प्रश्न- भारत के डिजिटलीकरण में इंटरनेट के महत्व का उल्लेख करते हुए डिजिटल भारत के मार्ग में आने वाली चुनौतियों और अपेक्षित सुधारों का विश्लेषण कीजिए।
डिजिटलीकरण में इंटरनेट का महत्व
- आधार, जियो, जन धन, और जीएसटी के कारण. जीएसटी के कारण 1.03 करोड़ व्यवसाय टैक्स भुगतान के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ गए हैं.
- डिजिटल अर्थव्यवस्था 2025 तक 6 से लेकर 6.5 करोड़ तक रोज़गार पैदा कर सकती है.
- खेती में जानकारियों के कुशल उपयोग से लागत में 20 फीसदी की कमी आ सकती है, और ऑनलाइन नेटवर्क के जरिए फ़सलों आदि के बेहतर दाम मिलने से आमदनी में 15 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है और फसल कटाई के बाद के कचरे में भी कमी लाई जा सकती है.
- दूसरे देशों के मुक़ाबले भारत में व्यवस्थागत लागत लगभग दोगुनी, जीडीपी की 14 फीसदी है. इसे भी कुशल ट्रैकिंग और ट्रकों की आवाजाही के जरिए कम किया जा सकता है (माल ढुलाई में लगने वाले समय में आधी कटौती की जा सकती है).
- स्वास्थ्य ही नहीं, शिक्षा के महकमे को भी डिजिटल टेक्नोलॉजी से भारी लाभ मिल सकता है.
डिजिटल भारत के समक्ष चुनौतियाँ
सरकार का पहला लक्ष्य है ब्रॉडबैंड हाइवे. इसके तहत देश के आख़िरी घर तक ब्रॉडबैंड के ज़रिए इंटरनेट पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा.लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा है कि नेशनल ऑप्टिक फ़ाइबर नेटवर्क का प्रोग्राम, जो तीन-चार साल पीछे चल रहा है.
सरकार का दूसरा लक्ष्य है सबके पास फोन की उपलब्धता, जिसके लिए ज़रूरी है कि लोगों के पास फ़ोन खरीदने की क्षमता हो. लेकिन सरकार को ये सोचना होगा कि क्या सबके पास फोन खरीदने की क्षमता आ गई है. या फिर सरकार अगर ये सोच रही है कि वो खुद सस्ते फोन बनाएगी तो इसके लिए तकनीक और तैयारी कहां है?
ई-गवर्नेंस. यानी सरकारी दफ्तरों को डिजिटल बनाना और सेवाओं को इंटरनेट से जोड़ने का.इसे लागू करने का पिछला अनुभव बताता है कि दफ्तर डिजिटल होने के बाद भी उनमें काम करने वाले लोग डिजिटल नहीं हो पा रहे हैं.
ई-क्रांति के लिए हमारा दिमाग, हमारी सोच, हमारा प्रशिक्षण और उपकरण सबकुछ डिजिटल होना ज़रूरी है.अगर हमने सरकार के ढांचे को इंटरनेट से नहीं जोड़ा तो फिर इसके तहत डिलीवरी कैसे करेंगे?
इंफ़ोर्मेशन फ़ॉर ऑल यानी सभी को जानकारियाँ मुहैया कराई जाएंगी.लेकिन सवाल उठता है कि एक्सेस टू इंफ़ॉर्मेशन के अभाव में यह कैसे संभव है?इसके लिए ज़रूरी है अच्छा एक्सेस इंफ्रास्ट्रक्चर होना ताकि लोग आसानी से जानकारियाँ पा सकें।
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन- इसके तहत उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए कल-पुर्जों के आयात को शून्य करना है.यह कभी भी संभव नहीं है क्योंकि पूरी दुनिया चाहती है व्यापार करना.जहां तक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के उत्पादन का सवाल है तो अभी तक हम इस मामले में शहरों तक ही सीमित हैं और गाँवों तक जा ही नहीं रहे हैं.
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