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आर्थिक सर्वेक्षण ( वानिकी ) 2019-20


छत्तीसगढ़ में वानिकी से सम्बंधित मुख्य बिंदु 

  • राज्य में आरक्षित वन 25,782,17 वर्ग कि.मी. (43.13 प्रतिशत ) संरक्षित वन 24,036,10 वर्ग कि मी (40.22 प्रतिशत ) व  अवर्गीकृत वन 9,954,13 वर्ग कि मी  (16,65 प्रतिशत ) वन क्षेत्र है तथा  कुल 59,772,40 वर्ग कि मी वनक्षेत्र है | 
  • सकल राज्य घेरलू उत्पाद  में वानिकी क्षेत्र की भागीदारी वर्ष 2018-19 में 6,64,873  लाख रु. तथा 2019-20 (अग्रिम ) 6,70,109 लाख रु, है | 
  • सकल घेरलू उत्पाद में वानिकी का प्रतिशत हिस्सा 2018-19 में  3.04 प्रतिशत व 2019-20 में 2.91  प्रतिशत है |  
  • खदानी  रोपण योजनांतर्गत वर्षो ऋतु वर्ष 2019 में 7.41 लाख पौधों का रोपण किया गया | 
  • वर्ष 2018-19 में  तेंदूपत्ता  का उत्पादन 14.85 लाख मानक बैग तथा  2019-20 में 15.05 लाख मानक  बैग के उत्पादन का लक्ष्य है .

                                                           वानिकी       

  •  राष्ट्रीय लेखा के मामले में राज्य घरेलू उत्पादन में वन क्षेत्र का  योगदान महत्वपूर्ण परिलक्षित होता है जो छत्तीसगढ़ राज्य का भौगोलिक क्षेत्रफल 1,35,191 वर्ग किलोमीटर है , जो की देश के क्षेत्रफल का 4.1 प्रतिशत है | प्रदेश का वन क्षेत्रफल लगभग 59,772 वर्ग किलोमीटर हे , जो की प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्रफल का 44.2 प्रतिशत है | छत्तीसगढ़ राज्य वन क्षेत्रफल की दृष्टि से देश में चौथे स्थान पर है | राज्य के वन आवरण की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का देश  में तीसरा  स्थान है |   
छत्तीसगढ़ राज्य  औषधीय पादप बोर्ड 
बोर्ड का  उद्देश्य -
  • ओषधि पौधों अंत :  एवं बाहय स्थलीय संरक्षण एवं संवर्धन कार्य | 
  • ओषधि पौधों  की पहचान  एवं संसाधनों का सर्वेक्षण | 
  • ओषधि पौधों  के संरक्षण , संर्वधन एवं विनाशविहीन विदोहन हेतु तथा विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन | 
  • ओषधि पौधों का प्रसंस्करण कुटीर उद्योग एवं  लघु उधोगों की स्थापना तथा वनौषधियों के निर्माण  तथा उत्पादनों का विपणन | 
राज्य मद  अंतर्गत  प्रचलित कार्य -
  • बोर्ड द्वारा 24  नवम्बर 2019  को रायपुर में वृहत स्तरीय परंपरागत वैद्य  सम्मेलन सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया , जिसमें लगभग 1205 वैद्य सम्मिलित हुए | 
  • होम हर्बल गार्डन यूजनान्तर्गत 18 वनमंडलों में 25.79   लाख  औषधीय  पौधों (गिलोय, ब्राहमी ,एलोवेरा , अडूसा ,सतावर ,पीपली ,  मण्डूकपर्णी , चिरायता , आवला , पत्थरचूर , स्टीविया ,मेंहदी , गुड़मार , सहजन , बेल , अश्वगंधा , तुलसी  निर्गुडी , हड़जोड़ , आमाहल्दी , नीम , बहेड़ा ,   हर्रा ) 23 प्रजातियों को तैयार कर नि:शुल्क वितरण | सितम्बर 2019  तक वितरण किया जा चुका है | 
लघु वनोपज सहकारी संघ -
  • लघु वनोपज सहकारी संघ राज्य में वनांचलों के निवासियों द्वारा संग्रहित राष्ट्रीयकृत एवं अराष्ट्रीयकृत वनोत्पादों को उचित मूल्य पर क्रय करता है | 
छत्तीसगढ़ राज्य में  उत्पादित वनोपज की मात्रा एवं मूल्य की जानकारी - 
वन उपज का नाम  
  1. ईमारती  काष्ट 
  2. जलाउ लकड़ी 
  3. व्यापारिक बांस 
  4. औद्योगिक बांस 
छत्तीसगढ़ राज्य में उत्पादित  राष्ट्रीयकृत  लघु वनोपज की मात्रा एवं मूल्य की जानकारी - 
वन उपज का नाम

अभी तक 10 लाख 28 हजार तेंदूपत्ता बोरों ...

  1. तेन्दू  पत्ता 
  2. धावड़ा गोंद 
  3. कुल्लू गोंद  
                                                                                                                                                       
छत्तीसगढ़ राज्य में उत्पादित  राष्ट्रीयकृत  लघु वनोपज की मात्रा एवं मूल्य की जानकारी - 
वन उपज का नाम


Forest Department Initiatives - अपनी दुकानों में ...

  1. हर्रा 
  2. साल बीज 
  3. महुआ बीज 
  4. इमली 
  5. अन्य उपज (लाख , चिरायता ,बहेड़ा  इत्यादि  ) 
  6. चिरौंजी                    

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