सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन (CBI)
17 मई 2023 को सीबीआई के नए डायरेक्टर की नियुक्ति का आदेश केंद्र सरकार ने जारी किया है। इस आदेश के तहत श्री प्रवीण सूद सीबीआई के नए डायरेक्टर होंगे। वे इस पद पर दो साल तक रहेंगे। उल्लेखनीय है की वे 1986 बेंच के आईपीएस है।उनका सम्बन्ध कर्नाटक कैडर से है। वे इस पद पर दो साल तक रहेंगे।
सीबीआई के डायरेक्टर के चयन की प्रक्रिया
इनके चयन की प्रक्रिया एक चयन समिति के द्वारा होता है। इस चयन समिति में प्रधानमंत्री ,सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तथा लोकसभा के प्रमुक्ष विपक्षी दल के नेता होते है।
सीबीआई का इतिहास
इसकी स्थापना 1941 में स्पेशल एक्ट की तहत हुयी थी। इस एक्ट को दिल्ली स्पेशल पुलिस एक्ट के नाम से जाना जाता है। इसका प्रमुख कार्य सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को रोकना है। इसके अलावा यह केंद्र शासित प्रदेशों में अपराधों की जाँच करने में भी सक्षम है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस स्पेशल एक्ट 1946 के धारा 6 के अनुसार राज्यों की सहमति प्राप्त होने पर यह किसी राज्य में हुए अपराधों की जाँच भी कर सकने में सक्षम है। यह इंटरपोल की एक सहयोगी संस्था है।
प्रमुख केस जिसे सीबीआई ने सुलझाए है
हर्षद मेहता केस - यह भारत के वित्तीय क्षेत्र में घटित सबसे बड़ा अपराधों में से एक है। इसके तहत हर्षद मेहता ने स्टॉक मार्केट से गलत तरीके से धन कमाने का प्रयास किया था। इस घोटाले में सरकारी बैंकिंग सिस्टम से जुड़े हुए लोगो ने हर्षद मेहता को गलत तरीके से धन दिया था जिसका प्रयोग हर्षद मेहता ने स्टॉक मार्केट में शेयरों को मूल्य को बढ़ाने में किया था। यह घोटला लगभग 4000 करोड़ का था। इस केस को सुलझाने का श्रेय सीबीआई को जाता है।
इसके अलावा निम्न केसों को सुलझाने का श्रेय भी सीबीआई को जाता है -
रेल मंत्री श्री एल एन मिश्रा हत्याकांड 1975
लोंगोवाल हत्याकांड 1985
निठारी हत्याकांड 2006