डेक्सामेथासोन कोरोना से जान बचाने वाली पहली दवा
डेक्सामेथासोन कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों की जान बचाने में मदद कर सकती है.
ब्रिटेन के विशेषज्ञों का कहना है कि कम मात्रा में इस दवा का उपयोग कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में एक बड़ी कामयाबी की तरह सामने आया है.जिन मरीज़ों को गंभीर रूप से बीमार पड़ने की वजह से वेंटिलेटर का सहारा लेना पड़ रहा है, उनके मरने का जोखिम क़रीब एक तिहाई इस दवा की वजह से कम हो जाता है. जिन्हें ऑक्सीजन की ज़रूरत पड़ रही है, उनमें पांचवें हिस्से के बराबर मरने का जोखिम कम हो जाता है.
शोधकर्ताओं का अनुमान है कि अगर इस दवा का इस्तेमाल ब्रिटेन में संक्रमण के शुरुआती दौर से ही किया जाता तो फिर क़रीब पाँच हज़ार लोगों की जान बचाई जा सकती थी. चूंकि यह दवा सस्ती भी है, इसलिए ग़रीब देशों के लिए भी काफ़ी फ़ायदेमंद साबित हो सकती है.
डेक्सामेथासोन
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, डेक्सामेथासोन एक स्टेरॉयड है जिसका इस्तेमाल 1960 से किया जा रहा है। यह दवा सूजन से दिक्कत जैसे अस्थमा, एलर्जी और कुछ खास तरह के कैंसर में दी जाती है। 1977 में इसे डब्ल्यूएचओ ने जरूरी दवाओं की मॉडल लिस्ट में शामिल किया और ज्यादातर देशों में कम कीमत में मिलने वाली दवा बताया है।
स्रोत - बीबीसी हिंदी ,भास्कर डॉट कॉम
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