कांगेर वैली नेशनल पार्क
स्थिति एवं दूरी
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिला से मात्र 28 किमी की दूरी पर स्थित है। रायपुर जिले से लगभग 330 किमी की दूरी पर है। यह उत्तर पश्चिम किनारे पर तीरथगढ जलप्रपात से प्रारंभ होकर पूर्व में उड़ीसा की सीमा कोलाब नदी तक फैला है। कांगेर नदी इसके बीचो-बीच चलती है। इसकी औसत चौड़ाई 6 किमी एवं लम्बाई 48 किमी है। कांगेर घाटी को 1982 में नेशनल पार्क का दर्जा प्राप्त हुआ इसका क्षेत्रफल200वर्ग किमी है। यह एक बायोस्फियर रिजर्व है ,कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का नाम कांगेर नदी से निकला है, जो इसकी लंबाई में बहती है।
वन एवम प्रजाति
इस राष्ट्रीय उद्यान में कई प्रकार की वन प्रजातियां मिलती है। जिससे यहां के वनों की विविधिता बढती है। इनमें दक्षिणी पेनिनसुलर मिक्स्ड डेसिहुअस बन, आर्ड सागौन, वन-इनमे साल, बीजा, साजा, हल्दु, चार, तेंदु कोसम, बेंत, बांस एवं कई प्रकार के वनौषधि पौधे मिलते है।
मौसम एवम तापमान
वर्ष भर यहां का मौसम भ्रमण के लिए अनुकुल है। शीत ऋतु में अधिकतम तापमान 30 सेन्टीग्रेड व न्युनतम 13 सेन्टीग्रेड रहता है। ग्रीष्म में अधिकतम 42 सेन्टीग्रेड व न्युनतम 20 सेन्टीग्रेड रहता है। यहां औसत वर्षा 142 सेमी होती है।
भारतीय उपमहाद्वीप में एकमात्र ऐसा स्थान है जहाँ
पार्क की वनस्पतियों में मिश्रित नम पतझड़ी प्रकार के वन हैं, जिसमें मुख्य रूप से साल, टीक और बांस के पेड़ हैं। कांगेर घाटी नेशनल पार्क में पाए जाने वाले प्रमुख जीव जंतु हैं बाघ, चीते, माउस, डीयर, जंगली बिल्ली, चीतल, सांभर, बार्किंग डीयर, भेडिए, लंगूर, रिसस मेकाका, स्लॉथ बीयर, उडऩे वाली गिलहरी, आदि ।
कांगेर घाटी नेशनल पार्क में मुख्य रूप से पहाड़ी मैना, चित्तीदार उल्लू, लाल जंगली बाज़, रैकिट टेल्ड, ड्रोंगो मोर तोते, स्टैपी इगल, लाल फर वाला फाल, फटकार, भूरा तीतर, ट्री पाइ और हेरॉन पक्षी पाए जाते हैं।
लोगों के लिए यह एक आदर्श पर्यटन स्थल
वन्य जीवन और पेड़ पौधों के अलावा पार्क के अंदर पर्यटकों के लिए अनेक आकर्षण हैं। जैसे कुटुमसार की गुफाएं, कैलाश गुफाए ,डंडक की गुफा और तीरथगढ़ जलप्रपात। इस पार्क में बड़ी संख्या में जनजातीय आबादी भी रहती है और प्रकृति प्रेमियों अनुसंधानकर्ताओं वैज्ञानिकों के अलावा छत्तीसगढ़ के सर्वोत्तम वन्य जीवन का दर्शन करने के इच्छुक लोगों के लिए यह एक आदर्श पर्यटन स्थल है।
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