विभिन्न सरकारी योजनाएँ 2020
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना
Pradhan Mantri Kisan Sampada Yojana (PMKSY)
वर्ष 2016 में, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (Ministry of Food Processing Industries- MoFPI) ने कृषि-समुद्री प्रसंस्करण और कृषि-प्रसंस्करण क्लस्टर (SAMPADA) के विकास के लिये एक व्यापक योजना शुरू की, जिसे 6,000 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ वर्ष 2016-20 की अवधि के लिये लागू किया जाना प्रस्तावित था।
वर्ष 2017 में इसे प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के रूप में पुनः नामित किया गया।
यह केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना (Central Sector Scheme) है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया जाता है। एक किलो चने की दाल भी फ्री मिलती है। इसे प्रति माह हर परिवार को दिया जाता है।
अब तक इसके तहत अप्रैल में 93% , मई में 91% और जून में 71% लाभार्थियों को अनाज दिया जा चुका है। इसके लिए राज्यों ने अब तक 116 लाख मीट्रिक टन अनाज केंद्र सरकार से लिया है। इस अन्न योजना का विस्तार नवंबर तक कर दिया गया था।
लॉकडाउन शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही गरीब कल्याण योजना की शुरुआत हुई थी।
पीएम स्वनिधि योजना
इस योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को छोटी राशि का कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। इस पर ब्याज की दर भी कम होगी
पीएम स्वनिधि योजना के तहत अधिकतम 10 हजार रुपये तक का लोन मिलेगा। यह कारोबार को शुरू करने में मदद करेगा। यह बेहद आसान शर्तों के साथ दिया जाएगा। इसमें किसी गारंटी की जरूरत नहीं होगी। इस तरह यह एक तरह का अनसिक्योर्ड लोन होगा।
सड़क किनारे, ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वालों को यह कर्ज दिया जाएगा। फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून और पान की दुकानें भी इस श्रेणी में शामिल की गई हैं। इन्हें चलाने वाले भी यह लोन ले सकते हैं।
वन नेशन-वन राशन कार्ड
इस योजना को वर्ष 2019 में राशन कार्डों की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी (Inter-State Portability) सुविधा के तहत शुरू किया गया था।
इस योजना के तहत प्रवासी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (Migratory National Food Security Act- NFSA), 2013 के लाभार्थी देश में कहीं भी अपनी पसंद के किसी भी उचित मूल्य की दुकान ( Fair Price Shop- FPS) से अपने हिस्से के खाद्यान्न कोटे की खरीद कर सकते हैं।
ऐसा योजना के तहत पात्र व्यक्ति द्वारा आधार द्वारा प्रमाणिक अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री द्वारा मत्स्य संपदा योजना लॉन्च की गयी
10 सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा मत्स्य संपदा योजना लॉन्च की गई। इस योजना को देश के 21 राज्यों में शुरू किया गया है।
मत्स्य संपदा योजना का लाभ केवल जलीय कृषि तथा जलीय क्षेत्रों से संबंध रखने वाले लोगों को ही मिलेगा।
भारत सरकार द्वारा योजना हेतु कुल 20,050 करोड़ रुपये की अनुदान राशि का प्रावधान किया गया है जिसमें फिशरीज इंफ्रास्ट्रक्चर हेतु 7,710 करोड़ तथा मरीन, फिशरीज एवं एक्वाकल्चर हेतु लगभग 12,340 करोड़ रुपये के निवेश को प्रस्तावित किया गया है।
योजना का मुख्य लक्ष्य वर्ष 2024-2025 में कुल 70 लाख टन तक मछली उत्पादन को बढ़ाना है। सरकार द्वारा मत्स्य पालन करने वाले किसानों के लिए 3 लाख रुपये तक के लोन का प्रावधान किया गया है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के इस दौर में भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था। इस पैकेज को आत्मनिर्भर भारत अभियान का नाम दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि इस बड़े राहत पैकेज से भारत में लोगों को कामकाज करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और यह कोशिश की जाएगी कि अगले कुछ सालों में भारत अपनी जरूरत की अधिकतर चीजों के लिए खुद पर निर्भर हो जाए। इस हिसाब से अभियान का नाम आत्मनिर्भर भारत अभियान रखा गया है।
इसकी घोषणा 12 मार्च 2020 को की गयी थी।
अटल भूजल योजना
विश्व बैंक ने अटल भूजल योजना (ABHY) के तहत 6,000 करोड़ रुपए की सहायता देने की मंज़ूरी प्रदान कर दी है।
यह योजना 2018-19 से 2022-23 तक पाँच साल की अवधि में लागू की जानी है।
इस योजना के तहत पहचान किये गए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
ये राज्य भारत के कुल भूजल के दोहन के संदर्भ में 25 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं जहाँ अत्यधिक दोहन वाले, अत्यधिक जोखिम तथा कम जोखिम वाले ब्लॉक हैं।
हर घर जल योजना
सरकार ने जल जीवन मिशन या हर घर जल योजना का एलान 2020-21 के बजट में किया था।
इस योजना के तहत 2024 तक सरकार देश के ग्रामीण इलाकों में हर एक घर में पीने के पानी का कनेक्शन देगी। घरों तक पानी पहुंचाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। इसके अंतर्गत जल संरक्षण जैसे विषयों पर भी काम किया जाएगा।
सरकार इस योजना पर 3।5 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।
प्लास्टिक पार्क योजना
रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने हाल ही में देश में दस प्लास्टिक पार्क स्थापित करने के लिए मंजूरी दी है। यह पार्क 2019 में लॉन्च की गयी प्लास्टिक पार्क योजना के तहत स्थापित किए जा रहे हैं।
यह प्लास्टिक पार्क मध्य प्रदेश, असम, तमिलनाडु, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में स्थापित किए जायेंगे।
एक प्लास्टिक पार्क उद्योगों का एक क्षेत्र है जो प्लास्टिक और संबंधित क्षेत्रों के लिए समर्पित है। 10 प्लास्टिक पार्कों में से 6 वर्तमान में उपरोक्त राज्यों में क्रियान्वित किए जा रहे हैं। बाकी चार के लिए मसौदा योजना की प्रक्रिया चल रही है। भारत सरकार ने पार्क की स्थापना की परियोजना लागत को 40 करोड़ रुपये प्रति परियोजना के हिसाब से सील किया है। बाकी लागत राज्य सरकार को वहन करनी पड़ेगी।
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