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सुलगता मणिपुर

 सुलगता मणिपुर

साभार इंडिया टुडे 


साभार द हिन्दू 

साभार द हिन्दू 

पिछले कुछ दिनों से मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है। इस हिंसा से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने मणिपुर में अनुच्छेद 355 को राज्य में लागु कर दिया है। इसके अलावा यहाँ हिंसा पर नियंत्रण के लिए सेना को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है तथा हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है। 

मणिपुर में हिंसा का कारण ?

इतिहास गवाह है की कोई भी घटना शून्य में नहीं घटती। हर घटना के पीछे कोई न कोई सामाजिक या आर्थिक कारण जिम्मेदार होता है। यही बात मणिपुर के सन्दर्भ में भी लागु होती है। मणिपुर में हिंसा के पीछे सामाजिक तथा आर्थिक दोनों ही कारण मौजूद है। 
पहला कारण , मणिपुर हाई कोर्ट के द्वारा राज्य सरकार को यह निर्देशित किया गया है की वह केंद्र सरकार को मैइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान करने के लिए सिफारिश भेजे ताकि इस  समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान किया जा सके। उल्लेखनीय है की इस  समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की माँग पिछले दस वर्षो से लंबित थी। इसी लंबित माँग के तहत ही मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को उपरोक्त निर्देश दिया था। 
दूसरा कारण ,ज्ञात हो की मणिपुर में यह समुदाय बहुसंख्यक है जिसकी वजह से यहाँ के प्रशासन से लेकर आर्थिक गतिविधियों में इस समुदाय का दबदबा है। अतः वहां के अन्य अनुसूचित जनजाति के लोगो को यह लगता है की इन्हे अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान करने से उनको आरक्षण की वजह से और अधिक लाभ मिलेगा जो उनकी स्थिति को राज्य में और अधिक मजबूत कर देगा। इनका दबदबा सरकारी नौकरी तथा प्रशासन में और अधिक बढ़ जायेगा। 
तीसरा कारण ,मैइती समुदाय के लोग हिन्दू धर्म को मानने वाले है जबकि अधिकांश कुकी समुदाय के लोग ईसाई धर्म को मानने वाले है तथा वर्तमान सरकार ने ऐसे कुछ कदम उठाए है(अतिक्रमित चर्चों को तोडना ,पहाड़ी क्षेत्रो में कुकी आदिवासियों द्वारा अतिक्रमित जमीन को मुक्त कराने का अभियान आदि ) जिसकी वजह से कुकी समुदाय को लगता है की सरकार मैइती समुदाय को अधिक प्राथमिकता धर्म के आधार पर प्रदान कर रही है।  
इस तरह सामाजिक तथा आर्थिक कारणों की वजह से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है। 


 अनुच्छेद 355 

उल्लेखनीय है की संविधान के इस अनुच्छेद के अनुसार यह केंद्र सरकार का दायित्व है की वह भारत संघ के किसी राज्य को बाह्य या गंभीर किस्म के आंतरिक समस्या से सुरक्षा प्रदान करे।इस अनुच्छेद का प्रयोग करने पर राज्य की पुलिस पर केंद्र सरकार का नियंत्रण लागु हो जाता है तथा वह सेना का प्रयोग वहाँ कानून तथा व्यवस्था को लागू करने में कर सकती है। 
 

 





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