छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग प्रश्न पत्र 2012 -2018 विषय सामान्य अध्ययन - 1 (विषय कोड - 03 ) प्रश्न पत्र - 3 ,भाग -1 ,साल्व्ड पेपर्स
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग प्रश्न पत्र 2012 -2018 विषय सामान्य अध्ययन - 1 (विषय कोड - 03 ) प्रश्न पत्र - 3 ,भाग -1 ,साल्व्ड पेपर्स
यहाँ पर छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा से संबंधित प्रश्नो का उत्तर दिया जा रहा है। समस्त खंडो से सम्बंधित प्रश्नो का उत्तर एक पुस्तक के रूप में संकलित किया जा रहा है जो शीघ्र ही बिक्री के लिए बुक स्टोर में उपलब्ध होगा।
भारत का इतिहास (वर्ष 2012 )
खंड 1 ,शब्द- 30 ,अंक- 2
1 सिंधु सभ्यता का भौगोलिक विस्तार बताये ?
उत्तर- इस सभ्यता का विस्तार पूर्व में आलमगीरपुर(उत्तर प्रदेश ) ,पश्चिम में सुरकोतड़ा(पाकिस्तान ) ,उत्तर में मांडा (जम्मू -कश्मीर ) तथा दक्षिण में दैमाबाद (महाराष्ट्र ) तक विस्तृत था।
2 बौद्ध धर्म में पंच स्कंध है?
उत्तर- बौद्ध दर्शन के अनुसार आत्मा स्कन्धात्मक अर्थात समूहात्मक है। यह समूह पांच तत्वों का है - ये पांच तत्व हैं - रूप , विज्ञान , वेदना , संज्ञा और संस्कार।
3 शिवाजी कीअष्ट प्रधान व्यवस्था क्या है ?
उत्तर - अष्टप्रधान के अन्तर्गत पेशवा(प्रधानमंत्री), अमात्य(वित्त मंत्री), वाकियानवीस(राजा के दैनिक कार्यो का ब्यौरा)के, सुमन्त(विदेश मंत्री),सुरनवीस(राजकीय पत्राचार) सर-ए-नौबत(सेनापति), पण्डितराव एवं न्यायाधीश - आठ पद सम्मिलित थे।
4 द्वैध शासन से क्या समझते है ?
उत्तर- इसके अंतर्गत दो लोगो का शासन शामिल होता है. इलाहाबाद की संधि (1765 ) के द्वारा बंगाल में तथा 1919 के एक्ट के द्वारा भारत में अंग्रजो के द्वारा द्वैध शासन स्थापित किया गया।
5 1857 की क्रांति में मौलवी अहमदुल्ला शाह का क्या योगदान था ?
उत्तर- अवध की विद्रोही सेना का नेतृत्व मौलवी अहमदुल्लाह शाह ने किया था।
जी बी मॉलसन के मुताबिक, " 1857 के विद्रोह की षड्यंत्र के पीछे, मौलवी के मस्तिष्क और प्रयास महत्वपूर्ण थे। इस दौरान रोटी का वितरण, चपाती आंदोलन वास्तव में उनका दिमाग था।
6 होमरूल आंदोलन का प्रेरणा स्रोत क्या था ?
उत्तर - प्रशासन में ब्रिटिश नियंत्रण को कम करने के लिये यह आंदोलन 1870 से 1907 के बीच आयरलैंड में चलाया गया था। एनी बेसेंट तथा तिलक के नेतृत्व में इसी तरह का आंदोलन 1915 में भारत में प्रारम्भ हुआ।
7 काकोरी षडयंत्र केस के बारे में क्या जानते है ?
उत्तर -नौ अगस्त 1925 को हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन के सदस्यों ने काकोरी में एक ट्रेन में डकैती डाली थी.इसका मकसद ट्रेन से सरकारी ख़ज़ाना लूटकर उन पैसों से हथियार खरीदना था ताकि अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध को मज़बूती मिल सके.
8 आज़ाद हिन्द फौज के संस्थापक कौन थे?
उत्तर - द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सन 1942 में जापान की सहायता से टोक्यो में रास बिहारी बोस ने इसका गठन किया। इसके गठन में कैप्टन मोहन सिंह, एवं निरंजन सिंह गिल ने भी योगदान दिया
खंड 2, शब्द 60 ,अंक 4
1 अशोक के अभिलेखों में वर्णित महामात्रो के प्रकार बताये ?
