नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) को मंज़ूरी दे दी, जो केंद्र सरकार और सरकारी बैंकों के नॉन-गैज़ेटेड पदों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) कराएगी।
एनआरए सीईटी परीक्षा करवाएगा, जो केंद्र सरकार की नौकरियों के सभी नॉन-गैज़ेटेड (ग्रुप बी और सी) पदों के लिए इकलौती प्रवेश परीक्षा होगी.
एनआरए अभी स्टाफ़ सेलेक्शन कमिशन (एसएससी), रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड्स (आरआरबीज़) और इंस्टीट्यूट ऑफ़ बैंकिंग सर्विस पर्सनल (आईबीपीएस) के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट करवाएगा.
ग्रेजुएट, हायर सेकंडरी (12वीं पास) और मैट्रिक (10वीं पास) के उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग स्तर की परीक्षाएँ होंगी.इस परीक्षा में प्राप्त किए गए अंकों के ज़रिए उम्मीदवार अपनी योग्यता और प्राथमिकता के हिसाब से किसी भी सेक्टर में नौकरी के लिए आवेदन कर सकेगा.
जो उम्मीदवार सीईटी नामक इस परीक्षा को पास करेंगे वो किसी भी रिक्रूटमेंट एजेंसी में आगे उच्च स्तर की परीक्षा के लिए आवेदन कर सकेंगे. जहाँ पर फिर टियर-2 और 3 जैसी परीक्षाएँ होंगी लेकिन सीईटी का पाठ्यक्रम सबके लिए समान होगा.
सीईटी में लाए गए अंक तीन साल के लिए मान्य होंगे और अंग्रेज़ी समेत 12 भाषाओं में इसकी परीक्षाएँ होंगी. इसके साथ ही हर ज़िले में एक परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा.
केंद्रीय सचिव सी चंद्रमौली का कहना है कि केंद्र सरकार में अभी 20 से अधिक रिक्रूटमेंट एजेंसियाँ हैं, शुरुआत में तीन एजेंसियों के लिए परीक्षाएँ ली जाएँगी, जिसे आगे चलकर सभी रिक्रूटमेंट एजेंसियों के लिए लागू किया जाएगा.
एनआरए एक स्वायत्त संस्थान होगी, जिसका मुख्यालय दिल्ली में होगा। इसका अध्यक्ष सचिव स्तर का अधिकारी होगा। एनआरए द्वारा देश भर में एक हजार परीक्षा केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
क्या होगा फायदा
-उम्मीदवारों को अलग-अलग आरंभिक परीक्षाओं से मुक्ति मिलेगी
- परीक्षाओं की तारीखें एक साथ आ जाने से एक परीक्षा छोड़नी पड़ती थी, जो अब नहीं होगी
- परीक्षा केंद्र अलग-अलग शहरों में पड़ते थे। अब यह समस्या खत्म हो जाएगी
-परीक्षाओं के लिए अब हर जिला मुख्यालय पर एक केंद्र होगा। दूर नहीं जाना होगा
- एक ही परीक्षा के लिए फीस भरनी होगी। यात्रा पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी
- रेलवे भर्ती बोर्ड, कर्मचारी चयन आयोग और आईबीपीएस के प्रतिनिधि संचालक मंडल में शामिल होंगे
- अभी परीक्षा के आवेदन से लेकर रिजल्ट आने में 12-18 महीने लगते हैं। सीईटी से यह समय घटेगा
एक परीक्षा की योजना सफल रही
केंद्र सरकार ने पूर्व में एमबीबीएस में एडमिशन के लिए भी एक टेस्ट किया है। जो सफल रहा है। जबकि पहले हर राज्य अपनी परीक्षा करता था। इसी प्रकार प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन के लिए एक एजेंसी एनटीए का गठन किया है। पहले यह कार्य सीबीएसई या अन्य एजेंसियों को करना पड़ता था।
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