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क्या चीन की आर्थिक वृद्धि थम रही है ?

क्या चीन की आर्थिक वृद्धि थम रही है ?


 
हाल ही में द इकोनॉमिस्ट में एक खबर प्रकाशित हुयी है की चीन की आर्थिक वृद्धि दर ठहर गयी है।इस ठहराव के कारण रिसर्च फर्म केपिटल इकोनॉमिक्स ने यह अनुमान जाहिर किया है की चीन अब कभी भी अमेरिका को पीछे नहीं कर पाएगा तथा वह 2035 तक अमेरिका की अर्थव्यवस्था के 90 प्रतिशत तक पहुंच के रूक जाएगा। इस ठहराव के पीछे कुछ प्रमुख कारण निम्न है -

  1. चीन की कामकाजी आबादी लगातार घट रहा है। इसका प्रमुख कारण पिछले कुछ वर्षो तक चीन में एक बच्चे वाली नीति का प्रचलन में रहना है। इस नीति  कारण चीन की युवा तथा कार्यशील आबादी लगातार घट रही है। इस घटती आबादी का सीधा असर उसकी उत्पादकता पर पड़ रही है।  प्रति व्यक्ति उत्पादकता लगातार घट रही है। 
  2. चीन के राष्ट्रपति का तानाशाही रवैये की वजह से वहां के स्थानीय उद्योगपति तथा बिजनेस टाइकून में डर का माहौल है जिसकी वजह से वहाँ पहले की तरह होने वाली इनोवेशन में कमी आयी है। एक समय था महंगी तकनीक भी चीन की वज़ह से आम लोगो के हाथ में आ गयी थी लेकिन अब यह उत्साह पहले के मुकाबले कम नज़र आता है। 
  3. अमेरिका के साथ उसके बढ़ते तनाव के कारण भी अमेरिका से अब उसे पहले के तरह तकनीकी का हस्तांतरण नहीं हो रहा है जिसका सीधा प्रभाव चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है तथा उसकी आर्थिक वृद्धि कम हो रही है। 

इन उपरोक्त कारणों से एक बात साफ़ नज़र आता है की कोई देश तभी आगे बढ़ता है जब वह निम्न मानकों को पूरा करता है -

  1. किसी देश में कितना मजबूत लोकतंत्र है। हम ग्रेट ब्रिटेन तथा अमेरिका के उदाहरण के आधार पर समझ सकते है. 18 वी तथा 19 वी सदी में ग्रेट ब्रिटेन दुनिया की एक महाशक्ति थी। इसी तह वर्तमान दौर की दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका है। इन दोनों देश में एक प्रमुख समानता है - लोकतंत्र। लोकतंत्र की वजह से वहाँ तानाशाही प्रवृति पनप नहीं पाती तथा शक्ति का केन्द्रीयकरण कुछ व्यक्तियों के हाथ में नहीं हो पाता। इसके अलावा जब जनता को लगता है की कोई उनके द्वारा चुनी गयी सरकार उनके उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही तो वह उस सरकार को चेंज कर देती है। इसकी वजह से सरकारों के ऊपर दबाव होता है की वह जनता के उम्मीदों पर खरा उतरे। 
  2. नीति के निर्माण में पारदर्शिता तथा जनता की भागीदारी - जिन देशो में लोगो की भागीदारी नीतियों के निर्माण में अधिक से अधिक होती है वहां उस नीति के सफलता की संभावना अधिक होती है। नीतियों के निर्माण में पारदर्शिता अधिक होने से उसके निर्माण में व्यापक विचारधारा एवं तर्कों का समावेश होता है जो उसकी सफलता को बढ़ाने में सहायक होती है। 
  3. जिस देश में अभिव्यक्ति तथा विचारो की स्वतंत्रता की मात्रा जितनी ज्यादा होती वहां उतने अधिक विचारधारा का जन्म होता है जिसका लाभ उस देश को विभिन्न क्षेत्रो में मिलता है। 
  4. इनोवेशन भी किसी देश को अग्रणी बनाने में  महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इनोवेशन के कारण ही अर्थव्यवस्था का तेज़ी से विकास होता है। रोजगार के नए अवसरों का सृजन होता है। अधिक रोजगार होने से लोगो के आय में वृद्धि होती है। आय में वृद्धि का सीधा असर मांग पर पड़ता है। जिसकी वजह से नए उद्योग धंधो की स्थापना होता है। 
  5. युवाओ के कार्यशील तथा कौशल युक्त होने का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। युवाओं के कार्यशील होने पर देश की अर्थव्यवस्था का बहुत तेज़ी से विकास होता है। दक्षिण कोरिया  इसका बहुत अच्छा उदाहरण है।  
इन पैरामीटर के आधार पर देखे तो हम पाते है की चीन इनमे से बहुत से पैरामीटर को पूरा नहीं कर पाता जिसकी वजह से उसकी अर्थव्यवस्था धीरे धीरे सुस्त होती जा रही है। 

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