उत्तर अशोक के पंचम शिला लेख ने इसकी पुष्टि भी हो जाती है जिसमें कहा गया है कि उसने धर्मानुशासन के निमित्त अपने शासन के 14वें वर्ष (लगभग 260 ई. पू.) में "धम्म महामात्र" (संस्कृत : धर्म महामात्र) नामक राज कर्मचारी नियुक्त किए। इनके निम्न प्रकार थे -कुमार,नगर व्यवहारिक,अंत,धर्म तथा स्त्री अध्यक्ष महामात्र .
2 अंगेजो की सुरक्षित घेरे की नीति क्या थी?
उत्तर - यह नीति वारेन हेस्टिंग्ज के दिमाग की उपज थी। इस नीति का उद्देश्य बफर ज़ोन बनाकर कंपनी की सीमाओं की रक्षा करना था। इन नीति में ‘रिंग फेन्स’ के भीतर शामिल किये गए राज्यों को, उनके स्वयं के ख़र्चों पर, बाहरी आक्रमण के विरूद्ध सैन्य मदद देने का भरोसा दिया गया था।
3 बंगाल विभाजन के महत्व को रेखांकित कीजिये ?
उत्तर- लार्ड कर्जन ने बंगाल के विभाजन को प्रशासनिक दृष्टिकोण से आवश्यक बताया था.आकार की विशालता और कार्यभार की अधिकता के कारण बंगाल प्रांत का शासन एक गवर्नर के लिए संभव नहीं है. अतः उसने पूर्वी बंगाल और असम को मिलाकर एक अलग प्रांत बनाया. उसका वास्तविक उद्देश्य तो बंगाल की राष्ट्रीय एकता को नष्ट कर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच फूट डालना तथा राष्ट्रवाद का दमन करना था।
4 बारडोली सत्याग्रह पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ?
उत्तर - यह सत्याग्रह भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौरान वर्ष 1928 में गुजरात में हुआ यह एक प्रमुख किसान आंदोलन था जिसका नेतृत्व वल्लभ भाई पटेल ने किया था। उस समय प्रांतीय सरकार ने किसानों के लगान में 22 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी थी। पटेल ने इस लगान वृद्धि का जमकर विरोध किया।इस आंदोलन के सफल होने के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की।
खंड 3 शब्द सीमा - 100 ,अंक - 8
1 दिगंबर तथा श्वेताम्बर में अंतर स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर - यह दोनों ही संप्रदाय जैन धर्म से संबंधित है। परन्तु ,इन दोनों में कुछ मूलभूत अंतर है।
श्वेताम्बर संप्रदाय के लोग सफेद वस्त्र धारण करते है तथा वे वस्त्र धारण को मोक्ष प्राप्ति में बाधक नहीं मानते। दिगंबर संत नग्न रहकर तपस्या करते है तथा वस्त्र धारण को मोक्ष प्राप्ति में बाधक मानते है।
श्वेताम्बर संप्रदाय में स्त्री को मोक्ष का पात्र माना जाता है जबकि दिगंबर संप्रदाय में स्त्री को मोक्ष प्राप्ति का पात्र नहीं माना जाता।
श्वेताम्बर संप्रदाय में ज्ञान प्राप्ति के पश्चात भोजन ग्रहण करने पर विश्वास किया जाता है जबकि दिगंबर में माना जाता है की आदर्श साधु भोजन ग्रहण नहीं करता।
श्वेताम्बर संप्रदाय के लोग प्राचीन जैन ग्रंथो - अंग ,उपांग, वेदसूत्र,मूल सूत्र आदि को प्रामाणिक मानकर उनमें विश्वास करते है जबकि दिगंबर इन्हे मान्यता प्रदान नहीं करते।
2 ग़दर आंदोलन का भारतीय इतिहास में महत्व प्रतिपादित कीजिये ?
गदर आंदोलन भारत के इतिहास का महत्वपूर्ण आंदोलन है।इसकी स्थापना का श्रेय लाला हरदयाल तथा सोहन सिंह भाखना को जाता है।
यह आंदोलन पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष आंदोलन था ।
इसने अंगेजो के दमनकारी तथा शोषणकारी स्वरूप को जनता के सामने लाया।
इसने भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए आम जनता के साथ साथ ब्रिटिश सैनिकों को भी प्रेरित करने का प्रयास किया।
यह अपने विचारधारा को प्रसारित करने के लिए उर्दू तथा गुरुमुखी में गदर के नाम से पत्रिका का प्रकाशन करता था।
इसके अनेक नेताओं ने पंजाब में राष्ट्रवादी आंदोलन को बढ़ावा देकर साम्प्रदायिकता को काफी समय तक रोके रखा।
खंड 4 शब्द 250 अंक 8
द्वितीय नगरीकरण में लोहे की भूमिका का परीक्षण कीजिए?
