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Showing posts from 2021

जलालुद्दीन ख़िलजी

बलबन :रक्त तथा लौह की नीति

CURRENT AFFAIRS 21 DEC 2021

proffit and loss (लाभ तथा हानि )

AVERAGE PART 3

Average lecture 2

AVERAGE (औसत)

the delhi sultanate

test for various examinations

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charvak darshan

CGPSC MAINS 2019 SOLVED PAPER

section 1  word limit 30 words  Q 1 what do you mean by chemical equilibrium? describe in brief. chemical equilibrium as a state in which the rate of the forward reaction is equal to the rate of the backward reaction. example H2(g) + I2(g) ⇌ 2HI(g)  Q 2 differentiates between minerals and ore? Minerals are naturally occurring, homogeneous inorganic solid substances having a definite chemical composition and characteristic crystalline structure, color, and hardness. For example, copper pyrite (CuFeS2), A mineral from which metal can be economically extracted in a maximum amount is called an ore. example Fe2O3  Q 3 EXPLAIN OHM'S LAW?  a law stating that electric current is proportional to voltage and inversely proportional to resistance.  Q 4 write four applications of solar cell?  Transportation, Solar cells in calculators, Solar cell panels, Solar cell advantages. Q 5 Difference between resistance and specific resistance?  The ratio of the potential difference between the

GDP deflator

  GDP deflator The GDP deflator, also called implicit price deflator, is a measure of inflation. It is the ratio of the value of goods and services an economy produces in a particular year at current prices to that of prices that prevailed during the base year. This ratio helps show the extent to which the increase in the gross domestic product has happened on account of higher prices rather than an increase in output. Since the deflator covers the entire range of goods and services produced in the economy — as against the limited commodity baskets for the wholesale or consumer price indices — it is seen as a more comprehensive measure of inflation. source the Hindu

$1 trillion platinum coin

  $1 trillion platinum coin The $1 trillion platinum coin is a token coin with a face value of $1 trillion that can be issued by the U.S. Treasury and deposited at the U.S. Federal Reserve, America’s central bank. It will help the U.S. Government to get from the Fed the money that it needs to fund its spending programs without increasing its overall liabilities. source the hindu

Rooftop solar

  Rooftop solar A global study has found that India is the most cost-effective country for generating rooftop solar energy at $66 per megawatt-hour, while the cost in China is marginally higher at $68 per megawatt-hour. Due to the lower cost, rooftop solar photovoltaics (RTSPV) technology, such as roof-mounted solar panels used in homes, and commercial and industrial buildings, is currently the fastest deployable energy generation technology. This is projected to fulfill up to 49% of the global electricity demand by 2050. According to the study, India has a significant solar rooftop potential of 1.7 petawatt-hour per year. source the hindu

Gati Shakti National Master Plan

  Gati Shakti National Master Plan launched- Oct 13,2021 objective to provide new momentum to the economic growth of the country. reducing the cost of logistics to GDP that has prevailed at about 14% even at the time the NDA government took office, to an aspirational 8%. reducing vehicular emissions from road freight growth in order to meet climate change commitments and containing input costs due to extraordinarily high taxes on diesel. A similar fillip to efficiency in port operations can increase cargo handling capacity and cut vessel turnaround time. to generate jobs. how they will achieve goals?  a technocentric administrative initiative that promises silo-breaking integration of 16 Ministries including railways, roads, and ports through information technology, satellite mapping, and data tools,  the program seeks to appeal to the national imagination as  an umbrella integrator  of ₹111-lakh crore worth of projects under the National Infrastructure Pipeline (NIP) for 2020-

GLOBAL HUNGER INDEX 2021

GLOBAL HUNGER INDEX AND INDIA   The Global Hunger Index launched on Thursday ranked India at 101 positions out of a total of 116 countries . India is also among the 31 countries where hunger has been identified as serious. India ranked 94 among 107 countries in the Global Hunger Index (GHI) released last year. India was also behind most of the neighboring countries. Pakistan was placed at 92 ranks, Nepal at 76, and Bangladesh also at 76. The Index tracks key indicators used to measure progress toward Zero Hunger by 2030 at national, regional, and global levels. Based on the values of the four indicators - undernourishment, child wasting, child stunting, and child mortality - the GHI determines hunger on a 100-point scale, where 0 is the best possible score (no hunger) and 100 is the worst. Each country’s GHI score is classified by severity, from low to extremely alarming. Somalia has the highest level of hunger according to the 2021 GHI ranking — its GHI score of 50.8 is consi

