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आसमानी बिजली

आसमानी बिजली

LIGHTNING

जब Opposite Energy के बादल (+,-) एक दूसरे से टकराते है तो उनसे पैदा होने वाली रगड़ से आसमानी बिजली और उनके टकराने से कड़कने की आवाज पैदा होती है. कुछ बिजली तो आपस में बादलों पर ही गिर जाती है लेकिन जो ज्यादा मजबूत होती है वो कंडक्टर की तलाश में धरती की ओर बढ़ती है.
धरती पर पहुंचने के बाद बिजली को कंडक्टर की जरूरत पड़ती है। आकाशीय बिजली जब लोहे के खंभों के अगल- बगल से गुजरती है तो वह कंडक्टर का काम करता है। उस समय कोई व्यक्ति यदि उसके संपर्क में आता है तो उसकी जान तक जा सकती है।
आकाशीय बिजली ज्यादातर बरसात के दिनों में गिरती है। इसकी चपेट में वो लोग आते हैं जो खुले आसमान के नीचे, हरे पेड़ के नीचे होते हैं, पानी के करीब होते हैं या फिर बिजली और मोबाइल के टॉवर के नजदीक होते हैं।

हर सेकेंड 40 बार बिजली गिरती है. मतलब दिन में करीब 30 लाख बार. ये सभी बिजली जमीन से नही टकराती इनमें से बहुत सी बादलों से बादलों पर गिरती है.

एक आसमानी बिजली में इतनी पाॅवर होती है कि 3 महीने तक 100 वाॅट का बल्ब जल सकता है.

आकाशीय बिजली X-Ray किरणों से लैस होती है.आकाश से गिरने वाली बिजली लगभग 4 से 5 किलोमीटर लंबी होती है. इसकी फ्लैश 1 या 2 इंच चौड़ी होती है. इसमें 10 करोड़ volts के साथ 10000 Amps का करंट होता है.

आसमानी बिजली में इतनी ऊर्जा होती है कि एक बार में 1,60,000 ब्रेड के टुकड़े सेंके जा सकते है.

आसमानी बिजली की घटना क्यों बाद रही है ?

  1. तेजी से होने वाला अनियंत्रित शहरीकरण और पेड़ों की कटाई इन घटनाओं और इससे होने वाली मौतों की तादाद बढ़ने की प्रमुख वजह है.
  2. प्राकृतिक घटना होने की वजह से इसमें वृद्धि की एकदम सटीक वजह बताना तो संभव नहीं हैं. लेकिन शहरी इलाकों में अनियंत्रित तरीके से होने वाला शहरीकरण इसकी एक प्रमुख वजह है. 
  3.  शहरी इलाकों में बढ़ता प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन भी इन घटनाओं को तेज करने में सहायक होता है. "मेघालय औऱ पूर्वोत्तर के दूसरे पर्वतीय राज्यों में अब भी हरियाली रहने की वजह से वहां वज्रपात और इससे होने वाली मौतों की तादाद देश के दूसरे हिस्सों के मुकाबले कम हैं.”  मुंबई के मुकाबले कोलकाता जैसे महानगर में वज्रपात की घटनाएं बढ़ी है। 

बिजली गिरने की स्थिति में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए...

1. अगर किसी पर बिजली गिर जाए, तो फ़ौरन डॉक्टर की मदद माँगे. ऐसे लोगों को छूने से आपको कोई नुकसान नहीं पहुँचेगा.

2. अगर किसी पर बिजली गिरी है तो फ़ौरन उनकी नब्ज़ जाँचे और अगर आप प्रथम उपचार देना जानते हैं तो ज़रूर दें. बिजली गिरने से अकसर दो जगहों पर जलने की आशंका रहती है- वो जगह जहाँ से बिजली का झटका शरीर में प्रवेश किया और जिस जगह से उसका निकास हुआ जैसे पैर के तलवे.

3. ऐसा भी हो सकता है कि बिजली गिरने से व्यक्ति की हड्डियाँ टूट गई हों या उसे सुनना या दिखाई देना बंद हो गया हो. इसकी जाँच करें.

SOURCE BBC HINDI ,DW





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