प्रस्तावना -ईसा-पूर्व लगभग पाँचवीं सदी में मध्य-गंगा के मैदान में नगरों के प्रकट होने के साथ ही द्वितीय नगरीकरण की शुरुआत हुई।उल्लेखनीय है की इन नगरों की स्थापना में लोहे की महत्वपूर्ण भूमिका थी। प्रयोग की वजह से निम्न परिवर्तन आने लगे जिसने अंततः नगरीकरण को प्रोत्साहित किया।
मध्य गंगा घाटी के वर्षा पोषित जंगलों से आच्छादित, कड़ी मिट्टी वाले क्षेत्रों की सफाई, खेती और बस्ती को उपयुक्त बनाने में लोहे का बड़ा लाभ मिला। लोहार लोहे के औज़ारों को ठोस बनाना जानते थे जिससे शिल्पकर्म एवं कृषिकर्म के लिये उपयुक्त औज़ारों की सुलभता सुनिश्चित हो सकती थी।
समुन्नत खाद्य उत्पादक अर्थव्यवस्था मध्य गंगा की जलोढ़ मिट्टी पर सबसे पहले फैलती हुई दिखाई देती है जिससे न केवल उत्पादकों बल्कि शिल्प एवं व्यापार-वाणिज्य क्षेत्र से जुड़े लोगों का भरण-पोषण भी संभव हुआ जो नगरीकरण के लिये काफी अहम है।
इस प्रकार की अर्थव्यवस्था से करों की नियमित वसूली एवं लम्बे समय तक सेना का रख-रखाव संभव हुआ जिससे बड़े-बड़े जनपद राज्य बनकर टिक सकते थे। ऐसे राज्य शिल्प एवं व्यापार-वाणिज्य जैसी गतिविधियों के लिये उचित माहौल उपलब्ध करा पाने में सक्षम थे.
उन्नत अर्थव्यवस्था के कारण आहत मुद्राओं का प्रयोग प्रारम्भ हुआ परिणमतः आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हुई।
जनसंख्या में वृद्धि तथा आर्थिक गतिविधियों में विस्तार ने विभिन्न प्रकार के वस्तुओं की मांग को बढ़ावा दिया जिसकी वजह से विभिन्न प्रकार के शिल्पकारों की श्रेणियाँ बनने लगी।
निष्कर्ष -इस तरह से लोहे ने भारत में दूसरे नगरीकरण को बढ़ावा दिया।
2 भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भारत छोडो आंदोलन के महत्व की विवेचना कीजिए ?
उत्तर - करो या मरो,अंग्रज़ो भारत छोडो नारे के साथ 9 अगस्त 1942 को भारत के इतिहास की महत्वपूर्ण घटना घटित हुई। इस घटना को भारत छोडो आंदोलन के नाम सा जाना जाता है।भारत छोडो आंदोलन का निम्न महत्व है -
यह आंदोलन स्वतंत्रता के अंतिम चरण को इंगित करता है। इसने गाँव से लेकर शहर तक ब्रिटिश सरकार को चुनौती दी। इससे भारतीय जनता के अंदर आत्मविश्वास बढ़ा और समानांतर सरकारों के गठन से जनता काफी उत्साहित हुई। इस आंदोलन के प्रारम्भ में ही शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था फिर भी जनता ने यथा संभव अपने तरीके से इस आंदोलन को आगे बढ़ाया। इस तरह इस आंदोलन ने यह साबित कर दिया की अब आम जनता भी गुलामी के जंजीरो से आज़ाद होने के लिए तत्पर है।
इस आंदोलन के दौरान कई जगहों पर समानांतर सरकार स्थापित हो गयी थी। बलिया में चित्तू पांडेय ,वाई. वी.चह्वाण एवं नाना पाटिल के नेतृत्व में सतारा में तथा तामलुक में जातीय सरकार की स्थापना हो गयी थी।
महिलाये भी इस आंदोलन को नेतृत्व प्रदान करने एवं भाग लेने में पीछे नहीं थी। इनमें प्रमुख थी अरुणा आसफ़ अली,कनकलता,राजकुमारी अमृत कौर,उषा मेहता आदि.
कई भूमिगत आंदोलनकारियों ने कांग्रेस रेडिओ का संचालन किया। उषा मेहता ने मुंबई में तथा नासिक में बाबू भाई ने इसका संचालन किया।
मज़दूरों ने भी इस आंदोलन में बाद चढ़कर भाग लिया। अहमदाबाद ,मद्रास ,बंगलौर आदि जगहों पर मज़दूरों ने हड़ताल की घोषणा कर दी।
इस तरह इस आंदोलन में समाज के प्रत्येक वर्ग ने बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा अंगेजो को इस बात का अहसास दिला दिया की अब भारत में उनके गिनती के दिन बचे है।
धन्यवाद
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