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जून में खुदरा महंगाई की दर 6.09% पर पहुंची

जून में खुदरा महंगाई की दर 6.09% पर पहुंची

जून में देश की खुदरा महंगाई की दर 6.09 फीसदी दर्ज की गई। यह दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को दिए गए रेंज से ज्यादा है। इससे आरबीआई दोहरे संकट में फंस गया है। आरबीआई की दुविधा यह है कि वह ब्याज दर बढ़ाकर महंगाई कम करे या इसे घटाकर आर्थिक विकास तेज करे।
सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई की दर दो फीसदी की घटबढ़ की गुंजाइश के साथ औसत 4 फीसदी पर बनाए रखने की जिम्मेदारी दी है। लेकिन, आरबीआई के ऊपर आर्थिक विकास दर को तेज रखने की भी जिम्मेदारी है। मौजूदा स्थिति में ये दोनों बातें जरूरी हैं.
सोमवार को मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन की तरफ से जारी डाटा के मुताबिक, जून 2020 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर 6.09 फीसदी रही। इस दौरान खुदरा खाद्य महंगाई दर 7.87 फीसदी रही।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक

 उपभोक्ता मूल्य सूचकांक एक व्यापक उपाय है जिसका उपयोग वस्तुओं और सेवाओं के औसत मूल्य के माप के लिए एक सूचकांक है. जिसकी गणना सामानों एवं सेवाओं (goods and services) के एक मानक समूह के औसत मूल्य की गणना करके की जाती है. आमतौर पर इसका उपयोग अर्थव्यवस्था में खुदरा मुद्रास्फ़ीति को मापने के लिए किया जाता है. 



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