विद्युत (संशोधन) विधेयक 2020
देश के टिकाऊ आर्थिक विकास के लिए किफायती दरों पर बेहतर बिजली की आपूर्ति आवश्यक है। विद्युत क्षेत्र के विकास के लिए विद्युत मंत्रालय ने 17 अप्रैल, 2020 को विद्युत अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2020 के मसौदे के रूप में विद्युत अधिनियम, 2003 में संशोधन के लिए मसौदा प्रस्ताव जारी किया है।
इस संसोधन के निम्न उद्देश्य है -
- उपभोक्ता केंद्रित अवधारणा सुनिश्चित करना।
- विद्युत क्षेत्र की स्थिरता में वृद्धि करना।
- हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन प्रदान करना।
विद्युत संविदा प्रवर्तन प्राधिकरण' का निर्माण
केंद्र सरकार ने वितरण और निर्माण कंपनियों के बीच विवादों हल करने के लिए 'विद्युत अनुबंध प्रवर्तन प्राधिकरण' (ECEA) के निर्माण का प्रस्ताव दिया है। ECEA बिजली की बिक्री, खरीद या पारेषण से संबंधित अनुबंध के तहत दायित्वों के प्रदर्शन से संबंधित मामलों पर फैसला करने के लिए एकमात्र इकाई होगा। निर्माण कंपनी और वितरण कंपनी के बीच सभी अनुबंध, समापन के 30 दिनों के भीतर ECEA के समक्ष दायर किए जाएंगे।
राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा नीति
केंद्र सरकार ने ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा नीति की तैयारी और अधिसूचना भी प्रदान की है और ऊर्जा नवीकरणीय और हाइड्रो स्रोतों से बिजली की खरीद का न्यूनतम प्रतिशत भी निर्धारित किया है। नवीकरणीय ऊर्जा की खरीद की बाध्यता से संबंधित वर्तमान ढांचा संबंधित राज्य विद्युत नियामक आयोगों द्वारा निर्धारित अक्षय खरीद बाध्यताओं के तहत है।
बिजली का सीमा पार व्यापार
तीसरी महत्वपूर्ण घोषणा बिजली के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित नियमों और विनियमों के संबंध में की गई है। केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग को बिजली के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के पर्यवेक्षण के लिए प्रस्तावित किया गया है। बिजली के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण की शक्तियां बढ़ाई जाएंगी बिजली के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण के तहत वर्तमान में अध्यक्ष समेत 3 सदस्य कार्यरत हैं। ट्रिब्यूनल की सदस्य संख्या बढ़ाकर 7 किए जाने का प्रस्ताव है, जिसके बाद ट्रिब्यूनल में 4 अलग-अलग कोर्टरूम होंगे। फिलहाल 2 कोर्ट रूम हैं, जिसमें एक चेयरपर्सन की कोर्ट शामिल है। बिजली के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण में नियुक्तियां करने के लिए चयन समिति केंद्र सरकार ने भी विद्युत अधिनियम के तहत विभिन्न प्राधिकरणों, जैसे विद्युत के लिए अपीलीय न्यायाधिकरण, केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग, राज्य विद्युत नियामक आयोग आदि में नियुक्तियां करने के लिए एक आम चयन समिति का प्रस्ताव किया है। चयन समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश करेंगे। ऊर्जा मंत्रालय के सचिव, दो राज्य सरकारों के मुख्य सचिव (रोटेशन द्वारा चयनित ) चयर समिति के सदस्य होंगे। डिस्ट्रीब्यूशन सब-लाइसेंस और फ्रेंचाइजी डिस्ट्रीब्यूशन सब-लाइसेंस और डिस्ट्रीब्यूशन सब-लाइसेंसी के लिए प्रावधान का निर्माण बहुत महत्वपूर्ण है। डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंसी को सशक्त बनाने का प्रस्ताव है, तबकि वह किसी व्यक्ति को किसी विशेष क्षेत्र में बिजली वितरित करने के लिए "डिस्ट्रीब्यूशन सब-लाइसेंसी" के रूप में मान्यता दे सके या अधिकृत कर सके।
स्रोत pib ,लाइव लॉ.इन
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