बैड बैंक तथा भारत

 बैड बैंक तथा भारत  सरकार 27 अरब डॉलर के कर्ज़ के घाटे के कारण पैदा हुए दबाव से कमर्शियल बैंको को बचाने के लिए 'बैड बैंक' का सहारा लेने जा रही है. एक अनुमान के अनुसार ये कमर्शियल बैंकों के दिए सौ अरब के कर्ज़े का एक चौथाई होगा। बैड बैंक' क्या होते हैं? 'बैड बैंक' संपत्ति के पुनर्निमाण के लिए बनी कंपनी होती है जो बैंकों से एक तय कीमत पर कर्ज़ खरीद लेती है. इसके बाद वो कर्ज़ लेने के लिए दी गई गारंटी बेचती है, या फिर दिवालिया हुई कंपनी की संपत्ति बेचती है. इन्हें बेचने से जो पैसा मिलता है उससे कुछ हद तक बैंकों के कर्ज़ की वसूली हो जाती है. ये पहली बार नहीं है जब भारत बैंक डूबे कर्ज़ की मुश्किल से परेशान हैं और उन्हें 'बैड बैंक' की ज़रूरत पड़ी है. बीते दो दशकों में इस तरह की निजी 28 कंपनियां बनी हैं लेकिन कर्ज़ वसूली के मामले में स्थिति बेहतर नहीं हुई है. इस बार सरकार ने इस काम के लिए दो कंपनियां बनाई हैं- एक कंपनी बैंक का डूबा हुआ कर्ज़ खरीदेगी और ये सरकारी कंपनी होगी. दूसरी कंपनी आंशिक रूप से निजी होगी और वो कर्ज़ लेने वाले की संपत्ति बेचने की को

श्रीलंका तथा प्रांतीय परिषद का चुनाव

 श्रीलंका तथा प्रांतीय परिषद का चुनाव श्रीलंका की सरकार ने संकेत दिए हैं कि वो अगले साल 2022 की शुरुआत में प्रोविंशियल काउंसिल्स (प्रांतीय परिषद) के चुनाव करा सकता है. इसके लिए वो वापस प्रोपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन इलेक्टोरल सिस्टम (आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली) को श्रीलंका में लागू कर रहा है. विपक्षी सांसद और तमिल प्रोग्रेसिव अलायंस (TPA) के नेता मनो गणेशन ने कहा है कि वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे '2022 की पहली तिमाही' में चुनाव कराने पर राज़ी हुए हैं. यह घोषणा तब हुई है जब भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने हाल ही में अपने श्रीलंका दौरे के दौरान प्रांतीय चुनावों का मुद्दा श्रीलंका के नेताओं के आगे उठाया था. भारत चाहता है कि श्रीलंका अपने संविधान के 13वें संशोधन का पालन करे. यह संशोधन 1987 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गाँधी और तत्कालीन श्रीलंकाई राष्ट्रपति जेआर जयवर्धने के बीच समझौते के बाद हुआ था. क्या है 13वें संशोधन  में ? इसके तहत श्रीलंका के नौ प्रांतों में काउंसिल को सत्ता में साझीदार बनाने की बात है. इसका मक़सद ये था कि श्रीलंका में तमिलों और सिंहल

दुनिया में गहराता ऊर्जा संकट

 दुनिया में गहराता ऊर्जा संकट लगभग पूरी दुनिया इस समय ऊर्जा संकट का सामना कर रही है. कहीं प्राकृतिक गैस तो कहीं कोयले की कमी से ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करना चुनौती बन गया है. यूरोप  के  देशों की मुश्किलें यूरोपीय देश इस समय प्राकृतिक गैस के बड़े संकट का सामने कर रहे हैं. ये देश अपनी ऊर्जा ज़रूरतों के लिए अधिकतर अक्षय ऊर्जा, प्राकृतिक गैस और परमाणु ऊर्जा पर निर्भर करते हैं. इसमें सबसे ज़्यादा हिस्सा प्राकृतिक गैस का है. लेकिन, यूरोपीय देशों में फ़िलहाल प्राकृतिक गैस की आपूर्ति मांग के अनुरूप नहीं है. सर्दियों में ये मांग और बढ़ने वाली है, जिसकी सबसे ज़्यादा मार मध्यम और निम्न आयवर्ग के लोगों पर पड़ सकती है. जानकार इसके पीछे कोई एक कारण ज़िम्मेदार नहीं मानते बल्कि कई वजहों ने मिलकर ये स्थितियां पैदा की हैं. विशेषज्ञ इसके पीछे कोरोना महामारी के बाद सामान्य होते जीवन में उत्पाद एवं सेवाओं की बढ़ती मांग, मौसम में बदलाव और कोयले के उत्पादन में आई कमी को ज़िम्मेदार बताते हैं. कोरोना महामारी के दौरान अर्थव्यवस्थाएं रुक गई थीं. मांग और उत्पादन दोनों ही कम थे. अर्थव्यवस्थाओं की हालत खर

