न्यू राजेंद्र नगर में केनाल रोड के ठीक सामने भगवान झूलेलाल की 56 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई गई है। जय झूलेलाल सेवा समिति ने इसका निर्माण दिसंबर 2020 में शुरू करवाया था। 12 कारीगरों ने दिन-रात मेहनत कर इसे महज 1 साल में ही तैयार कर दिया है।
समिति के अध्यक्ष गिरीश लहेजा बताते हैं कि विश्व में इससे बड़ी भगवान झूलेलाल की प्रतिमा कहीं और नहीं है।अप्रैल में चेट्रीचंड्र महोत्सव के दौरान यहां भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा होने की उम्मीद है।
बच्चों को संस्कृति से जोड़ने के लिए करवाया गया निर्माण
आज की पीढ़ी अपनी संस्कृति और संस्कारों से दूर हो रही है। आज के बहुत से बच्चे भगवान झूलेलाल को ही नहीं जानते, जबकि वे सिंधी समाज के इष्ट हैं। अब तक बच्चे इतनी बड़ी मूर्ति देखेंगे तो सहज ही उनके मन में भगवान झूलेलाल के प्रति जिज्ञासा जगेगी और वे अपने आराध्य केे बारे में अधिक जानने का प्रयास करेंगे।
सिंधी भाषा का ज्ञान देने केंद्र,
अस्पताल बनाने की योजनामूर्ति के आसपास खाली जगह हैं। समाज इस जमीन पर 2 मंजिला बहुउद्देश्यीय भवन बनाना चाहता है। निचले फ्लोर पर बच्चों को सिंधी भाषा व संस्कृति का ज्ञान देन के लिए ज्ञान केंद्र खोला जाएगा। फर्स्ट फ्लोर पर सर्व समाज के लिए निशुल्क अस्पताल का संचालन करने की योजना है। इस नेक कार्य में सहयोग के लिए समाज के कई वरिष्ठ डॉक्टरों से भी चर्चा की गई है। वे भी यहां निशुल्क सेवा देने के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं।
सरोवर के बीच विराजेंगे मछली पर सवार भगवान झूलेलाल
भगवान झूलेलाल को जल के देवता भगवान वरूण का अवतार माना जाता है और देश में अकाल न पड़े, सूखा की स्थिति न आए, अच्छी खेती के लिए भरपूर बारिश हो, इसकी कामना भगवान झूलेलाल से की जाती है।वर्तमान में प्रतिमा के चारों ओर सरोवर, छोटी सी झील का निर्माण किया जा रहा हैं। सरोवर के बीच मछली पर सवार भगवान झूलेलाल की प्रतिमा और सरोवर में रंगबिरंगी मछलियां श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगी।
रायपुर की 3 बड़ी मूर्तियों के बारे में आइए जानते हैं…
37 फीट –स्वामी विवेकानंद ,बूढ़ातालाब
51फीट– भगवान श्री राम, चंद्रखूरी
51 फीट –बाबा बैजनाथ, मोती बाग के पास
56 फीट –भगवान झूलेलाल, न्यू राजेंद्र नगर
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