प्लाज्मा थेरेपी
प्लाज्मा थेरेपी को मेडिकल साइंस की भाषा में प्लास्माफेरेसिस (plasmapheresis) नाम से जाना जाता है।
प्लाज्मा थेरेपी से तात्पर्य ऐसी प्रक्रिया से है, जिसमें खून के तरल पदार्थ या प्लाज्मा को रक्त कोशिकाओं (blood cells) से अलग किया जाता है।इसके बाद यदि किसी व्यक्ति के प्लाज्मा थेरेपी को मुख्य रूप से इन 5 उद्देश्य के लिए किया जाता है-
संक्रमण का पता लगाना- प्लाज्मा थेरेपी को मुख्य रूप से संक्रमण का पता लगाने के लिए किया जाता है।
चूंकि, काफी सारी बीमारियाँ संक्रमण के द्वारा होती है, इसलिए ऐसी बीमारियों का इलाज करने में प्लाज्मा थेरेपी काफी कारगर उपाय साबित होती है।डोनर पार्ट का सही तरीके से काम न करना- वर्तमान समय में काफी सारे ट्रांसप्लांट किए जाते हैं, मगर कई बार ये असफल साबित हो जाते हैं।जब ट्रांसप्लांट कराने वाले लोगों के लिए डोनर पार्ट सही तरीके से काम नहीं करता है, तब उन्हें प्लाज्मा थेरेपी सहायता करती है।
खेल में चोट (Sport Injury) लगना- कई बार, खेल में चोट का इलाज करने के लिए फ्लास्माफेरेसिस का सहारा लिया जाता है।
इस प्रकार, इस थेरेपी को स्पोर्ट्स इंजरी को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।मायस्थीनिया ग्रेविस का इलाज करना- जब कोई व्यक्ति मायस्थीनिया ग्रोविस (Myasthenia gravis) से पीड़ित होता है, तो उसका इलाज करने के लिए डॉक्टर प्लाज्मा थेरेपी की सहायता करते हैं।
मायस्थीनिया ग्रोविस से तात्पर्य ऐसी मानसिक बीमारी है, जिसमें लोगों की मांसपेशियाँ कमज़ोर हो जाती हैं।
गुलियन बेरी सिंड्रोम का इलाज करना- अक्सर,प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल गुलियन बेरी सिंड्रोम (Gullian Berry Syndrome) का इलाज करने के लिए भी किया जाता है।
गुलियन बेरी सिंड्रोम रोग-प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करने की बीमारी है, जिसका असर लोगों की सेहत पर पड़ता है और उनके बीमार होने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है।
प्लाज्मा थेरेपी के लाभ
रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना- प्लाज्मा थेरेपी कराने का सबसे बड़ा लाभ रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है।
जिस लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बेहतर या मजबूत होती है, उनके बीमार होने की संभावना काफी कम रहती है।अन्य बीमारियों का इलाज करना- यह थेरेपी चेहरे,बाल,चेहरे इत्यादि से जुड़ी समस्याओं का भी समाधान करने में भी कारगर साबित होती है।इस प्रकार, प्लाज्मा थेरेपी से इन समस्याओं को भी ठीक किया जा सकता है।
समय की बचत होना- जहां एक ओर, कुछ सर्जरी में काफी समय लगता है, वहीं दूसरी प्लाज्मा थेरेपी में काफी कम (3-5 घंटे) समय लगता है।
इसकी वजह से, लोगों को इस थेरेपी को कराने पर समय की बर्बादी नहीं होती है।दर्द महसूस न होना- प्लाज्मा थेरेपी का अन्य लाभ दर्द महसूस न होना भी है।
जब इस थेरेपी को किया जाता है, तो इसे कराने वाले लोगों को किसी तरह का दर्द महसूस नहीं होता है।जल्दी रिजल्ट आना या दिखना- इस थेरेपी के काफी सारे ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें इसे कराने वाले लोगों को आराम मिलता है।
इस प्रकार, प्लाज्मा थेरेपी का अन्य लाभ जल्दी रिजल्ट आना या दिखना है
प्लाज्मा थेरेपी के संभावित खतरे
संक्रमण होना- हालांकि, प्लाज्मा थेरेपी को संक्रमण का पता लगाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद यह समस्या इसके बाद भी रह सकती है।
अत: इस थेरेपी का प्रमुख खतरा संक्रमण होना है।नस का खराब होना- कई बार,प्लाज्मा थेरेपी का असर नस पर भी पड़ सकता है, जिसकी वजह से नस खराब हो सकती है।
बेहोशी होना- अक्सर, इस थेरेपी को कराने वाले कुछ लोग बेहोशी या कमज़ोरी रहने की शिकायत करते हैं।
इस प्रकार, प्लाज्मा थेरेपी से लोगों को कमज़ोरी महसूस हो सकती है।ब्लड क्लोट्स होना- प्लाज्मा थेरेपी की वजह से ब्लड क्लोट्स की संभावना भी बढ़ सकती है।
हालांकि, ब्लड क्लोट्स का इलाज संभव है, लेकिन इसके बावजूद इसके लाइलाज रहने पर यह गंभीर समस्या बन सकती है।धुँधला दिखाई देना- इस थेरेपी का असर मानव-शरीर के अन्य अंगों जैसे आंखों पर भी पड़ सकता है।
इस कारण, प्लाज्मा थेरेपी कराने वाले लोगों को धुँधला दिखाई देने (blurred vision) की समस्या हो सकती है।
स्रोत https://www.letsmd.com/blog/plasma-therapy-in-hindi/ ,BBC HINDI
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