मलेरिया का नया टीका

 मलेरिया का नया टीका तीन दशकों तक चले वैज्ञानिक प्रयास उस समय फलीभूत हो गए, जब बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने किसी भी परजीवी रोग के खिलाफ, दुनिया के पहले टीके को अपनी  मंज़ूरी दे दी . आरटीएसएस (ट्रेड नाम मॉक्विरिक्स), जिसे ग्लेक्सोस्मिथक्लीन (जीएसके) ने विकसित किया है, मलेरिया से ग्रसित बच्चों में गंभीर बीमारी के ख़तरे को काफी कम कर देता है. भारत के लिए, ये ख़बर दो मायनों में अच्छी है- देश में मलेरिया का भारी दबाव; और ये तथ्य कि 2029 तक भारतीय कंपनी भारत बायोटेक, इस वैक्सीन की एकमात्र ग्लोबल निर्माता बन जाएगी. इस साल जनवरी में, एक अंतर्राष्ट्रीय ग़ैर-मुनाफा संस्था पाथ, जो स्वास्थ्य समस्याओं पर देशों और संस्थाओं के साथ मिलकर काम करती है, जीएसके और भारत बायोटेक इंडिया लि. (बीबीआईएल) ने, मलेरिया वैक्सीन के लिए एक उत्पाद हस्तांतरण समझौते पर दस्तख़त किए जाने का ऐलान किया. हालांकि इस वैक्सीन को मच्छर नियंत्रण के मौजूदा उपायों के साथ ही इस्तेमाल किया जाना है जैसे नेट्स, रिपेलेंट्स आदि- काफी हद तक वैसे ही, जैसे कोविड का टीका लगे लोगों में मास्क का इस्तेमाल होता है.

एवरग्रांड संकट

  एवरग्रांड संकट चीन की दूसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांड दिवालिया होने की कगार पर है। कंपनी पर 300 बिलियन डॉलर से ज्यादा की देनदारी है, जिसे चुकाने से कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए हैं। कंपनी का कहना है कि उसके पास इस भारी-भरकम कर्ज को चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं। इसके बाद ग्लोबल मार्केट को बड़ा धक्का लगा है। शेयरधारकों के पैसे डूब रहे हैं, तो दुनिया के कई शेयर मार्केट में गिरावट देखी जा रही है। एवरग्रांड क्या है? एवरग्रांड चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक है। 1996 में शुरू यह कंपनी फिलहाल चीन की दूसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी है। कंपनी के चीन के करीब 200 शहरों में 1300 से भी ज्यादा प्रोजेक्ट हैं। कंपनी का रियल एस्टेट के अलावा इलेक्ट्रिक व्हीकल, थीम पार्क, फूड एंड बेवरेज, टूरिज्म और पैकेज्ड वाटर बोटल का भी कारोबार है, जिनमें 2 लाख से भी ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है। कंपनी की खुद की एक फुटबॉल टीम भी है। कंपनी के मालिक झू जिआयिन एक वक्त चीन के सबसे अमीर शख्स की लिस्ट में शामिल थे। तो अब समस्या क्या आई है? जब चीन का रियल एस्टेट मार्केट अपने बूम पर था,

