । इस वर्ष की बारिश ने उन दिक्कतों को और बढ़ा दिया है ।
साभार - इंडिया टुडे
इन आपदाओ का क्या कारण है ?
- अगर हम हिमाचल प्रदेश की बात करे तो यहाँ हो रही भारी बारिश का कारण दक्षिण पश्चिम मानसून तथा वेस्टर्न डिस्टर्बन्स के आपस मे टकराना है । इस टकराहट के कारण यहाँ कई स्थलों पर बादल फटने की घटना हो रही है ।
- the hindu मे प्रकाशित खबर के अनुसार यहाँ पर बड़े पैमाने मे स्थापित पन बिजली परियोजना की वजह से नदियों को प्राकृतिक रूप से बहने नहीं दिया जा रहा है तथा बड़े पैमाने मे गाद नदियों के तलहटी मे जमा हो जा रहा है जिसकी वजह से नदियों मे बाढ़ की घटनाएं बढ़ गई है ।
- अनियमित निर्माण की वजह से भी कई सारी समस्या उत्पन्न हो रही है ।
- सिमेन्ट उद्योगों के कारण यहाँ के जमीन के उपयोग मे भारी परिवर्तन आया है ।
- बिना किसी पर्यावरणीय प्रभाव के जाँचे रोड का चौड़ीकरण किया जा रहा है जिसकी वजह से land slide की घटनाएं बढ़ गई है ।
- इसी तरह उतराखंड मे ऑल वेदर रोड की वजह से land slide की घटनाएं बढ़ गई है । पन बिजली परियोजना के कारण भी यहाँ के landscape के प्रयोग मे काफी अमूलचुल परिवर्तन आया है ।
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