Panchayat in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में 73 वे संविधान संशोधन के तहत पंचायतों का गठन किया गया है। हमारे राज्य में पंचायत के तीन स्तर पाए जाते है -
- ग्राम पंचायत - ग्राम स्तर पर
- जनपद पंचायत - विकास खंड स्तर पर
- जिला पंचायत - जिला स्तर पर
ग्राम पंचायत
ग्राम सभा
- ग्राम पंचायत का गठन ग्राम सभा से होता है। ग्राम सभा एक विधायिका की तरह कार्य करता है।
- एक ग्राम पंचायत में एक से अधिक ग्राम सभा हो सकता है।
- ग्राम सभा का गठन ग्राम में निवास करने वाले हर उस सदस्य से होता है जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हो और मतदाता सूची में नाम हो।
- ग्राम सभा की बैठक तीन माह में कम से कम एक बार होना आवश्यक होता है। परन्तु ,यदि ग्राम सभा के एक तिहाई से अधिक लोग हस्ताक्षर करके सरपंच से मांग करें या जनपद पंचायत ,जिला पंचायत या कलेक्टर के निर्देश पर 30 दिन के अंदर कभी भी बुलाया जा सकता है।
- ग्राम पंचायत में यदि एक से अधिक है ग्राम सभा है तो प्रत्येक गर्म सभा में बैठक का आयोजन किया जायेगा।
- यह बैठक तभी प्रारम्भ होगा जब इस बैठक में ग्राम सभा के कम से कम दशमांश सदस्य उपस्थित हो। इसमें से महिला की संख्या एक तिहाई होनी चाहिए। इसे ही गणपूर्ति कहा जाता है।
- गणपूर्ति को पूरा करने का दायित्व सरपंच के पास होता है।
- ग्राम सभा की तीन बैठकों में गणपूर्ति न होने पर सम्बंधित पंच /सरपंच को नोटिस दिया जायेगा तथा आगे की दो बैठकों में गणपूर्ति को पूरा करने अवसर दिया जायेगा। इसके बावजूद भी गणपूर्ति न होने पर सरपंच के ऊपर पद से पृथक करने की कार्यवाही की जाएगी।
- ग्राम सभा की बैठक की अध्यक्षता सरपंच के द्वारा की जाती है। सरपंच की अनुपस्थिति में उपसरपंच के द्वारा की जाती है। इन दोनों की अनुपस्थिति में ग्राम सभा के किसी व्यक्ति को बहुमत से चुना जाता है।
- ग्राम सभा वार्षिक सम्मेलन आगामी वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ होने के कम से कम तीन माह पूर्व किया जायेगा। इस सम्मेलन में निम्न बाते रखी जायेगी -
- लेखाओं का वार्षिक विवरण
- पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के प्रशासन की रिपोर्ट
- आगामी वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तावित विकास तथा अन्य कार्य सम्बन्धी स्कीम
- ग्राम पंचायत का वार्षिक रिपोर्ट तथा अगले वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक योजना
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