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श्रीलंका संकट

 श्रीलंका संकट 


 


श्रीलंका हमारे देश के दक्षिण में स्थित पडोसी देश है। आजकल यह लगातार में चर्चा में बना हुआ है। चर्चा में बने रहने का कारण श्रीलंका में गहराता आर्थिक संकट है। यहाँ आर्थिक संकट इतना गहरा हो चूका है की विशेषज्ञो ने अनुमान लगाया है की यह बहुत जल्द आर्थिक रूप से दिवालिया हो सकता है। 
यहाँ की आर्थिक संकट को निम्न उदाहरणो के द्वारा समझा जा सकता है -
  1.  यहाँ 13 घंटों की बिजली कटौती की जा रही है। 
  2.  यहाँ के शिक्षा विभाग के पास स्याही तथा कागज़ खरीदने के लिए पैसा नहीं है जिसकी वजहों से यहाँ बोर्ड एग्जाम नहीं हो पा रहा है। 
  3.  यहाँ एक कप चाय की कीमत 100 श्रीलंकाई रूपए   है। 
  4.  एक सिलेंडर गैस की कीमत लगभग 4200 श्रीलंकाई रूपए  है।
इसके इस संकट के पीछे निम्न कारण है -
  1. यहाँ आय का प्रमुख स्रोत पर्यटन है। परन्तु कोरोना तथा चर्च पर आतंकी हमले (the Easter bomb blasts of April 2019 )के चलते यहाँ का पर्यटन सेक्टर बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। परिणामतः विदेशी मुद्रा की आवक श्रीलंका में बहुत कम हो गयी है। करीब 5 लाख श्रीलंकाई सीधे पर्यटन पर निर्भर, जबकि 20 लाख अप्रत्यक्ष रूप से इससे जुड़े हैं। श्रीलंका की GDP में टूरिज्म का 10% से ज्यादा योगदान है। टूरिज्म से सालाना करीब 5 अरब डॉलर (करीब 37 हजार करोड़ रुपए) फॉरेन करेंसी श्रीलंका को मिलती है।
  2. आईएमएफ पैकेज के कारण श्रीलंका की आर्थिक स्थिति खराब हुई। जीडीपी विकास दर 2015 में 5% से गिरकर 2019 में 2.9% हो गई। निवेश दर 2015 में 31.2% से गिरकर 2019 में 26.8% हो गई। बचत दर 2015 में 28.8% से गिरकर 2019 में 24.6% हो गई। सरकारी राजस्व 2016 में सकल घरेलू उत्पाद 14.1% से सिकुड़ कर 2019 में सकल घरेलू उत्पाद के 12.6% हो गया। सकल सरकारी ऋण 2015 में सकल घरेलू उत्पाद के 78.5% से बढ़कर 2019 में सकल घरेलू उत्पाद का 86.8% हो गया।

  3. वर्तमान सरकार ने बिना श्रीलंका के अर्थव्यस्था को ध्यान में रखे अपने चुनावी वादे को पुरा करने के लिए वैल्यू एडेड टैक्स के दर को 15 % से घटाकर 8 % कर दिया। जिसकी वजह से सरकार की आय कम हो गयी।
  4. इसी तरह से डायरेक्ट टैक्स के स्लैब को 300000 श्रीलंकाई रूपए से बढ़ाकर 500000 श्रीलंकाई रूपए कर दिया गया जिसका सीधा असर सरकार की आय पर पड़ा। 
  5. श्रीलंका की सरकार ने आयत को काम करने के लिए रासायनिक खादों के जगह पर कार्बनिक खेती पर जोर दिया जिसकी वजह से वहाँ फसलों के उत्पादन कम हो । कम उत्पादन ने खाद्य मुद्रास्फीति को बढ़ावा दिया। 
निष्कर्ष 
इस तरह श्रीलंका में गहराती आर्थिक संकट का प्रमुख कारण वहाँ की सरकार की आर्थिक नीति ,कोरोना महामारी तथा आतंकी हमला है । एक बार फिर से श्रीलंका की सरकार अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक संघ तथा विश्व के अनेक देशो से मदद की गुहार लगा रही है। इस तरह की मदद एक अस्थाई समाधान ही हो सकता है। स्थाई समाधान के लिए यह आवश्यक है की वहाँ की सरकार ऐसी आर्थिक नीतियों को अपनाए जो वहां की अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला सकती है। 

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