रिलायंस ने मुंबई से की 7-Eleven के पहले स्टोर की शुरुआत

  रिलायंस ने मुंबई से की 7-Eleven के पहले स्टोर की शुरुआत दिग्गज अमेरिकी कंपनी 7-Eleven आज भारत में अपना पहला स्टोर खोलने जा रही है। 7-Eleven भारत में अपने कदम रिलायंस रिटेल वेंचर्स के साथ मिलकर रख रही है। रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने इसके लिए 7-Eleven Inc (SEI) से मास्टर फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट किया है। रिलायंस ने बताया कि पहला 7-Eleven स्टोर मुंबई के अंधेरी में शनिवार 9 अक्टूबर 2021 को खुला। इसके बाद वह पास-पड़ोस के इलाकों और ग्रेटर मुंबई के कॉमर्शियल एरिया में तेजी से स्टोर्स खोलेगी। 7-Eleven क्या है? 7-Eleven कन्वीनियंस स्टोर्स की मल्टीनेशनल चेन है। कन्वीनियंस स्टोर यानी रोजमर्रा की जरूरत की चीजें मिलने वाला स्टोर। यहां आपको कॉफी, ग्रॉसरी, स्नैक फूड, सॉफ्ट ड्रिंक जैसे कई आइटम मिलते हैं। यानी फिलहाल किसी भी रिटेल स्टोर की तरह ही ये भी होगा। कंपनी के 18 देशों में 70 हजार से भी ज्यादा स्टोर हैं। 7-Eleven में किस तरह के प्रोडक्ट मिलते हैं? 7-Eleven के स्टोर्स में अलग-अलग देशों में अलग-अलग सामान मिलता है। अमेरिका के स्टोर्स में कॉफी, सैंडविच, फ्रूट्स, सलाद, बेकरी आइटम, रेडी-टु-ईट आइटम, डेयरी प

रिप्रोडक्टिव राइट्स

  रिप्रोडक्टिव राइट्स आसान भाषा में समझें तो रिप्रोडक्टिव राइट्स का मतलब किसी व्यक्ति की रिप्रोडक्शन हेल्थ और इसके फैसले से जुड़ा है। यानी कोई कब प्रेग्नेंट होना चाहता है, अबॉर्शन करना चाहता है, कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल करना चाहता है, और फैमिली प्लानिंग करना चाहता है। इसमें प्रेग्नेंसी के दौरान जरूरी पोषण और स्वास्थ्य सुविधाएं, प्रेग्नेंसी से पहले महिला-पुरुष दोनों की सहमति जैसी कई दूसरी बातें भी शामिल हैं। इसके तहत क्या-क्या अधिकार मिले हैं? दोनों पार्टनर्स का स्वतंत्र तौर पर और जिम्मेदारी से ये निर्णय लेने का अधिकार कि कितने बच्चे पैदा करना है, कब करना है। इसके लिए जरूरी जानकारी और साधनों को जानने का अधिकार। रिप्रोडक्टिव राइट्स के तहत शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ होने का अधिकार। प्रेग्नेंसी और अबॉर्शन के बारे में बिना किसी भेदभाव या जबर्दस्ती के निर्णय लेने का अधिकार। यानी आप कब बच्चे पैदा करेंगे, कितने करेंगे, 2 बच्चों के बीच कितना गैप होगा, कब नसबंदी करवाएंगे, किस तरीके से करवाएंगे ये सभी निर्णय लेने का अधिकार। भारत में इसको लेकर क्या कानून हैं? मेडिकल टर्मि

AUKUS समझौता

  AUKUS समझौता ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने ब्रिटेन और अमेरिका के साथ एक ऐतिहासिक रक्षा समझौता किया है जिसके तहत परमाणु ताक़त से लैस पनडुब्बियों का बेड़ा तैयार किया जाएगा. ये पनडुब्बियां ऑस्ट्रेलिया के तटीय इलाकों और उसके जल क्षेत्र की सुरक्षा और निगरानी के काम लाई जाएंगी. 'परमाणु युग' की शुरुआत के साथ ही 1940 के दशक में न्यूक्लियर पावर से चलने वाले समुद्री जहाज़ों पर रिसर्च का काम शुरू हो गया था. उसके बाद से केवल छह देशों के पास ही परमाणु ताक़त से लैस पनडुब्बियों की ताक़त है. ये देश हैं चीन, फ्रांस, भारत, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका. परमाणु ऊर्जा के फ़ायदे और नुक़सान क्या हैं? परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी का सबसे बड़ा फ़ायदा ये होता है कि उन्हें फिर से ईंधन लेने की ज़रूरत नहीं पड़ती है. किसी परमाणु पनडुब्बी को जब ड्यूटी पर उतारा जाता है तो उसमें ईंधन के रूप में यूरेनियम की इतनी मात्रा मौजूद होती है कि वो अगले 30 सालों तक काम करते रह सकती है. डीज़ल से चलने वाली पारंपरिक सबमरीन की तुलना में परमाणु ऊर्जा से लैस पनडुब्बी लंबे समय तक तेज़ रफ़्तार से काम कर सकती हैं. इसकी एक और