1944
में हुए ब्रिटेन वुड्स सम्मेलन के द्वारा विश्व बैंक की स्थापना हुए है।
विश्व बैंक की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हुए
अधोसरंचना के नुकसान कि भरपाई करने के साथ साथ विकासशील देशों के विकास में
सहयोग करने के ध्येय से हुआ था।
यह
संयुक्त राष्ट्र का एक विशेष अभिकरण है। अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण
एवम् विकास बैंक तथा अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ को संयुक्त रूप से विश्व
बैंक के नाम से जाना जाता है।
इसकी सदस्यता के लिए अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का का सदस्य होना आवश्यक होता है।
वर्तमान में विश्व बैंक समूह के अंतर्गत 5 संस्थाएं आती है-
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवम् विकास बैंक
- अन्तर्राष्ट्रीय विकास संघ
- अन्तर्राष्ट्रीय वित्त निगम
- बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी
- निवेश विवादों के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्
अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवम् विकास बैंक
वर्तमान
में इसके 189 सदस्य है। इसने वर्ष 1946 में कार्य करना प्रारम्भ किया। जिम
योंग किंग इसके वर्तमान है। उल्लेखनीय है की इसके अध्यक्ष की नियुक्ति
हमेशा अमेरिका से होती है.प्रारम्भ में इसका मुख्य उद्देश्य दूसरे विश्व
युद्ध मे शामिल राष्ट्रो के पुनर्निर्माण में आर्थिक तथा तकनीकी सहयोग करना
था परन्तु वर्तमान में इसका उद्देश्य विकासशील देशो में गरीबी उन्मूलन
करना है.यह अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ के साथ मिलकर विकासशील एवं अल्पविकसित
देशो में मानव संसाधन विकास,कृषि तथा ग्रामीण विकास अवसंरचना विकास एवं
प्रशासनिक सुधार हेतु वित्तीयन में सलग्न है। यह प्रत्येक वर्ष विश्व विकास रिपोर्ट का प्रकाशन करता है।
अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ
इसकी
स्थापना २४ सितम्बर १९६० में सयुंक्त राज्य अमेरिका में हुआ था। वर्त्तमान
में इसके १७३ सदस्य है. REPLENISHMENT के माध्यम से इसके लिए आवश्यक कोष
की पूर्ति की जाती है। यह निर्धन देशो के विकास के लिए मात्र 0.75 % की दर
से 35 से 40 वर्ष की लम्बी अवधि के लिए लोन प्रदान करता है इसलिए इसे विश्व
बैंक की रियायती ऋण देने वाली खिड़की कहा जाता है .इसका मुख्यालय वाशिंगटन
हैं.
बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी
इसकी
स्थापना 1988 में सयुंक्त राज्य अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में हुई थी।
वर्तमान में इसके सदस्य 181 राष्ट्र है। यह विकासशील देशो में प्रत्यक्ष
विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक बीमा प्रदान करता है।
निवेश विवादों के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र
इसका
प्रमुख कार्य अंतर्राष्ट्रीय निवेश विवादों का समाधान करना है। इसकी
स्थापना १९६६ में हुई थी.इसका मुख्यालय वाशिंगटन में है. यह निवेशक तथा
राज्यों के मध्य निवेश से सम्बंधित विवादों का निपटारा करता है। इसके अलावा
यह राज्यों के मध्य होने वाले किसी निवेश समझौते से सम्बंधित विवादों का
भी समाधान करता है।
Comments
Post a Comment