श्रीलंका तथा प्रांतीय परिषद का चुनाव
संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव
सिर्फ़ भारत ही नहीं बल्कि कई और देशों ने भी श्रीलंका में जल्द से जल्द चुनाव कराने का समर्थन किया है. इसके साथ ही इसी साल मार्च में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव पास किया था.
22 सदस्य देशों के समर्थन वाले इस प्रस्ताव में कहा गया था कि 'श्रीलंका की सरकार राजनीतिक प्राधिकरण के हस्तांतरण के अपने वादे को पूरा करे, जो कि उसकी जनसंख्या के सभी सदस्यों के साथ मानवाधिकार के लिए आवश्यक है और साथ ही स्थानीय शासन का सम्मान हो, इसमें प्रांतीय काउंसिल के चुनावों का कराया जाना भी शामिल है.
उत्तरी और पूर्वी प्रांतीय काउंसिल समेत सभी प्रांतीय काउंसिल के चुनाव श्रीलंका के 13वें संविधान संशोधन के तहत सुनिश्चित हों.'
प्रांतीय प्रणाली तमिलों की मांग रही है ताकि उनके पास राजनीतिक ताक़त रहे और काउंसिल के चुनावों ने बहुसंख्यक सिंहला समेत सभी राजनीतिक दलों को यह एहसास कराया है कि ज़मीनी स्तर के लिए उनके लिए वे बहुत ज़रूरी हैं.
इसके बावजूद केंद्र सरकार ज़मीन और पुलिस शक्ति देने को लेकर हमेशा अनिच्छुक रही है. प्रांतीय काउंसिल के पास केवल कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, मकान और सड़क परिवहन के क़ानून बनाने का अधिकार है.
source -bbc hindi
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