- एक स्टडी में बताया गया है कि सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड भारत बायोटेक की कोवैक्सीन से ज्यादा एंटीबॉडी प्रोड्यूस करती है. कोरोनावायरस वैक्सीन-प्रेरित एंटीबॉडी टिट्रे (COVAT) की स्टडी में उन लोगों की एंटीबॉडी टेस्ट की गई, जिन्हें दोनों वैक्सीन की डोज लग चुकी थीं.
- स्टडी में बताया गया है कि, कोविशील्ड में सीरो पॉजिटिविटी दर और औसत एंटी-स्पाइक एंटीबॉडी टाइट्रे कोवैक्सीन की तुलना में काफी ज्यादा थी.
- स्टडी के रिजल्ट में पाया गया कि 515 एचसीडब्ल्यू (305 पुरुष, 210 महिला) में से 95.0 प्रतिशत ने दोनों टीकों की दो खुराक के बाद सीरो पॉजिटिविटी दिखाई. 425 कोविशील्ड और 90 कोवैक्सीन डोज लेने वालों में से क्रमश: 98.1 प्रतिशत और 80.0 प्रतिशत ने सीरो पॉजिटिविटी दिखाई
छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य इतिहास से प्राप्त साक्ष्यों से यह ज्ञात होता है कि मानव जीवन में नृत्य का महत्व आदिकाल से है, जो मात्र मनोरंजन का साधन ना होकर अंतरिम उल्लास का प्रतीक है । भारत सम्पूर्ण विश्व में अपनी विशिष्ट संस्कृति हेतु विख्यात है। छत्तीसगढ़ भारत का अभिन्न अंग होने के साथ ही कलाओ का घर है जिसे विभिन्न कला प्रेमियों ने व्यापक रूप देकर इस धरा को विशिष्ट कलाओं से समृद्ध कर दिया है। इन लोक कलाओ में लोकनृत्य जनमानस के अंतरंग में उत्पन्न होने वाले उल्लास का सूचक है । जब मनुष्य को सुख की प्राप्ति होती है तो उसका अंतर्मन उस उल्लास से तरंगित हो उठता है ,और फिर यही उल्लास मानव के विभिन्न अंगों द्वारा संचालित होकर नृत्य का रूप धारण करता है। किसी क्षेत्र विशेष का लोकनृत्य केवल हर्षोउल्लास का परिचायक न होकर उस क्षेत्र के परम्परा व संस्कृति का क्रियात्मक चित्रण होता है, जो स्व्यमेव एक विशिष्ट परिचय समाहित किए होता है। छत्तीसगढ़ में नृत्य की विभिन्न विधाएं है जो विभिन्न अवसरों पर किए जाते है। यहां हम निम्न नृत्य विधाओं पर च...