छत्तीसगढ़ का आधुनिक इतिहास भाग 2
1857 की क्रांति के पश्चात भारत में शनैः शनैः राष्ट्रवाद का उद्भव होने लगा। राष्ट्रवाद के उद्भव के पीछे निम्न कारण थे -
- पाश्चात्य शिक्षा
- अंग्रेजी भाषा का विकास
- रेल्वे का विकास
- टेलीग्राफ का प्रसार
- प्रशासनिक एकीकरण
- नस्लवाद
- छत्तीसगढ़ के उपरोक्त नेताओं ने पहली बार वर्ष 1891 में नागपुर में हुए कांग्रेस अधिवेशन में भाग लिया।
- वर्ष 1907 में कांग्रेस का अधिवेशन सूरत में हुआ। इस अधिवेशन में छत्तीसगढ़ से पंडित सुंदरलाल शर्मा ने भाग लिया। इस अधिवेशन के दौरान ही कांग्रेस के नरम दल तथा गरम दल के बीच कांग्रेस के अध्यक्ष पद तथा स्वदेशी आंदोलन के विस्तार को लेकर दोनों के मध्य विवाद हो गया. इस विवाद के बीच सुंदरलाल शर्मा ने बाल गंगाधर तिलक को मंच में चढ़ने में मदद की थी।
- छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस पर इसका प्रभाव पड़ा। इसी दौरान जब रायपुर में कांग्रेस की जिला स्तरीय बैठक हुई तब वन्दे मातरम के गायन को लेकर नरम दल तथा गरम दल में विवाद की स्थिति निर्मित हो गयी थी। इस गतिरोध को टालने का कार्य पंडित रविशंकर शुक्ल ने किया।
- छत्तीसगढ़ में नरम दल के नेता निम्न थे - पंडित रविशंकर शुक्ल ,हरिसिंह गौर ,पंडित सुंदरलाल शर्मा आदि।
- छत्तीसगढ़ में गरम दल के नेता निम्न थे - दादा साहेब खापर्डे ,माधवराव सप्रे आदि।
- बिलासपुर के प्रमुख कांग्रेसी नेता निम्न थे - ई.राघवेन्द्र राव ,कुंजबिहारी अग्निहोत्री ,बैरिस्टर छेदीलाल ठाकुर आदि थे।
- धमतरी के प्रमुख कांग्रेसी नेता निम्न थे - छोटेलाल श्रीवास्तव ,पंडित सुंदरलाल शर्मा ,नारायण लाल मेघावाले आदि।
- राजनांदगाव के प्रमुख नेता निम्न थे- ठाकुर प्यारेलाल ,शिवलाल ,शंकर खरे आदि।
- दुर्ग के प्रमुख नेता निम्न थे - रत्नाकर झा ,विश्वनाथ तामस्कर ,नरसिंह प्रसाद अग्रवाल ,घनश्याम सिंह गुप्ता आदि।
- छत्तीसगढ़ में होमरूल आंदोलन(1915 ई ) -छत्तीसगढ़ में होमरूल आंदोलन के सूत्रधार बाल गंगाधर तिलक थे। उनकी अगुवाई में छत्तीसगढ़ में होमरूल आंदोलन को नेतृत्व पंडित रविशंकर शुक्ल ,मूलचंद बागड़ी ,माधवराव सप्रे आदि ने प्रदान किया गया।
- 1915 में ही सुंदरलाल शर्मा ने राजिम में किसान सभा का आयोजन किया था। इस कार्य में उनका साथ विष्णुदत्त शुक्ला ने दिया था।
- 1915 में गोपाल कृष्ण गोखले का आगमन रायपुर में हुआ था।
- खिलाफत आंदोलन के दौरान पंडित रविशंकर शुक्ल ने रायपुर में एक प्रसिद्ध भाषण दिया था। इस भाषण में उन्होंने कहा था की - "अब हम लोग हिन्दू -मुस्लिम नहीं रहे ,बल्कि सही अर्थो में हिंदुस्तानी है "
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