मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा परिसर में सी-मार्ट के लोगो का विमोचन किया
यह लोगो कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों, कुम्हारों और अन्य पारंपरिक कलाकारों के कामों को एक उत्सव की तरह प्रतिबिंबित करता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए गांवों में तैयार उत्पादों को शहरों के मार्केट से जोड़ने की नई पहल की गई है।
- लोगो
में साल वृक्ष के नीचे आदिवासियों के पारंपरिक हाट-बाज़ार को प्रदर्शित किया
गया है, भारतीय गाँवों और कस्बों में मुक्ताकाश बाज़ार ही स्थानीय लोगों का
विनिमय केंद्र होता है।
- धान की
बालियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ में चावल उत्पादन की प्रचुरता पर प्रकाश
डाला गया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश भारत के तीन प्रमुख धान उत्पादक राज्यों में
से एक है।
- मटमैले मैरून और हरे रंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाओं के पारंपरिक परिधानों को दर्शाया गया है।
- राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की
योजनाओं के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों, शिल्पियों, बुनकरों,
दस्तकारों, कुंभकारों अथवा अन्य पारंपरिक एवं कुटीर उद्योगों द्वारा
निर्मित उत्पादों का समुचित मूल्य सुनिश्चित करने हेतु इनकी व्यावसायिक ढंग
से मार्केटिंग के लिये शहरों में आधुनिक शोरूम की तरह सी-मार्ट स्थापित
किया जा रहा है।
कोंडागाँव ज़िले की आदिवासी महिलाओं सम्मानित
हाल ही में छत्तीसगढ़ के कोंडागाँव ज़िले
की आदिवासी महिलाओं को भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय
द्वारा फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर नई दिल्ली
में सम्मानित किया गया।
आदिवासी बहुल कोंडगांव ज़िले की महिलाओं ने
उड़ान महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी बनाई है। ये कंपनी कोंडानार ब्रांड के
नाम से कृषि खाद्य उत्पादों का निर्माण करती है और बेचती है।
कोंडानार देश के साथ ही दुनिया में भी
ब्रांड बन रहा है। दुबई एक्सपो में भी कोंडगांव उड़ान के प्रोडक्ट्स को
वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर रखा गया था। अनेक देशों के लोगों ने प्रोडक्ट्स की
जानकारी ली।
छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम) के लेबर बजट में दो करोड़ 22 लाख मानव दिवस की बढ़ोतरी की मंज़ूरी
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम) के लेबर बजट में दो करोड़ 22 लाख मानव दिवस की बढ़ोतरी की मंज़ूरी दे दी है।
मंज़ूरी के बाद अब प्रदेश में चालू वित्तीय
वर्ष 2021-22 के लिये मनरेगा के तहत रोज़गार सृजन का लक्ष्य साढ़े 13 करोड़
मानव दिवस से बढ़कर 15 करोड़ 72 लाख मानव दिवस हो जाएगा।
प्रदेश में इस वर्ष अब तक मनरेगा के अंतर्गत 28 लाख से अधिक परिवारों के करीब 54 लाख पाँच हज़ार श्रमिकों को काम दिया गया है।
संगीता खालखो 1 करोड़ 36 लाख रुपए का लेन-देन कर राज्य स्तर पर सबसे अधिक लेन-देन करने वाली बैंक सखी
वह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बलरामपुर के तातापानी में बैंक सखी के रूप में कार्यरत हैं।
संगीता खलखो ग्राहक सेवा केंद्र के माध्यम
से अब तक 513 बचत खाता खोल चुकी हैं तथा उन्हें समय-समय पर राष्ट्रीय
ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता रहा है।
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