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global warming तथा हिमालय के हिमनद

 global warming तथा हिमालय के हिमनद 

global warming तथा हिमालय के हिमनद

जब पूरी दुनिया मे ग्लोबल वार्मिंग के चलते जलवायु परिवर्तन को महसूस किया जा रहा है उसी बीच एक रिपोर्ट आई है जिसमे बताया गया है की ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमालय के हिमनद बहुत तेजी से नहीं पिघल रहे जैसी आशंका ipcc के रिपोर्ट मे जतायी गई थी । 

उल्लेखनीय है की 2007 में आईपीसीसी (इंटरनेशनल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज) ने दावा किया था कि 2035 तक सभी हिमालयी ग्लेशियर गायब हो सकते हैं।

कैटो इंस्टिट्यूट के रिसर्च फैलो स्वामीनाथन एस. अंकलेसरिया अय्यर और ग्लेशियोलॉजिस्ट विजय के. रैना का ताजा अध्ययन बताता है कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा। अध्ययन के मुताबिक, हिमालय में ग्लेशियर पिघलने की प्रक्रिया हाल ही में तापमान बढ़ने से शुरू नहीं हुई है। ये हिमयुग की समाप्ति के बाद यानी 11,700 साल से पिघल रहे हैं। इसरो के ताजा उपग्रह अध्ययन पुष्टि करते हैं कि 2002 से 2011 के बीच हिमालय में अधिकांश ग्लेशियर स्थिर रहे। कुछ ही ग्लेशियर सिकुड़े हैं। वास्तविकता यह है कि गंगा नदी के स्रोत गंगोत्री ग्लेशियर का पीछे हटना घटकर 33 फीट प्रति वर्ष रह गया है। इस तरह यह 3,000 वर्ष तक बना रहेगा। 

 

सोर्स दैनिक भास्कर  

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