यूएन पीसकीपर्स डे
पृष्ठ्भूमि
यह पहली बार ही होगा जब किसी भारतीय को यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। इस खास सम्मान को हासिल करने वाली भारतीय हैं- मेजर सुमन गवानी। मेजर सुमन इस अवॉर्ड को ब्राजीली नेवी ऑफिसर कार्ला मोंटेरियो दी कास्त्रो अराउजो के साथ साझा करेंगी। यूएन महासचिव एंटोनियो गुतरेज यूएन पीसकीपर्स डे (29 मई) के मौके पर यानी आज एक वर्चुअल समारोह के दौरान इन दोनों महिला अफसरों को सम्मानित करेंगे
कब से और क्यों मनाया जाता है यह दिवस ?
वर्ष 2002 में यूएन की जनरल एसेंबली ने इंटरनेशनल डे ऑफ यूनाइटेड नेशंस पीसकीपर्स की शुरुआत की थी। इसका मकसद उन तमाम महिलाओं और पुरुषों को सम्मानित करना था जिन्होंने शांति की रक्षा में अपने प्राण त्याग दिए थे। जनरल एसेंबली ने 29 मई को इस दिन के लिए चुना क्योंकि साल 1948 में इसी दिन यूएन के पहले पीसकीपिंग मिशन ने अपना संचालन मिडिल ईस्ट में शुरू किया था।
क्या है यूनाइटेड नेशंस (यूएन) पीसकीपिंग मिशन?
संयुक्त राष्ट्र संघ शांति अभियान के द्वारा संघर्ष में फंसे हुए देशों में शान्ति स्थापना का प्रयास किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सैनिक, पुलिस अधिकारी तथा सिविलियन कर्मचारी भेजे जाते हैं। यह पीसकीपर्स संघर्ष में फंसे हुए देशों की स्थिति का अवलोकन करते हैं तथा विभिन्न पक्षों के बीच में शांति स्थापित करने का प्रयास किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान के लिए सदस्य देशों द्वारा सैनिक व कर्मचारी उपलब्ध करवाए जाते हैं। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में 1,04,680 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं (90,454 सैनिक, 12,932 असैन्य कर्मचारी तथा 1,294 स्वयंसेवक)।
भारत तथा यूनाइटेड नेशंस (यूएन) पीसकीपिंग मिशन?
भारत, यूएन पीसकीपिंग मिशन के लिए सबसे ज्यादा मिलिट्री और पुलिस जवान भेजने वाला देश है। भारत के 6,695 पीसकीपर्स इस समय अबेई, साइप्रस, कांगो, हैती, लेबनान, मिडिल ईस्ट, साउथ सूडान और वेस्टर्न सहारा में तैनात हैं।
पिछले 70 वर्षों में यूनाइटेड नेशंस (यूएन) पीसकीपिंग मिशन में ड्यूटी पर शहीद होने वाले सैनिकों में भारतीय सैनिकों की संख्या सबसे ज्यादा है। यूएन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक साल 1948 से अब तक 3,733 पीसकीपर्स यानी शांति सैनिक अपनी जान गंवा चुके हैं लेकिन शहादत के आंकड़ों में भारत का नंबर सबसे ऊपर है.
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