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छत्तीसगढ़ के दो धरोहरों को संरक्षित करने का प्रयास

छत्तीसगढ़ के दो धरोहरों को संरक्षित करने का प्रयास


Praposal- भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) 

1. पेद्दमागुडी मन्दिर

स्थान -  बारसूर छत्तीसगढ़ 
काल -  काकतीय वंश 
प्रतिमा - मां पार्वती
अर्थ   -  पेद्दम्मा ( बड़ी मां) तेलुगू
चर्चा में क्यों है  - केंद्र से छत्तीसगढ़ समेत सभी ASI मंडलों को यह आदेश दिया गया है कि राज्य में जो भी स्मारक      पुरातात्विक महत्व की है, लेकिन उन्हें अभी तक संरक्षित नहीं किया गया है, तो ऐसी धरोहरों को संरक्षित किया जाए जिसके लिए अलग से बजट देने का प्रावधान भी किया जाएगा।
 विशेष - केंद्र से अनुमति मिल जाने पर हमारे राज्य में ASI की 46 की जगह 48 पुरातात्विक स्थल को जाएंगे।  

2.बीस दुवारिया मन्दिर 


स्थान - रतनपुर ( बिलासपुर)
काल  - कलचूरी कालीन
प्रतिमा - कोई मूर्ति नहीं है।
निर्मित - ईंट और चूना पत्थर
विशेष - मंदिर में किसी किसी स्थानों पर राजा राजसिंह का भव्य स्मारक लिखा हुआ है।

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