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छत्तीसगढ़ की महत्त्वपूर्ण योजनाएं

छत्तीसगढ़ की महत्त्वपूर्ण योजनाएं

1.पढ़ई तुंहर दुआर

  प्रारंभ -  मार्च, 2020 (कोविड महामारी के दौरान)

  उद्देश्य - लॉकडॉउन के दौरान पाठ्यकम को पूरा करने के लिए ऑनलाईन कक्षाओं का संचालन करना।


2.मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना

प्रारंभ       - 19 जून, 2020

उददेश्य  - जन सामान्य की सुविधा हेतु प्रदेश के सभी शासकीय स्थलों को मुख्यमार्ग से बारामासी पक्की सडक से जोड़ना।

प्रावधान   - योजनान्तर्गत शासकीय भवनों - चिकित्सालय, स्कूल, कॉलेज, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी, उचित मूल्य की दुकान, हाट-बाजार, मेला स्थल आदि को मुख्य मार्ग पक्की सड़क से जोड़ा जायेगा।


3.मोर बिजली एप

 शुभारंभ - 06 अक्टूबर, 2020

 उद्देश्य - उपभोक्ताओं को विद्युत सेवाओं का घर बैठे लाभ मुहैया कराना।

  प्रावधान / लाभ

 विद्युत संबंधी किसी भी समस्या के निराकरण हेतु इस एप का प्रयोग कर शिकायत दर्ज कराया जा सकता है।


4.अल्पकालिक कृषि ऋण माफी योजना

1. प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही 17 दिसंबर, 2018 को कृषकों के अल्पकालिक ऋणों को माफ करने का निर्णय लिया गया।

2. योजनान्तर्गत 30 नवंबर, 2018 तक सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको से लिए गये सभी कृषि ऋणों को काफ किया गया।

लाभार्थी -  कृषक 17.82 लाख

ऋण माफी राशि - 8.755 करोड़

ऋण श्रेणी -अल्पकालिक ऋण को माफ किया गया

सिंचाई कर माफ –प्रदेश के 17 लाख किसानों के विगत 15 सालों का सिंचाई कर 244 करोड़ रुपये सिंचाई कर की माफी।


5.बैंक संगवारी - तुमचो दुआर योजना

  प्रारंभ     - दंतेवाड़ा जिला (चितालंका - नकुलनार से)

  उद्देश्य     - कोविङ-19 महामारी से बचाव हेतु घर पहुँच बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराना।

   क्रियान्वयन - "दंतेश्वरी माई मितान” द्वारा इस माध्यम से हितग्राहियों को घर पहुँच कर नगद भुगतान किया जा रहा है।


6.आमचो दुकान तुमचो दुवार

   प्रारंभ - दंतेवाड़ा जिला, चितालुर पंचायत से

   उद्देश्य - जिले के स्कूल, आश्रम, छात्रावास सहित सीआरपीएफ कैम्पों में लगने वाली दैनिक उपयोग की सामग्रियों की पूर्ति करना।

 क्रियान्वयन - महिला स्वसहायता समूह द्वारा

 विशेष - दंतेवाड़ा जिले के प्रत्येक विकासखंड में "माँ दंतेश्वरी माई" के नाम से दुकान प्रारंभ किया गया है।


7.ट्राईबल मार्ट योजना

   प्रारंभ तिथि - नवम्बर,2019

    संचालन - सूरजपुर जिला में

    उद्देश्य - महिला संगठनों के द्वारा निर्मित गुणवत्तायुक्त उत्पादों को अंचलवासियों तक उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना।


8.मोबाईल मेडिकल यूनिट

  प्रारंभ - 01 नवंबर, 2020

 संचालन - 30 नगरीय निकाय क्षेत्रों में अधीन - मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अन्तर्गत

  उद्देश्य - घर पहुँच स्वास्थ सेवा उपलब्ध कराना

9.घरसा विकास योजना

   प्रारंभ - 06 अक्टूबर, 2020 (स्वामी आत्मानंद जयंती)

   उददेश्य - गांव में खेत-खलियानों तक पहुँचने के लिए धरसा के कच्चे रास्तों को पक्का बनाया जाना ।

10.हाफ बिजली बिल योजना

   प्रारंभ - 01 मार्च 2019

  उद्देश्य - घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह "400 यूनिट तक' की बिजली बिल पर 50% राशि की छूट देना।

 उपभोक्ता - राज्य के समस्त बीपीएल एवं अन्य घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता।


11.मधुर गुड़ योजना

   प्रारंभ - 16 जनवरी, 2020

  उद्देश्य - कुपोषण तथा एनिमिया से मुक्ति हेतु गुड़ वितरण करना।

  संचालन - बस्तर संभाग

 प्रावधान - योजनान्तर्गत बस्तर क्षेत्र के लगभग 6.50 लाख गरीब परिवार को                17 रू. प्रतिकिलों की दर से 2 किलों                                          गुड़ प्रतिमाह दिया जायेगा। ।


12.सुराजी गाँव योजना - नरवा, गरवा, घुरवा, बारी

                          प्रारंभ - 01 जनवरी, 2019

                          उद्देश्य - ग्रामीण अर्थव्यवस्था की परम्परागत घटकों को संरक्षित एवं पुनर्जीवित करते हुए गांव को राज्य की                                                   अर्थव्यवस्था के केन्द्र में लाना।

                          पर्यावरण में सुधार करते हुए किसानों तथा ग्रामीणों की व्यक्तिगत आय में वृद्धि करना।

                           नारा - छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी...

                                   नरवा, गरूवा, घुरूवा. बाड़ी..

                                   एला बचाना हे संगवारी..।

•)नरवा (प्राकृत नाला)

      नरवा संरक्षण के माध्यम से कृषि एवं उससे संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देना। जल स्रोतो का संरक्षण एवं उन्हें पुनर्जीवित करना        ताकि भूगर्भीय जल में वृद्धि हो।

•)गरवा (पशुधन)

       प्रत्येक लाभ पंचायत में गौठान का निर्माण कर पशु संवर्धन कार्य करना।

       प्रत्येक ग्राम में गौठान हेतु संरक्षित भूमि न्यूनतम 3 एकड़ होना चाहिए।

•)घुरवा (अपशिष्ट पदार्थों का भण्डार)

       कृषि तथा जैविक अपशिष्टों से जैविक खाद का निर्माण करना ।

•)बारी (छोटी बागवानी)

       पारंपरिक घरेलू बाड़ियों में सब्जियों तथा फल-फूल के उत्पादों को बढ़ावा देकर पोषक आहारों की उपलब्धता बढ़ाना।

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