भारत तथा सुरक्षा परिषद की अस्थाई सदस्यता
पृष्ठ्भूमि
भारत 8 साल में 8वीं बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुन लिया गया है। बुधवार को हुई वोटिंग में महासभा के 193 देशों ने हिस्सा लिया। 184 देशों ने भारत का समर्थन किया। अमेरिका ने सुरक्षा परिषद में भारत की अस्थाई सदस्यता का स्वागत किया।
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मुताबिक, भारत दो साल के लिए अस्थाई सदस्य चुना गया है। भारत के साथ आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे भी अस्थाई सदस्य चुने गए हैं।
सुरक्षा परिषद
क्या संयुक्त राष्ट्र का एक महत्वपूर्ण अंग है इसे दुनिया का पुलिस किया संयुक्त राष्ट्र का हृदय भी कहा जाता है।इसका प्रमुख कार्य दुनिया में शांति की स्थापना करना है। इसके लिए यह शांति को खतरा उत्पन्न करने वाले देशों के साथ बातचीत करता है तथा इस माध्यम से बात ना बनने पर यह आर्थिक प्रतिबंध जैसे कड़े कदम भी उठा सकता है। इस परिषद में पांच स्थाई तथा 10 अस्थाई सदस्य होते हैं पांच स्थाई सदस्य निम्न है-
संयुक्त राज्य अमेरिका
ग्रेट ब्रिटेन
फ्रांस
रूस
चीन
क्यों चुने जाते हैं अस्थाई सदस्य
सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्य चुनने का मकसद यह होता है कि वहां क्षेत्रीय संतुलन बना रहे। अफ्रीका और एशिया-प्रशांत देशों के लिए तय दो सीटों पर तीन उम्मीदवार जिबूती, भारत और केन्या हैं।
ऐसे होता है चुनाव
193 सदस्यों वाले संयुक्त राष्ट्र में भारत को जीत के लिए दो-तिहाई यानी 128 सदस्यों का समर्थन चाहिए। सदस्य देश सीक्रेट बैलेट से वोटिंग करते हैं। भारत का कार्यकाल 1 जनवरी 2021 से शुरू होगा।
भारत कब-कब अस्थाई सदस्य चुना गया
भारत आठवीं बार सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना जा रहा है। इसके पहले 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में भारत यह जिम्मेदारी निभा चुका है।
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