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क्यों हुआ 27 साल बाद टिड्डी दलों का हमला

क्यों हुआ 27 साल बाद टिड्डी दलों का हमला

loctus



  1. मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 27 साल बाद टिड्डी दलों का हमला हुआ है।
  2. बारिश के बाद गीली मिट्टी से टिड्डियां पैदा होती हैं, क्योंकि वहां उन्होंने अंडे दिए होते हैं। फिर ये टिड्डियां हरे क्षेत्र की ओर बढ़ती हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान हो रही निरंतर बारिश ने इन इलाकों में खेत हरे भरे हैं। संभव है कि इस वजह से इन इलाकों में टिड्डी दलों ने हमला किया है।
  3.  इन दिनों अंफान चक्रवात की वजह से हवा एक विशिष्ट दिशा में है, तो ये टिड्डी दल उन हवाओं के साथ आगे बढ़ेंगे और उनके रास्ते में आने वाले किसी भी हरे पैच को खाएंगे। उत्तर की तेज हवाओं ने शायद उन्हें पाकिस्तान से यहां ला दिया है। पाकिस्तान इस समय टिड्डी दलों के हमले से बुरी तरह से जूझ रहा है।
  4. हवा और बारिश ने ऐसी परिस्थिति बना दी है कि जो इन टिड्डी दलों की आवाजाही को आसान बना रही हैं।
  5.  आम तौर पर पुराने और सूखे पत्तों और पौधों की बजाय नए पत्ते पसंद करते हैं क्योंकि उनमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट होता है, जो आसानी से पचने योग्य होते हैं।" टिड्डियों को जहां-जहां नए पत्ते मिल रहे हैं, वे वहां-वहां जा रहे हैं।
  6. टिड्डियां ऊर्जा को लिपिड के रूप में संग्रहीत करती हैं जिसमें पानी होता है। इसलिए उन्हें पानी की ज्यादा जरूरत नहीं होती। इतना ही नहीं, उनके चयापचय की दर (जिस दर पर वे भोजन को पचाते हैं) भी बढ़ते तापमान के साथ बढ़ जाती है, जिससे वे और भी खतरनाक हो जाते हैं। इसका मतलब यह भी है कि बढ़ते तापमान और ग्लोबल वार्मिंग टिड्डों को बहुत अधिक शक्तिशाली बना सकते हैं।
  7. डेढ़ लाख टिड्डियों का वजन लगभग एक टन हो सकता है और ये एक दिन में लगभग 10 हाथियों, 25 ऊंटों या 2,500 लोगों के लिए उतना ही खाना खा सकते हैं। एक बड़ा टिड्डा झुंड प्रति वर्ग किलोमीटर 15 करोड़ तक हो सकता है। एक वर्ग किलोमीटर का झुंड एक दिन में 7,50,000 लोगों या 3,000 हाथियों का खाना खाने में सक्षम है।
Source: Down to Earth

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